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दतिया में भगदड़ से 115 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मृत्यु
13 अक्तूबर को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में नवरात्र पर्व के अन्तिम दिन पुल टूटने की अफवाह फैलने से मची भगदड़ में लगभग 115 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोगों के घायल होने के भी समाचार प्राप्त हुए हैं। इस घटना में अधिकतर महिलाएं और बच्चोंे की मृत्यु हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई लोग अपनी जान बचाने के लिए सिंध नदी में कूद गए। लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उनकी कुल संख्या के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्वाचन आयोग की सहमति से घटना की न्यायिक जंाच और श्रद्धालुओं को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जो भी इस घटना में दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दतिया से 65 किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध रतनगढ़ वाली माता मन्दिर पर 13 अक्तूबर को नवरात्र का अन्तिम दिन होने के कारण लगभग पांच लाख से अधिक श्रद्घालु पहुंच गए थे। साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्घालु माता के दर्शन करने के लिए मन्दिर पहुंचे थे। इससे अत्यधिक भीड़ हो गई। मन्दिर से कुछ दूर पहले सिंध नदी पर बने पुल से श्रद्घालु मन्दिर की तरफ जा रहे थे और बहुत से लोग माता के दर्शन करके वापस भी लौट रहे थे। इससे श्रद्धालुओं की इतनी संख्या हो गई कि पुल पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसी बीच कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह फैला दी कि पुल टूटने वाला है। इसे सुनते ही वहां मौजूद श्रद्धालु एक-दूसरे को ठेलते-धकियाते भागने लगे। ऐसे में वहां उपस्थित पुलिस के जवानों के द्वारा हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया, लेकिन श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने के कारण स्थिति और बिगड़ती चली गई जिससे यह बड़ा हादसा हो गया। यद्यपि मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं के अनुसार ज्यादातर मौतें पुल पर दम घुटने एवं कुछ श्रद्धालुओं की मौत जान बचाने को नदी में कूदने से हुई। प्रतिनिधि
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