मुम्बई में मोदी की महागर्जना-वोट फॉर इण्डिया
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मुम्बई से लौटकर आलोक गोस्वामी
21 दिसम्बर की शाम। विले पार्ले (पूर्व) में समर्थ गुरु रामदास ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री राम मंदिर। संध्या आरती की घंटध्वनि। मंदिर में श्रद्घालुओं के साथ ही कुछ वेद पाठी राम दरबार के दिव्य दर्शन के सामने आरती कर रहे थे। हमने भी सबके साथ राम आरती की। आरती के बाद प्रसाद लिया और वहीं हमारी भेंट हुई पास ही रहने वाले विवेक चितले से। 22 साल के विवेक कालेज पूरा करके आईएएस की तैयारी कर रहे हैं। नाम-धाम की चर्चा के बाद हमने विवेक से अगले दिन यानी 23 को मुम्बई में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की महागर्जना रैली की बात निकाली तो वे एकदम जोश में आते हुए बताने लगे कि कैसे मोदी को लेकर मुम्बई में एक उत्साह का माहौल है। लोगों में अब भ्रष्टाचारी कांग्रेस के शासन से उस महानगरी में ही नहीं, बल्कि देशभर में गुस्सा है। ह्यमोदी आएं तो हालात सुधर सकते हैं। नहीं तो ऐसाइच चलेगा, कोई देखने वाला नहीं, कोई सुनने वाला नहीं।ह्ण विवेक के स्वर में रोष था। 65 साल के मनोहर कुलकर्णी भी मिले। वे अपनी दुकान चलाते हैं। मनोहर जी ने बताया, मोदी की रैली में वे जरूर जाएंगे। हमने पूछा, ह्यरैली की भीड़भाड़ और धूप-ताप तो नहीं सताएगीह्ण? इस पर वे थोड़ा मुस्कुराए और बोले, ह्यवांदा नई, अपुन तो जाएगा। मोदी रोज तो आते नहीं। देश में अब खून चूसने वालों का राज नहीं चाहिए। अपुन कहे देता है, लिख लो, 2014 में मोदीच पीएम बनेंगे।
नरेन्द्र मोदी की रैली को लेकर मुम्बई महानगरी में जोश दिखा। सड़कों पर महागर्जना रैली के पोस्टर और भाजपा के झंडे लहरा ही रहे थे। रविवार की छुट्टी के बावजूद सड़कों पर खूब सारी गाडि़यां दौड़ रही थीं। विले पार्ले (पूर्व) से सीधी सड़क थी बांद्रा-कुर्ला परिसर की तरफ। वहीं पर मोदी की रैली होनी थी। हम भी रेले में शामिल होकर मैदान की ओर बढ़े। मैदान को रैली के मौके पर नाम दिया गया था पं़ दीनदयाल उपाध्याय मैदान। साढ़े दस बजते तक सूरज अपने पूरे ताप पर। मैदान से किलोमीटर पहले से ही भाजपा की टोपियां लगाए, झंडे लहराते नौजवानों के दल ह्यआला रे आला-मोदी आलाह्ण के नोर लगाते बढ़ते दिखे। सुरक्षा ऐसी कि प्रेस की गाडि़यों को भी पुलिस वालों ने शार्ट कट की बजाय तय रास्ते से ही गुजरने दिया। हर नाके-चौक पर पुलिस वालों के साथ भाजपा कार्यकर्ता व्यवस्था संभाले हुए थे। सड़क पर एक बड़ा सा हुजूम। जिधर देखो, वहीं रेलों में बढ़ते जवान, बूढ़े, बच्चे, महिलाएं और युवतियां। 70 साल के केशव लोमटे तुलजापुर (उस्मानाबाद) से अपने सौ साथी गांववालों के साथ बढ़े जा रहे थे। चलते चलते ही बात हुई। माथा पसीने से तर, सिर पर सामान का थैला। कमीज पर मोदी के फोटो वाला बिल्ला।
मेटल डिटेक्टरों और पुलिसिया छानबीन के बाद हम मैदान में दाखिल हुए। बाहर जितना जोश दिखा था लोगों में, मैदान के अंदर उससे दोगुना जोश। धूप का ताप अपने चरम पर था, लेकिन मैदान धीरे धीरे भरता जा रहा था। मुख्य मंच के दाएं और बाएं दो छोटे मंच थे। दाएं वाले पर कलाकार और गायक गीतों और अभिनय के माध्यम से क्रांतिकारियों का जीवन प्रस्तुत कर रहे थे। बाएं वाले पर स्थानीय विधायक, नेता बैठे थे। मुख्य मंच पर महाराष्ट्र और मुम्बई भाजपा के पदाधिकारी और केन्द्रीय पदाधिकारी, सांसद वगैरह। पीछे बड़ी बड़ी रंगीन स्क्रीनों पर मैदान में उमड़ते जनसागर के दृश्य दिख रहे थे।
प्रदेश और मुम्बई भाजपा नेताओं के भाषणों में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का ब्योरा था। किस तरह चव्हाण सरकार एक के बाद एक घोटालों में फंसती जा रही है लेकिन आरोपियों को अभयदान दिया जा रहा है। विनोद तावड़े, प्रदेश भाजपाध्यक्ष देवेन्द्र फणनवीस, भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूढ़ी ने प्रदेश और केन्द्र में कांग्रेस के कुशासन की परतें उघाड़ीं। मैदान में रह-रहकर भाजपा जिंदाबाद के नारे गूंज उठते थे।
टीकाटीक दोपहरी में, 1़10 पर नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की घड़-घड़ ने सबकी आंखें आसमान की ओर उठा थीं। मैदान में जोश हिलोरें लेने लगा। उत्साही नौजवानों ने ह्यआला रे आला़.़.ह्ण के नारे लगाए। सामने बड़ी स्क्रीन पर मोदी, भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह के हेलीकॉप्टर से उतरने और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे और विनोद तावड़े के उनका स्वागत करने के चित्र दिखे तो जोश में तेजी आ गई। और कुछ पल बाद जैसे ही नरेन्द्र मोदी मंच पर आए, मैदान में सबने खड़े होकर नारे लगाते हुए नेताओं का अभिवादन किया। स्क्रीन पर ह्यमहानायक़.़.नमो नमोह्ण गीत के साथ मोदी के चित्र तिरने लगे। मुंडे ने बोलना शुरू किया। उन्होंने घोटाले से पटी महाराष्ट्र सरकार की तुलना अलीबाबा और चालीस चोर से की। नितिन गडकरी ने मुम्बई का जोश देखकर कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि 2014 के चुनाव में मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रमंडल खेल, 2 जी और कोयला आवंटन में दुनिया में सबसे बड़ा, कुल 4 लाख 88 हजार करोड़ का घोटाला किया है। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में महाराष्ट्र में जन्मीं विभूतियों, जैसे शिवाजी, सावरकर, डा़ हेडगेवार, श्री गुरुजी, बाल ठाकरे को याद करके महाराष्ट्र की भूमि को नमन किया। चार राज्यों में विधान सभा चुनावों में भाजपा की जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार को मिटाने का संकल्प कर चुकी है। उन्होंने मनमोहन सरकार की आतंक के खिलाफ नरम नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सेना को पूरी छूट दी जाए तो वह इस समस्या को सदा के लिए समाप्त कर दे। राजनाथ ने लोकपाल कानून बनने का श्रेय अण्णा हजारे को देते हुए कहा कि कांग्रेस बेवजह अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने किसानों की मुश्किलों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है क्योंकि कांग्रेस सरकार किसानों के हित में काम नहीं कर रही है।
जैसे ही, 2.़20 पर मोदी बोलने के लिए खड़े हुए भाजपा के हजारों झंडे लहराने लगे, पूरे मैदान में नारे गूंज उठे। मराठी में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने शिवाजी, अम्बेडकर, महात्मा फुले की धरती को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि गुजरात वालों के लिए मुम्बई दूसरा घर है। यहां जिस तरह गुजराती भाषा का लालन-पालन हुआ है उससे लगता है जैसे महाराष्ट्र गुजराती भाषा का मायका है। उन्होंने महाराष्ट्र से गुजरात के पृथक होने के दिन, यानी 1 मई 1960 के बाद से विकास में महाराष्ट्र के पिछड़ जाने के पीछे कांग्रेस के भ्रष्टाचार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इस दौरान गुजरात में 14 मुख्यमंत्री बने जबकि महाराष्ट्र में 26 मुख्यमंत्री बने हैं। इसलिए देश की समस्याओं को सुलझाना है तो पहले कांग्रेस का चरित्र समझना पड़ेगा, क्योंकि हर समस्या की जड़ में कांग्रेस की सरकारें हैं। मोदी ने आह्वान किया कि, जिस तरह मुम्बई के अगस्त क्रांति मैदान से ह्यअंग्रेजो, भारत छोड़ोह्ण का नारा गूंजा था उसी तरह मुम्बई से ह्यकांग्रेस मुक्त भारतह्ण की आवाज उठनी चाहिए। कांग्रेस अंग्रेजों से अपनाई ह्यबांटो और राज करोह्ण की नीति पर चलती है और इसने हर बात पर समाज को आपस में लड़ाया। वोट बैंक राजनीति के लिए लोगों को मत-पंथ के नाम पर लड़ाया।
राहुल गांधी ने अभी फिक्की में भाषण देते हुए भ्रष्टाचार को धिक्कारा था, उस पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि, कांग्रेस के एक बड़े नेता भ्रष्टाचार पर किस मुंह से भाषण देते हैं? कांग्रेस तो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है, ऐसे में उनकी हिम्मत कैसे हो जाती है इस पर बोलने की? उन्होंने कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों की भलाई का दिखावा करती है जबकि केन्द्र सरकार ने 3 साल से देश के 90 अल्पसंख्यक जिलों की पहचान कर रखी है, लेकिन अब तक योजना कोई नहीं बनी। क्योंकि उसका अल्पसंख्यक हित एक दिखावा है। मोदी ने काले धन पर कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़ा किया और कहा कि कांग्रेस में हिम्मत है तो संसद में कानून बनाकर काला धन वापस ला सकती है। पर वह ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उसमें उसी के नेता फंसेंगे। बढ़ती बेरोजगारी के लिए मोदी ने रिश्वत देने की कांग्रेसी परंपरा की भर्त्सना करते हुए कहा कि चूंकि गरीब घर का लड़का गांधी जी के फोटो वाले नोट नहीं दे पाता इसलिए उसे नौकरी भी नहीं मिलती। बेरोजगारी दूर करनी है तो भ्रष्टाचार दूर करना होगा और अगर देश यह तय कर ले तो ऐसा हो सकता है। विकास पर मोदी का सीधा सा कहना था कि सुशासन हो तो विकास संभव है। उन्होंने कहा कि कुशासन डायबिटीज की तरह है। इसलिए सुराज्य लाना जरूरी है। सुराज्य हमारा जन्मसिद्घ अधिकार है। भारत में फिल्म जगत की शताब्दी के संदर्भ में मोदी का कहना था कि इतने बड़े फिल्म उद्योग में फिल्म निर्माण से जुड़ी हर विधा में हुनरमंद लोगों के लिए एक फिल्म विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए था। अपने भाषण के आखिर में उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल देश से ऊपर नहीं होता इसलिए 2014 के चुनाव में वोट दल के लिए नहीं, देश के लिए मांगें। हम प्रण करें ह्यभारत के लिए वोटह्ण देंगे, भारत से कुशासन दूर करने, महंगाई हटाने, भ्रष्टाचार मिटाने, महिलाओं के सम्मान, गरीबों के उत्थान और जन जन के कल्याण के लिए ह्यभारत को वोट देंगेह्ण। मैदान ह्यवोट फॉर इंडियाह्ण के नारों से गूंज उठा।
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