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बच्चों मोर के बारे में आने जरूर सुना होगा, मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। मोर दुनिया के सबसे सुंदर पक्षियों में से एक माना जाता है। मोर के सिर पर मुकुट के समान बनी कलगी और इसी रंग-बिरंगी सुंदर रंगों वाली लंबी पूंछ मोर की पहचान हैं। मोर की आंखों के नीचे का सफेद रंग, उसकी चमकीली लंबी गर्दन उसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है। वर्षा ऋतु में जब मोर अपने पंख फैलाकर नृत्य करता है, तो वह दृश्य अद्भुत होता है। स्वयं भगवान श्री कृष्ण भी अपने मुकुट में मोर पंख लगाते थे।
मोर भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान हैं। हमारे शास्त्रों में भी मोर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। मुख्य रूप से मोर की दो प्रजातियां पाई जाती हैं- नीला मोर भारत, नेपाल और श्रीलंका में और हरा मोर जावा, इंडोनेशिया तथा म्यांमार में पाया जाता है। भारत में मोर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और उत्तरप्रदेश में ज्यादा पाए जाते हैं। मोर दुनिया भर में उड़ने वाले विशाल पक्षियों में से एक है। नर मोर की लंबाई उसकी पूंछ सहित लगभग साढ़े 5 फीट तक होती है, जिसमें उसकी पूंछ ही उसकी कुल लंबाई की तकरीबन 60 प्रतिशत होती है। एक वयस्क मोर का वजन 4 से 6 किलोग्राम होता है, जबकि मोरनी नर मोर से काफी छोटी, तकरीबन 1 मीटर लंबी होती है। मोर को संस्कृत में मयूर कहते हैं। मोर मोरनियों की अपेक्षा बड़े होते हैं। सुंदर रंग-बिरंगे पंख भी मोर के ही होते हैं। एक परिवार में एक ही मोर होता है। जबकि कई मोरनियां होती हैं। मोर अपनी पूंछ धनुषाकार में ऊपर की ओर फैलाकर नाचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मोरों को बारिश का पूर्वाभास हो जाता है और वे खुशी में नृत्य करते हैं। माना जाता है कि मोरनियां मोर के आकार, रंग और पूंछ की सुंदरता से बहुत आकर्षित होती हैं। मोर को गर्मी और प्यास बहुत सताती है, इसलिए नदी किनारे के क्षेत्रों में रहना मोर को पसंद होता है। मोर घनी झाडि़यों में अपना घोंसला बनाते हैं। रात को मोर पेड़ों पर खड़े-खड़े सोते हैं। मोर ज्यादातर समय जमीन पर पैदल चलते हुए बिताते हैं। उड़ान वे किसी विशेष कारण, जैसे खतरे से बचने या फिर शिकार के लिए ही भरते हैं। मोरनी वर्ष में 3 से 5 अंडे देती है। अंडा सेने और बच्चों का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी मोरनी की ही होती है। मोर मुख्य रूप से चने, गेहूं, मकई जैसे अनाज खाते हैं। यह बैंगन, टमाटर, प्याज जैसी सब्जियां भी खाते हैं। इसके अलावा मोर कीड़े-मकोड़े, चूहे, छिपकली और सांपों को भी अपना भोजन बनाते हैं। जंगलों की लगातार कटाई और मोर के अवैध शिकार के चलते मोरों की संख्या कम हो रही है। मोर एक संरक्षित पक्षी है। इसको मारना अपराध है। बच्चो, यदि आपको मोर देखना है तो आप चिडि़याघर जा सकते हैं, या फिर किसी गांव के भ्रमण पर। संभव है वहां पर आपको नाचता हुआ मोर दिखाई दे जाए। पाञ्चजन्य ब्यूरो
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