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हरियाणा का मेवात क्षेत्र मुस्लिम-बहुल है। यहां मेव मुस्लिमों ने हिन्दुओं का जीना हराम कर रखा है। मेवात में हिन्दुओं को आए दिन अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी किसी हिन्दू की भरे बाजार में हत्या कर दी जाती है,कभी किसी हिन्दू की पिटाई हो जाती है,कभी किसी हिन्दू को जबरन इस्लाम कबूलवाया जाता है,कभी किसी हिन्दू की दुकान लूट ली जाती है,तो कभी किसी हिन्दू लड़की को जबरन उठाकर किसी मुस्लिम से निकाह कराया जाता है। कभी किसी मन्दिर में हमला किया जाता है,कभी देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ी जाती हैं। हिन्दुओं की फरियाद न तो पुलिस-प्रशासन सुनता है और न ही वह सेकुलर मीडिया,जो दावा करता है कि उसकी नजर से कोई भी खबर नहीं छूटती है।
मेवात के हिन्दू सरकार से न्याय की भीख मांग रहे हैं,पर मुस्लिम तुष्टीकरण में लगी सरकार मेवाती हिन्दुओं को चिमटे से भी नहीं छूना चाहती है। इसके परिणामस्वरूप मेवात के हिन्दू अपनी जन्मभूमि छोड़ने को मजबूर हैं। वहां से हिन्दू पलायन कर रहे हैं। मेवात के हिन्दू अपनी जन्मभूमि छोड़कर गुड़गांव,दिल्ली,फरीदाबाद आदि शहरों में बसने लगे हैं। मेवात में हिन्दुओं की संख्या बहुत तेजी से घट रही है।
मेवात में हिन्दुओं की जो बात करता है उसे निशाने पर रखा जाने लगा है। एक ऐसी ही घटना 19 अक्टूबर को घटी है। इस दिन विपिन जैन नामक एक वकील को मुस्लिम कट्टरवादियों ने बिना किसी वजह पीटा। घटना के बारे में बताया जाता है कि विपिन अपने घर से किसी काम से नूंह बाजार जा रहे थे कि रास्ते में मोटर साइकिल पर सवार दो युवक आए। मोटर साइकिल कल्लू(पुत्र अब्दुल्ला) चला रहा था। जानबूझ कर मोटर साइकिल विपिन से टकराई गई। इसके बाद कल्लू मोटर साइकिल खड़ी कर विपिन से उलझ पड़ा। वह विपिन को गाली देते हुए कहने लगा,ह्यइस बाजार में मेरी दादागिरी और गुण्डागर्दी चलती है। ज्यादा नेता मत बनो सरेआम गोली मार दी जाएगी। पुलिस-प्रशासन मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। मेरी राजनीतिक पहुंच बहुत दूर तक है। पांच मिनट के अन्दर पूरे बाजार में आग लगा देंगे।ह्ण कुछ लोगों के बीच-बचाव करने से उस समय मामला खत्म हो गया। विपिन ने भी सोचा चलो अब मामला शान्त हो गया और वे अपने एक रिश्तेदार की दुकान के बाहर बैठकर बातचीत करने लगे। इसी बीच हथियारों से लैस आठ-दस लोग वहां पहुंचे और उन पर टूट पड़े। उन लोगों ने विपिन को बुरी तरह से पीटा। दहशत की वजह से पूरा बाजार मिनटों में बन्द हो गया। इसके बाद खून से लथ-पथ विपिन नूंह थाना पहुंचे। वहां पुलिस ने प्रथम सूचना रपट (एफ आई आर) लिखने से साफ मना कर दिया। जब हिन्दुओं को यह पता चला कि पुलिस एफ आई आर नहीं लिख रही है तब सैकड़ों हिन्दू थाने पहुंचे और पुलिस पर एफ आई आर लिखने का दबाव डाला। फिर भी पुलिस वाले एफ आई आर लिखने को तैयार नहीं हुए। लोग भी देर रात तक थाने के बाहर डटे रहे। लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह किसी राजनीतिक दबाव पर एफ आई आर नहीं लिख रही है। अन्त में पुलिस हिन्दुओं के सामने झुकी और एफ आई आर लिखी गई। एफ आई आर(737/2013,तारीख 19 अक्तूबर) में कल्लू,आबिद,आरिफ के अलावा अन्य छह लोगों के नाम हैं। किन्तु इस रपट के लिखे जाने तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं हुई है,जबकि ये लोग सरेआम पुलिस के सामने भी घूम रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल धवन से मोबाइल के जरिए बात की गई तो उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्दी ही हो जाएगी। किन्तु मेवात में कई ऐसे मामले हैं,जिनके आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है,जबकि वे सारे आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इसलिए पुलिस के आश्वासन पर मेवात के हिन्दुओं को तनिक भी विश्वास नहीं है।
नाम न छापने की शर्त पर नूंह के कई हिन्दुओं ने पाञ्चजन्य को बताया कि इन आरोपियों को स्थानीय नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है। इन्हीं नेताओं की वजह से पुलिस पहले आरोपियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं कर रही थी। अब इनके दबाव पर ही इन लोगों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। हिन्दुओं ने टेलीफोन पर यह भी बताया कि पूरे मेवात में अब हिन्दुओं का रहना मुश्किल होता जा रहा है। इन लोगों ने यह भी बताया कि 2013 में ही अब तक अनेक हिन्दू परिवार नूंह छोड़ चुके हैं।
मेवात के हिन्दू कोई पर्व भी खुली हवा में नहीं मना पाते हैं। किसी मुस्लिम त्योहार के समय तो मेवाती हिन्दू अपने-अपने घरों में दुबके रहते हैं। आशंका यह रहती है कि पता नहीं कब क्या हो जाएगा। मेवात के हिन्दू अपनी बहू-बेटियों के लिए भी बहुत चिन्तित रहने लगे हैं। यहां लव जिहाद चरम पर है। मुस्लिम लड़के जबरन किसी हिन्दू लड़की या महिला को उठाकर ले जाते हैं और अपने घर उसे बीवी के रूप में रखने लगते हैं। इसका एक उदाहरण पुन्हाना प्रखण्ड के गांव सिंगार का है। यहां की एक लड़की को गांव के ही एक मुसलमान युवक ने जबरन उठाया है और उसे अपने घर लाकर रखने लगा है। हिन्दुओं ने पाञ्चजन्य को बताया कि ऐसा इसलिए किया जाता है कि गांव के बचे हिन्दू जल्दी से गांव छोड़कर भाग जाएं।
मन्दिर में तोड़ीं मूर्तियां
पिछले दिनों मेवात में पुन्हाना प्रखण्ड के एक गांव सिंगार के राधा-कृष्ण मन्दिर में असामाजिक तत्वों ने मूर्तियां तोड़ दी हैं। इस कारण स्थानीय लोगों में बड़ा गुस्सा है। एक साल के अन्दर यह दूसरा मौका है जब इस मन्दिर में इस तरह की घटना हुई है। यह गांव भी मुस्लिम-बहुल है। यहां के मन्दिर की जमीन पर मुसलमानों ने कब्जा कर रखा है। हिन्दुओं का कहना है कि मूर्तियां इसलिए तोड़ दी जाती हैं कि इस गांव के हिन्दू तंग आकर यहां से भाग जाएं। हिन्दुओं ने यह भी बताया कि गांव की श्मशान भूमि पर भी मुस्लिमों ने कब्जा कर रखा है।
दिखने लगा सच्चर कमेटी का दुष्परिणाम
सच्चर कमिटी ने सिफारिश की थी कि देश के मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों की तैनाती की जाए। उसी की आड़ में मेवात में मुस्लिम सिपाहियों और अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। हाल के वषोंर् में वहां बड़ी संख्या में मुस्लिम सिपाहियों की तैनाती हुई है। इसका दुष्परिणाम हिन्दुओं को भुगतना पड़ रहा है। पाञ्चजन्य को अनेक हिन्दुओं ने बताया कि यहां तो पहले भी पुलिस हिन्दुओं की कुछ नहीं सुनती थी,और अब तो मुस्लिम पुलिस वाले खुलेआम मुस्लिमों का पक्ष ले रहे हैं। मुस्लिमों की किसी बेबुनियाद शिकायत पर तुरन्त किसी हिन्दू की गिरफ्तारी हो जाती है,जबकि किसी हिन्दू की वाजिब शिकायत पर भी कुछ नहीं होता है। इस वजह से मुस्लिम कट्टरवादियों का हौसला बढ़ता ही जा रहा है।
अरुण कुमार सिंह
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