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गत 31 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने अरविंद केजरीवाल और उनकी 'आम आदमी पार्टी' के संदर्भ में एक प्रेस वक्तव्य जारी किया। वक्तव्य में उन्होंने ह्यआआपाह्ण को गुप्त रूप से समर्थन दे रही विदेशी ताकतों पर सवाल खड़े किए।
श्री सिंहल का कहना था कि केजरीवाल पिछले डेढ़-दो वर्ष में 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' तथा जन लोकपाल बिल के लिए हुए प्रदर्शन के नेता के रूप में समाज के सामने आये, बाद में उन्होंने राजनैतिक दल का गठन किया। कांगे्रस की घटती लोकप्रियता का लाभ लेकर और जनता को भ्रमित कर केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हो गए। आज पूरे देश में यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि केजरीवाल के सत्ता में आने के पीछे कौन सी महाशक्ति खड़ी है। धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि उनके पीछे अमरीका का 'फोर्ड फाउण्डेशन' और उसकी सहायक अमरीका की गुप्तचर संस्था सीआईए का बहुत बड़ा हाथ है।
उल्लेखनीय है कि भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी आज तक भारत के बाजारों एवं नीतियों पर पश्चिमी देशों की पकड़ बनी हुई है। नरेंद्र मोदी की बढ़ती हुई शक्ति से भयभीत होकर विदेशी ताकतों को ऐसा लगने लगा कि जिस कांग्रेस सरकार के माध्यम से वे भारत के बाजार पर अपना आधिपत्य बनाए हुए थे वह समाप्त होने वाला है, तो उन्होंने 'फोर्ड फाउण्डेशन' के माध्यम से उन सारी ताकतों का एकीकरण किया जो मोदी को भारत का नेता बनने से रोक सकें। आज फोर्ड फाउण्डेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन तथा क्लिंटन फाउंडेशन के द्वारा सीधे और परोक्ष रूप से सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाएं, नक्सलियों के हिंसक संगठन, जिहादियों के हिंसक संगठन और बड़ी तेजी से विदेशी सहायता से चलने वाले टीवी चैनल व उनके संचालक तथा कई पत्रकार व हजारों एनजीओ वाले केजरीवाल की पार्टी के रूप में अमरीका के हित साधने के लिए भारत में खड़े हो गए हैं। केजरीवाल को 'मैग्सेसे पुरस्कार' दिया गया , यह पुरस्कार फोर्ड फाउंडेशन द्वारा उन लोगों को देने की कोशिश होती है जो अमरीका के हित में कार्य कर सकें।
कुछ दिन पूर्व अमरिका से सिमिरित ली नामक महिला भारत इस बात का आकलन करने के लिए आई थी कि भारत में अमेरीका के हित के लिए कौन-कौन वास्तविक रूप में सच्चाई और ईमानदारी के साथ काम कर सकेगा। इसी महिला ने मिस्र में हुस्नी मुबारक के विरुद्घ फोर्ड फाउंडेशन की शक्ति कैसे सफल हो सकती है, इसकी एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी। मुख्यमंत्री के पद पर होने के बाद भी भारत के संविधान का उल्लंघन करते हुए धरने पर बैठना केजरीवाल और उनकी टीम के अराजक और नक्सली व्यवहार का खुला प्रदर्शन है।श्री अशोक सिहल ने कहा भारत एक संप्रभुता संपन्न स्वतंत्र शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही खड़ा हो सकता है। यही आज पूरे देश की मांग है। प्रतिनिधि
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