कम्युनिस्ट चिढ़े अम्मा का महिमागान रास नहीं आया माकपा को
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केरल की सुप्रसिद्व उपन्यासकार पी वालसला के आलेख को लेकर कम्युनिस्टों की नींद हराम है। इसमें माता अमृतानंदमयी की महिमा का गाान करने वाली पंक्तियों को लेकर राज्य माकपा ने मोर्चा तो खोला पर अपनी ही किरकिरी करा ली। अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की दुहाई देने वाले कम्युनिस्टों को हिन्दू या साधु-सन्त या नेताओं पर एक शब्द तक छपना बर्दाश्त नहीं होता है,यह वालसला क ेलेख पर मचे वामपंथी तूफान ने साबित कर दिया है।
गत 27 सितम्बर को उपन्यासकार पी वालसला का वह लेख एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था। उसमें माता अमृतानंदमयी के प्रेम पूर्ण जीवन और भक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हंे देश-विदेश के लोगों की पूजनीय बताया था। इसी को लेकर माकपा तिलमिला गई।
माकपा के विरोध पर उपन्यासकार पी वालसला ने कहा कि उनका लेख किसी की भी भावना को आहत करने के लिए नहीं था, और माकपा का विरोध पूर्णतया गलत है। माता अमृतानंदमयी ने अपनी मानवीयता से पूरे विश्व के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है,चाहे स्त्री हो या पुरुष।
वालसला ने अपने लेख पर प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि अम्मा ने अपने भजनों व प्रेम से लोगों के दिलों में स्थान बनाया है। वह बहुत ही साधारण महिला हैं। वालसला ने यह भी कहा कि उनके लेख को अम्मा के जन्मदिन या नरेन्द्र मोदी की केरल यात्रा से जोड़ना गलत है। इस विषय पर राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर लेख में किसी ईरसाई या मुस्लिम मजहबी नेता के लिए कोई तारीफ होती तो माकपा अपनी आंखें मंूद लेती। चंूकि यह बात माता अमृतानंदमयी की प्रशंसा में कही गई थी, इसलिए माकपा ने विरोध किया था।
फखरुद्दीन ने माना-संघ के पांच कार्यकर्ताओं की हत्या की
तमिलनाडु पुलिस के हत्थे चढ़े संदिग्ध आतंकी ने बताया नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए की थी रेकी
तमिलनाडु पुलिस के हाथ आए संदिग्ध आतंकी फखरुद्दीन ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हत्या करने के लिए रेकी की थी। पूछताछ के दौरान उसने यह भी स्वीकार किया कि पिछले 18 महीनों के दौरान उसने अपने साथियों के साथ मिलकर तमिलनाडु में संघ के पांच नेताओं की हत्या की है। उसने अपने दो साथियों पाना इस्माइल और बिलाल मलिक के साथ मिलकर इन हत्याओं को अंजाम दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान फखरुद्दीन ने बताया कि उसकी योजना हिंदू मुन्नानी के वरिष्ठ नेता राम गोपालन व विहिप के युवा नेता आरआर गोपालजी की हत्या करने की थी। दोनों को मारने के लिए उसने दो दिन तक रेकी भी की थी।
फखरुद्दीन ने आगे बताया कि उसने बिलाल और इस्माइल साथ मिलकर हिंदू मुन्नानी के तमिलनाडु के सचिव वेललैय्यपन की एक जुलाई 2013 को, भाजपा के राज्य सचिव वी. रमेश की 19 जुलाई 2013 को, भाजपा की मेडिकल ईकाई के सचिव वी अरविंद रेड्डी की 23 अक्तूबर 2012 को, भाजपा नेता बी. सुरेश कुमार की 26 जून 2013 को और भाजपा नेता मुरगन की 19 जुलाई 2013 को हत्या करने की बात स्वीकार की। सूत्रों के मुताबिक फखरुद्दीन को बिलाल से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। जिसमें उसने तमाम हत्याओं में उसके शामिल होने की बात पुलिस को बताई थी। इस्माइल और मलिक को तमिलनाडू और आंध्र प्रदेश पुलिस ने दबिश देकर पुत्तूरु से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की हत्या के प्रयास के मुख्य संदिग्ध बिलाल को 18 अक्तूबर तक के लिए रिमांड पर लिया है।
राम और रावण ने की नेत्रदान करने की घोषणा
रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ विस्तार की तरफ से आयोजित रामलीला मंचन में लोग जहां रामलीला का आनंद ले रहे हह्यं। वहीं उन्हें सामजिक दायित्वों का बोध भी कराया जा रहा हह्य। रामलीला के दौरान लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा हह्य।
लीला में राम और रावण का किरदार निभा रहे दोनों कलाकारों को यह बात खूब भली लगी। दोनों ने एक साथ शिविर में आकर मरणोपरांत आंखे दान करने की घोषणा की। दोनों ने शिविर में आकर नेत्रदान करने का संकल्प लेते हुए आवेदन फार्म भरा।
संस्कार भारती नेत्रदान अभियान समिति और सक्षम संस्था ने इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी के सहयोग से उत्सव मह्यदान में आयोजित रामलीला समारोह में नेत्रदान शिविर लगाया हह्य। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से लोगों को अभी से नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि लोग मरणोपरांत नेत्रदान करने की घोषणा करें। बहुत से लोग नेत्रदान करने के लिए आकर फार्म भर रहे हह्यं। अभी तक 130 लोग नेत्रदान करने की घोषणा कर चुके हह्यं। संस्कार भारती नेत्रदान अभियान के दिल्ली प्रमुख विनोद शर्मा का कहना हह्य कि मरणोपरांत नेत्रदान कर एक साथ दो लोगों की जिंदगी रोशन की जा सकती है। संस्था से यहां पर पहली बार शिविर लगाया है। रोजाना नेत्रदान का संकल्प करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
गत 10 अक्तूबर को राम का किरदार निभाने वाले नितिन शर्मा और रावण का किरदार निभाने रहे सतीश कुमार मंच से उतरे और उन्होंने नेत्रदान करने की घोषणा की।
बाबा समेराम की समाधि पर मेला सम्पन्न
नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ठीक सामने व पांच तारा होटल सेन्टूर के पास बाबा समेराम की समाधि और शिव मन्दिर है। पहले इस जगह नांगल देवत गांव हुआ करता था। हवाई अड्डे के विस्तार की वजह से उस गांव के लोगों को दूसरी जगह बसाया गया है। गांव वाले बाबा समेराम को अपना कुल देवता मानते हैं। इसलिए हर वर्ष कनागती अमावस्या को यहां हजारों लोग पहुंचते हैं और अपने कुल देवता की आराधना करते हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धाञ्जलि अर्पित करते हैं।
गत तीन और चार अक्टूबर की रात्रि को पचास हजार से अधिक श्रद्घालु आए और उन्होंने अपने आराध्य की अर्चना की। लगभग पांच सौ वषोंर् से लगातार लगने वाले इस ऐतिहासिक मेले की तैयारी नांगल देवत विकास समिति ने तो अपनी सामर्थ्यानुसार पूरी की ही थी किन्तु गत अनेक वषोंर् से मन्दिर जीएमआर कम्पनी के कब्जे में होने के कारण मूलभूत सुविधाओं के अकाल से बुरी तरह से जूझ रहा है। विश्व हिन्दू परिषद ने इस सम्बन्ध में एक पत्र भी जीएमआर को लिखा था किन्तु व्यवस्था के नाम पर वहां अंधेरा ही अंधेरा पसरा था। पानी, बिजली, सफाई, सुरक्षा व मार्ग की अव्यवस्था से श्रद्घालु पिछले अनेक वषोंर् से जूझते आ रहे हैं। श्रद्घालुओं को जमीन पर पैर जमाने की जगह भी नहीं दिख रही थी और अनेक यात्री गड्ढों में गिरते हुए एक-दूसरे को संभाल रहे थे। समिति के संयुक्त सचिव श्री हंसराज सहरावत ने बताया कि जीएमआर, दिल्ली पुलिस व सभी सम्बन्धित विभागों को पत्र लिख कर मेले तथा उसमें आने वाले श्रद्घालुओं की संख्या के बारे में समय से सूचित कर दिया था किन्तु उनकी ओर से व्यवस्था की बात तो दूर जमीन समतलीकरण व रास्ते के कांटों की सफाई हेतु जो जेसीबी समिति ने ग्राम वासियों के सहयोग से मंगाई थी पुलिस ने उसे भी जब्त कर लिया और मन्दिर आने वाले सभी मागोंर् को सील कर दिया था। विहिप ने मेले के प्रति प्रशासन की घोर उपेक्षा तथा व्यवस्थाओं में अड़ंगा डालने की घोर निन्दा करते हुए कहा है कि पूरी रात्रि चले इस मेले में, जिसमें छह माह के बच्चे से लेकर सौ वर्ष के वृद्घ तक ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, यदि कोई हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेवार होता?
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