झुग्गी बस्ती-सिर्फ कांग्रेसी वोट बैंक
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

झुग्गी बस्ती-सिर्फ कांग्रेसी वोट बैंक

by
Nov 30, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 30 Nov 2013 16:36:09

पिछले विधानसभा चुनावों से पहले वर्ष 2008 में दिल्ली सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटने के मुद्दे पर  लोकायुक्त द्वारा दी गई रिपोर्ट में उसे कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति करार दिए जाने के बाद एक बात साफ हो गई है कि कांग्रेस ने अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए लोगों को बसा तो दिया, लेकिन  इन कॉलोनियों में न पानी की निकासी की व्यवस्था है, न सफाई और ना ही स्वच्छ शौचालयों की। यहां हैं तो सिर्फ गंदी गलियां, खुले पानी में पनपते मच्छर और बीमारियां। यहां नेता नजर तो आते हैं लेकिन सिर्फ मौसमी… की तरह
दिल्ली की तस्वीर बदलने की बात कहकर चुनावों में वोट मांग रही कांग्रेस सरकार राष्ट्रमंडल खेलों के समय बने फ्लाइओवर, ओवरब्रिज और चौड़ी सड़कों की बात करती है, लेकिन दिल्ली की उन झुग्गी बस्तियों और पुनर्वास कॉलोनियों को नहीं देखती जहां विकास का नामोनिशान तक नहीं है। तंग और गंदी गलियां, 22 गज और साढ़े 12 गज के मकानों में रह रहे 20-20 लोगों के परिवार। यदि कांग्रेस की नीतियों को देखा जाए तो इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए हुआ है। उल्लेखनीय है कि  वर्ष 1960 में कांग्रेस ने निचले तबके के लोगों के लिए 45 पुनर्वास कॉलोनियां, गोकलपुरी, मंगोलपुरी, दक्षिणीपुरी, इंदिरापुरी, नंदनगरी, जगतपुरी, कल्याणपुरी आदि बसाई थीं। उस समय कांग्रेस सरकार ने उस समय लोगों को 25-25 गज के प्लाट आवंटित किए थे। आबादी बढ़ी तो जगह की कमी पड़ने लगी। इसके बाद प्लाटों को आधा यानी यानी साढ़े 12 गज का कर दिया गया। इन कॉलोनियों के बसाए जाने के बाद लोगों को रहने के लिए छत तो मिल गई पर उनके जीवन स्तर में कोई तरक्की नहीं हुई। योजना आयोग के एक अध्ययन के अनुसार इन कॉलोनियों में दिल्ली की कुल 1.67 लाख आबादी में से 21 लाख लोग रहते हैं। जब पुनर्वास कॉलोनियों में रहने वाले कुछ लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि  रोजमर्रा के जीवन में  उन्हें साफ पानी, स्वच्छ शौचालयों जैसी मूलभूत सुविधओं से दो चार होना पड़ता है।
छोटे-छोटे मकानों में लगातार बढ़ते परिवार कोई विकल्प न होने के कारण कई-कई मंजिला मकान बना रहे हैं। यहां जो निर्माण कार्य किया जा रहा है वह गुणवत्ता की दृष्टि से ठीक नहीं हैं। इसके चलते कई बार इन कॉलोनियों में हादसे भी होते हैं। उनमें गरीब लोग मारे जाते हैं। दिल्ली में करीब 685 स्लम बस्तियां भी हैं। इसके अलावा करीब 1639 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। इन कॉलोनियों में अवैध निर्माण जोरों पर है। भूमाफियाओं ने  यहां की जमीनों पर कब्जा जमा लिया है। हर बार चुनावों के दौरान यहां रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन चुनावों के खत्म होते ही चुनावों से पहले किए गए वायदे हवा हो जाते हैं। पांच वर्षों तक किसी को इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की याद नहीं आती, नतीजतन कॉलोनियों के हालात में कोई बदलाव नहीं आता और लोगों की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं।
ह्यस्लम वोट बैंकह्ण में बसपा लगा रही सेंध
बरसों से कांग्रेस का वोट बैंक रही स्लम बस्तियों की वोटों में बसपा भी सेंध लगा चुकी है। पिछले विधानसभा चुनावों में बसपा ने गोकलपुरी और बदरपुर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था। बसपा के प्रत्याशियों के जीतने का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले अधूरे वायदों का पूरा न होना और स्लम में रहने वाले लोगों को कांग्रेस को वोट ना करना था। गौतमपुरी में रहने वाले नरोत्तम का कहना है कि उनके दादा को 1960 में यहां पर प्लॉट मिला था। अब उनका परिवार बड़ा हो गया है। बढ़ती आबादी के कारण इलाके की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। स्थिति यह होती कि रात को लोग गली में खाट बिछाकर सोते हैं। कांग्र्रेस के  हर बार के झूठे वायदों से लोग ऊब चुके हैं। इस बार तो लोगों में इस कदर गुस्सा है कि यदि कांग्रेस का कोई प्रत्याशी वोट मांगने उनके दरवाजे पर आता है तो लोग अपना गेट बंद कर देते हैं।
सुविधाओं की होती हैं सिर्फ बातें
हर बार चुनावों से पहले दिल्ली की कांग्रेस सरकार स्लम बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों को चुनावी मुद़्दा बनाकर भुनाने की कोशिश में जुट जाती है। वर्ष 2008 में बिना मूलभूत सुविधाएं दिए अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटने के मामले में लोकायुक्त शीला सरकार को  कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। लोकायुक्त ने अपनी जांच में पाया था कि सरकार ने लोगों को जो सर्टिफिकेट बांटे थे वह सिर्फ एक छलावा था। वह कांग्रेस की वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश थी।
इस बार भी कांग्रेस ने बाकी बची अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर वहां रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिए जाने का चुनावी शगूफा छोड़ा है। यहां तक की कांगे्रस ने वन क्षेत्र पर बसी हुई कॉलोनियों को भी नियमित करने का आश्वासन दिया है। जो कि नियमानुसार संभव नहीं हैं। कांग्रेस ने जिन कॉलोनियों को के लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थे। यदि उन कॉलोनियों पर भी नजर डाली जाए बीते पांच वर्षों में वहां कोई विकास कार्य नहीं हुआ। संगम विहार में रहने वाले एमपी सिंह का कहना है कि कांग्रेस वोट मांगने के लिए तो उनके इलाके में हमेशा आती है, लेकिन जब मूलभूत सुविधाओं सड़कों, सीवरों की बात की जाती है तो कह दिया जाता है कि कॉलोनियां नियमित नहीं हैं इसलिए विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
25 गज में कहां सोए और कहां बनाएं खाना
गोकलपुरी में रहने वाले गौरव पारिख ने बताया कि उनके पिता को गोकलपुरी में मकान मिला था। 25 गज के मकान में दस लोगों का उनका परिवार बमुश्किल ही रह पाता है। यदि घर में एक दो रिश्तेदार आ जाते हैं तो नीचे फर्श पर सोना पड़ता है। रात के समय बिजली जाने की स्थिति में हाल इतना बुरा हो जाता है कि आधी से ज्यादा कॉलोनी के लोग गली में बाहर आकर बैठते हैं या फिर सड़क पर तब तक टहलते रहते हैं जब तक की बिजली ना आ जाए। घरों में रसोई तक के लिए जगह नहीं हैं, आधे से ज्यादा लोग गली में चूल्हा रखकर खाना बनाते हैं। दिल्ली की  ऐसी स्थिति के लिए सिर्फ कांग्रेस जिम्मेदार है।

ह्य40 प्रतिशत जनता पानी के लिए परेशानह्ण
वैसे तो दिल्ली में बहुत सारी समस्याएं हैं, लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो बेहद गंभीर हैं और जिनका निदान होना आवश्यक है। दिल्ली की पांच बड़ी समस्याओं और उनके समाधान को लेकर हमने दिल्ली के पूर्व प्रमुख सचिव ओमेश सहगल से बात की। उन्होंने दिल्ली की पांच बड़ी समस्याएं बढ़ती आबादी, वाहनों का बढ़ता पंजीकरण, मकानों की कमी, पानी की समस्या और  लगातार बढ़ता कचरा बताया। बढ़ती आबादी को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली के आसपास के शहरों से संपर्क बढ़ाना होगा। गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से आगे जाकर बाकी के शहरों सोनीपत, पानीपत, मेरठ और धारुहेड़ा तक अच्छे और जल्द पहंुचाने वाले यातायात की व्यवस्था करनी होगी। उपनगरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए रेल के नेटवर्क को  मजबूत करना होगा। ताकि दिल्ली में नौकरी करने वाले लोग दूसरे शहरों में भी बसने से गुरेज न करें। मकानों को लेकर उनका कहना था कि जो भी मास्टर प्लान बनाया जाए उसे सही तरीके से लागू किया जाए। मास्टर प्लान के नियम व कायदों का सही से पालन किया जाए। यह नहीं कि पहले अनधिकृत कॉलोनियों को बसने दिया जाए उसके बाद उसे नियमित कर दिया जाए। इससे व्यवस्था खराब होती है। पानी की समस्या को लेकर उन्होंने कहा दिल्ली की 40 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जहां पाइप से पानी पहुंचता ही नहीं है। दिल्ली के पास अपना पानी नहीं हैं और भूजल का स्तर लगातार घटता जा रहा है। यमुना से जो पानी दिल्ली को मिलता है वह दिल्ली के लिए काफी नहीं होता। सबसे पहले भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके बाद सही तरीके से लोगों को पीने का पानी पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। कचरे की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि रोजाना दिल्ली में हजारों टन कचरा जमा होता है। इसके निस्तारण के लिए मास्टर प्लान में कुछ संशोधन किए गए थे, लेकिन वह लागू नहीं हो सके। उन्हें लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली में कचरा डालने के लिए जो भी जगहें थी वह कचरे से भर चुकी हैं। कोई दूसरा राज्य कचरा डालने के लिए जमीन देने का तैयार नहीं हैं। रोजाना निकलने वाले कचरे से खाद्य बनाई जा सकती है।  बिजली उत्पादन किया जा सकता है। विदेशों में ऐसा किया जा रहा है। इस तरह का प्रयोग बड़े स्तर पर दिल्ली में भी कचरे की समस्या से निजात  पाई जा सकती है।  उन्होंने कहा कि एक करोड़ 67 लाख की आबादी में से मात्र 20 लाख लोग ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। भविष्य में यह स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी जिसके लिए अभी से ठोस नीति बनानी होगी।  प्रस्तुति : प्रमोद सैनी
क्या कहते हैं बस्ती निवासी
 जब से कॉलोनी बसी है तभी से गलियों में जो बीच में मकान हैं वहां पानी नहीं आता है। दिल्ली जल बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक को इस बारे में दर्जनों बार शिकायत की गई लेकिन आज तक कॉलोनी के हालात नहीं सुधरे। उनका कहना है कि जब चुनाव आने वाले होते हैं कुछ समय पहले तो कांग्रेस वोट बैंक पक्का करने के लिए कॉलोनी में छोटे मोटे काम करवा देती है। जब उनका मतलब निकल जाता है तो सब हवा हो जाते हैं। फिर आने वाले पांच वर्षों तक कोई नजर नहीं आता है।
-बालमुकुंद जोईनवाल, दक्षिणपुरी
मदनगीर दिल्ली की पहली कॉलोनी थी, जिसमें वर्ष 1960 में कांग्रेस ने लोगों को रहने के लिए 25-25 गज के प्लॉट दिए थे। इसके बाद जो प्लॉट दिए गए वे साढ़े 12 गज के थे। कांग्रेस ने कॉलोनी बसा तो दी लेकिन यहां के समय के हिसाब से विकास नहीं किया। चुनावों से छह महीने पहले कांग्रेसी इलाके में सक्रिय होते हैं। वोट बटोरने के लिए छोटा मोटा काम करवा दिया जाता है। इसके बाद सब गायब हो जाते हैं।
-ऋषभ शर्मा , मदनगीर
कांग्रेस  सिर्फ आश्वासन देती है, सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं, लेकिन किया कुछ नहीं जाता है। चुनावी मौसम आते ही कांग्रेसी छुटभैये इलाके में सक्रिय होते जाते हैं। सिर्फ भीड़ बटोरने के लिए और वोट देने के लिए पुनर्वास कॉलोनियों के लोगों को इस्तेमाल किया जाता है।
-हर्ष वर्मा, गोकलपुरी  

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies