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स्वामी विवेकानन्द के विचारों के प्रसार हेतु रथयात्रा

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Feb 15, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 15 Feb 2014 15:19:40

वनवासी क्षेत्रों में स्वामी विवेकानन्द के विचारों को पहुंचाने के लिए गत दिनों रांची(झारखण्ड) से एक रथयात्रा शुरू हुई। यह यात्रा उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होती वापस रांची पहुंचकर समाप्त हुई। इससे पूर्व यात्रा 8 फरवरी को जशपुर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम परिसर पहुंची। आश्रम परिसर में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के अलावा कुछ गणमान्य नागरिकों ने रथ का स्वागत किया। रथ के साथ स्वामी सोमेशानंद, कोयम्बतूर (तमिलनाडु) व बस्तर क्षेत्र के श्री संतोष महाराज भी पधारे।
आश्रम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी सोमेशानंद ने बताया कि इस रथयात्रा के जरिए कल्याण आश्रम व रामकृष्ण मिशन के सम्मिलित प्रयास से भारत के सुदूर वन्य क्षेत्रों तक स्वामी जी का स्ंादेश पहुंचाया गया।
मुख्य वक्ता आदिम जाति विकास आयुक्त श्री जे़ आऱ नागवंशी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व हिमालय सरीखा विशाल था। उनकी सोच,उनका चिन्तन भारत के सभी वर्गों में सौहार्दपूर्ण स्थिति बनाता है। कल्याण आश्रम के सेवा प्रकल्पों से वनवासी छात्र-छात्राओं को काफी लाभ मिलता है। समारोह को कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री सोमैया जुलू (मुम्बई) और श्री कृपाप्रसाद सिंह, संयोजक अस्मिता आयाम, स्वामी विवेकानंद सार्द्घशती समारोह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख श्री लक्ष्मीपति शर्मा, संगठन मंत्री श्री देवनंदन आदि उपस्थित थे। इसके बाद यह रथ यात्रा रांची के लिए रवाना हो गई। इस रथयात्रा का समापन समारोह रांची में ही आयोजित हुआ। प्रतिनिधि
पटना में राज्य स्तरीय प्रथम सेवा संगम
गत 2 फरवरी को पटना में प्रथम सेवा संगम आयोजित हुआ। संगम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख श्री अजीत महापात्र ने कहा कि सेवा कार्य मनुष्य का सर्वोपरि कार्य है। स्वयं के लिए तो सभी जीते हैं, परंतु जिसमें थोड़ी मानवता एवं संवदेनशीलता होती है वे अपने अलावा दूसरों के लिए भी जीते हैं। महापुरुषों ने अपने आचरण से यह साबित किया है कि मनुष्य का सर्वोपरि धर्म सेवा धर्म है।
पटना के शाखा मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय प्रथम सेवा संगम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्री महापात्र ने कहा कि सेवा किसी देश, समाज और संस्था की सफलता का पैमाना होता है। इसके माध्यम से हम देश की दशा और दिशा तय करते हैं। राज्य के लगभग तीन सौ स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने आह्वान किया कि पीडि़त मानवता की सेवा के लिए हम सब तन, मन एवं धन से सेवा कार्यों में भाग लें।
सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय सह सचिव श्री गुरुशरण प्रसाद ने कहा कि आज हमारे समाज में अविश्वास का माहौल बन रहा है। सेवा के प्रति भी अविश्वास का माहौल खड़ा किया गया है।
अपने उद्बोधन में संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री स्वांत रंजन ने कहा कि सेवा व्यवसाय नहीं हो सकता, परंतु विकास के पाश्चात्य मॉडल के अंधानुकरण से भ्रांतियां फैली हैं। हिन्दू दर्शन में मानवता के समग्र विकास का चिंतन है। कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें स्वयंसेवी संस्थानों ने अपने कार्य एवं कार्य में होने वाली परेशानियों को उपस्थित जन समुदाय के समक्ष रखा।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) के क्षेत्र संघचालक श्री सिद्धिनाथ, राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय मंत्री श्री सुंदर लक्ष्मण, राष्ट्रीय सेवा भारती की श्रीमती रमा पोपली एवं अन्य लोगों ने अपने विचार रखे। मंच संचालन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्री मुनेश्वर प्रसाद सिन्हा एवं अतिथियों का स्वागत प्रांत सेवा प्रमुख श्री मनोज कुमार ने किया। संजीव कुमार
मेरठ में क्रीड़ा भारती की अखिल भारतीय बैठक
भारतीय खेलों को विश्वस्तरीय प्रसिद्धि दिलाने तथा भारत को खेल के क्षेत्र में विश्वविजेता बनाने के संकल्प के साथ क्रीड़ा भारती की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक मेरठ में 1 व 2 फरवरी को सम्पन्न हुई। इसमें एक प्रस्ताव पारित कर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न तुरंत प्रदान करने की मांग की गई। एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में पूरे देश की महिलाओं के बीच ह्यसमर्थ महिला-सक्षम महिलाह्ण नाम से एक कार्यक्रम चलाने की योजना बनी। इसके अन्तर्गत छात्राओं व कामकाजी महिलाओं को खासकर आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। यह जूडो-कराटे आदि मार्शल कलाओं पर आधारित होंगे। क्रीड़ा भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या पूनम विश्नोई इस दृष्टि से पूरे देश का प्रवास करेंगी। बैठक में क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चेतन चौहान, उपाध्यक्ष श्री नारायण सिंह राणा, कार्याध्यक्ष श्री लक्ष्मणराव पार्डीकर, महामंत्री श्री राज चौधरी, मंत्री श्री संजय तिवारी, सहमंत्री श्री बलवंत सिंह सोढी और कोषाध्यक्ष श्री कमलाकर क्षीरसागर भी मौजूद थे। बैठक में ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के काम को वरीयता देने का फैसला हुआ। भारतीय खेलों को अन्तरराष्ट्रीय फलक पर स्वीकार्यता दिलाने के लिए केन्द्र सरकार व अनिवासी भारतीयों से सहायता की अपील की गई। क्रीड़ा भारती की बैठक में यह भी तय किया गया कि सूर्य नमस्कार, जो एक सम्पूर्ण व्यायाम है, को निरन्तर देश तथा विदेश में लोकप्रिय बनाया जाएगा। अजय मित्तल
योगचाप चालन में क्रीड़ा भारती का नाम गिनिस बुक में शामिल
26 जनवरी 2014 को क्रीड़ा भारती ने सांगली (महाराष्ट्र) में योगचाप चालन में एक साथ 7,338 छात्रों को प्रस्तुत कर एक विश्व रिकार्ड बनाया। इस अवसर पर गिनिस बुक ऑफ रिकार्ड्स के पदाधिकारी भी बुलाए गए थे। उन्होंने स्वयं कार्यक्रम देखकर और प्रतिभागियों की गिनती कर विश्व रिकार्ड का प्रमाणपत्र क्रीड़ा भारती के कार्याध्यक्ष श्री लक्ष्मणराव पार्डीकर को प्रदान किया। इस अवसर पर क्रीड़ा भारती के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
खरगौन में शीत शिविर सम्पन्न
गत दिनों खरगौन(म.प्र.) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शीत शिविर आयोजित हुआ। इसमें लगभग 500 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। ठण्ड के बावजूद स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बनता था। शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मालवा प्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री प्रराग अभयंकर का बौद्धिक हुआ। उन्होंने कहा कि आज विश्व के 70 देशों में 50 हजार से ज्यादा संघ की शाखाएं संचालित होती हैं। संघ व्यक्ति निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। कभी हमारा राष्ट्र सोने की चिडि़या हुआ करता था और विश्व गुरु कहलाता था। देश पुन: विश्व गुरु का स्थान प्राप्त करे,यही संघ का ध्येय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति श्री कमलेश भंडारी ने की। ल्ल प्रतिनिधि

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