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ननकाना साहिब गुरुनानक देवजी की पवित्र याद को समेटे हुए है। ननकाना साहिब की धरती वह धरती है जिसकी गोद में गुरुनानकदेवजी ने क्रीड़ा की है। यहीं अज्ञान का अवसान हुआ, ज्ञान का सूर्य उदय हुआ। गुरुनानकदेवजी के मुखमंडल पर अगनित सूर्यों की दीप्ति विद्यमान थी। उनके सम्पूर्ण सिद्धांत उपदेशों का सार मानवता की फसल है। वह मानवता की सुबह है, मानवता का सम्पूर्ण इतिहास है। वे अंधकार में प्रकाश के समान हैं। ननकाना साहिब उनकी याद स्वरूप सुशोभित है। आज यहां भव्य एवं दिव्य गुरुद्वारा कायम है।
यहां स्थित गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश स्थान के चारों ओर लम्बी चौड़ी परिक्रमा है। गुरुग्रंथ साहिब को मत्था टेककर श्रद्धालु इसी परिक्रमा में बैठकर शबद कीर्तन का आनन्द लेते हैं। परिक्रमा में गुरुनानक देव जी से संबंधित कई सुन्दर पेंटिग्स लगी हुई हैं। यात्रियों के ठहरने के लिए यहां कई सराय बनी हुई है। दुनियाभर से हजारों हिन्दू, सिख गुरुपर्व से कुछ दिन पहले ननकाना साहिब पहुंचते हैं और विभिन्न समारोहों में भाग लेते हैं। शानदार नगर कीर्तन निकाला जाता है। इस अवसर पर पाकिस्तान के मुस्लिम भाइयों के अलावा वहां बसे हिन्दू भी बड़ी संख्या में पहुंच कर अपने मेहमानों की सेवा-सत्कार करते हैं। गुरु घर के प्रति श्रद्धा रखने वाले कई मुस्लिम गायक और संगीतकार भी ननकाना साहिब में शबद कीर्तन करते हैं।
ननकाना साहिब के आस-पास गुरुनानक की बाल लीलाओं से संबंधित कई गुरुद्वारे हैं। जिस स्थान पर नानकजी को पढ़ने के लिए पाठशाला भेजा गया वहां आज पट्टी साहिब गुरुद्वारा शोभायमान है। निन्द्रा में लीन गुरुनानक देव जी पर जहां सांप ने अपने फन को फैला कर छाया की, वहां भी गुरुद्वारा बना हुआ है। करीब 70 किलोमीटर दूर सच्चा सौदा गुरुद्वारा है जहां गुरुजी ने भूखे साधुओं को भोजन कराया था।
ननकाना साहिब में प्रात: तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। सब के मन में उल्लास, होठों पर वाहेगुरु का जाप। रंग-विरंगी रोशनियों से जगमग करता ननकाना साहिब एक स्वर्गिक नजारा पेश करता है। पवित्र सरोवर में स्नान करने वालों का सैलाब उमड़ पड़ता है। रागी साहिबान द्वारा गुरुवाणी के शबद कीर्तन का प्रवाह रात तक चलता रहता है। श्रद्धालु हॉल में बैठकर लंगर छकते हैं। पहले पंगत फिर संगत की शानदार प्रथा ढेरों गुण समेटे हुए है।
नानकजी के लिए सारी सृष्टि एक देश था और सारी मानवता एक परिवार। शत्-शत् नमन गुरुनानक देवजी को और ननकाना साहिब की पवित्र धरती को।
ननकाना साहिब के लिए पंजाब (भारत) से पंजाब परिवहन निगम की बसेंं हर शुक्रवार को ननकाना साहिब (पाकिस्तान) के लिए जाती हैं। इधर से किराया 1000 रु. और ऊधर से 1200 रु. है। एफ.सी. भाटिया
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