स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती समारोह
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भारत जागो दौड़ में दौड़े हजारों
स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती, 150 वर्ष समारोह समिति द्वारा 22 सितंबर को इन्दौर में मां अहिल्या के राजबाड़ा से नेहरू स्टेडियम तक 70 हजार से ज्यादा युवा, समाजसेवी, प्रतिष्ठित नागरिकोें ने दौड़ में भाग लिया। भारत जागो दौड़ का शुभारंभ मां अहिल्यादेवी की मूर्ति का माल्यार्पण कर देश के गौरव तथा कारगिल युद्घ में अपनी एक टांग गंवा बैठे भारत के प्रथम ब्लेड रनर डी़ पी़ सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया।
इस दौड़ का उद्देश्य स्वामी विवेकानंदजी के विचारोें को जन-जन तक पहुंचाना है। ‘गर्व से कहो मैं भारतवासी हूं। प्रत्येक भारतवासी मेरा भाई है, मेरे प्राण हैं। भारत के सभी देवी-देवता मेरे ईश्वर हैं, भारत की मिट्टी मेरा स्वर्ग है, भारत के कल्याण में ही मेरा कल्याण है, स्वामी विवेकानंदजी के इस संदेश को लेकर मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के हजारों युवा ऐतिहासिक दौड़ का हिस्सा बने। आयोजन में स्वामी विवेकानंदजी के वस्त्रों के समान भगवा वस्त्र पगड़ी पहने अनेकों युवा दौड़ रहे थे। इनमें झाबुआ-अलीराजपुर क्षेत्र के वनांचल आदिवासी समितियों के युवा भी शामिल थे। अर्जुन अवार्ड प्राप्त राजकुमारी राठौर, पप्पू यादव, संजय जगदाले, सुषील दोषी, विवेकानंद कन्याकुमारी की पूर्णकालिक कार्यकर्ता शीतल दीदी, ओम सोनी, महाराष्ट्रीयन कोरी, माहेश्वरी, संस्कृति परिषद, लोक संस्कृति परिषद्, इन्दौर शहर भाजपा अध्यक्ष शंकर ललवानी, विधायक मंत्री महेन्द्र हार्डिया, डा. उमाशशि शर्मा, मध्य ़प्रदेश कावड़ यात्री संघ अध्यक्ष एवं भाजयुमो अध्यक्ष गोलू शुक्ला, पार्षद अजय नरूका भी नेहरू स्टेडियम में उपस्थित थे। 40 से ज्यादा चौराहों से दौड़ प्रारंभ होकर नेहरू स्टेडियम पहुंची थी, जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्थानीय लोगों ने दौड़ का स्वागत किया पूरा शहर स्वामी विवेकानंद मय हो गया था। जगह-जगह स्वामी विवेकानंदजी के बैनर, पोस्टर लगाए गए थे। कारगिल युद्घ के गौरव मेजर डी़ पी़ सिंह ने अपने उद्बोधन की शुरूआत की ‘माई डियर ब्रदर एंड सिस्टर – मै इन्दौर के युवाओं को संकल्प दिलाना चाहता हूं कि वे शपथ लें कि वे लड़कियों से वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि हम अपनी बहनों से करते हैं, महिलाओं का सम्मान करेें। कार्यक्र्रम मेें राष्ट्र भक्ति गीत गायक सत्यनारायण मौर्य ने भी गीत गाए। नेहरू स्टेडियम मंच पर दौड़ के संरक्षक कृष्ण कुमार अष्ठाना, महेश शास्त्री, मुकेश मोढ़ मौजूद थे। कार्यक्रम स्थल पर हजारों युवक भगवा रंग के टी-शर्ट, स्वामी विवेकानंद के चित्र बने हुए पहने थे। भगवा झंडे तथा राष्ट्र ध्वज भी देखे गये। जगह-जगह हुए स्वागत में पुष्पवर्षा से सारा माहौल ऐतिहासिक, खुशनुमा हो गया था। सभास्थल को इन्दौर भाजपा महिला मोर्चा तथा रंगकर्मियों ने अनेक रंगों में रंगोलियों से मोहक बना दिया था, पीली तथा केसरिया साड़ियों में हजारों युवतियां, महिलाऐं भी मौजूद थी। विभिन्न रंग, विभिन्न जातियां, विभिन्न वेषभूषाओं में यह संगम ‘अनेकता में एकता’ वर्षों तक इन्दौरवासियों को याद रहेगा। राजशेखर शास्त्री
स्वाभिमान शून्यता हिन्दी के विकास की सबसे बड़ा बाधा
हिन्दी आवश्यक है, पग-पग पर इस बात का अनुभव किया जाता है लेकिन हमारा संकोच, मानसिक गुलामी और स्वाभिमान शून्यता ही इसके विकास के मार्ग में बड़ी बाधा है। अंग्रेजी ज्ञान की भाषा कही जाती है, लेकिन हिन्दी ज्ञान और स्वाभिमान दोनों की भाषा है। हमारे लिए जरूरी है कि हिन्दी को कम्प्यूटर से जोड़कर व्यावहारिक बनायें। ये विचार हैं मुम्बई विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष डा. रामजी तिवारी को ये बाते उन्होंने हिन्दी दिवस समारोह में कही।
इस अवसर पर यूको बैंक के मुख्य प्रबन्धक (राजभाषा) और मुख्य वक्ता अजेयन्द्र नाथ त्रिवेदी ने हिन्दी के क्षेत्र में काम करने की सुविधाओं-असुविधाओं की चर्चा की।
समारोह में प्रख्यात गीतकार डा. बुद्धिनाथ मिश्र ने भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति की। समारोह में डा. कृष्णबिहारी मिश्र, डा. ऋषिकेश राय, गिरधर राय, रुद्रप्रताप सिंह, राजेन्द्र कानूनगो, शांतिलाल जैन, शार्दूल सिंह जैन, रुगलाल सुराणा, सागरमल गुप्त, किशन झंवर, प्रकाश जोशी, डा. अर्चना पाण्डेय, माधवी अग्वाल, स्नेहलता बैद सहित महानगर के बड़े-बड़े साहित्कार, समाजसेवी मौजूद थे। ल्ल प्रतिनिधि
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केशव सृष्टि, मुंबई माननीय रज्जू भैय्या की जीवनी पर एक पुस्तक प्रकाशित कर रही है। पाठकों से आवाहन है कि यदि उनके पास रज्जू भैय्या के बारे में कोई संस्मरण हों, तो कृपया नीचे दिये ईमेल पते पर हिंदी, अंग्रेजी, अथवा अंग्रेजी में टाइप की हुई हिन्दी में भी भेज सकते हैं़ पया अपना योगदान एक सप्ताह के भीतर भेजने का कष्ट करें। आपके संस्मरण यदि पुस्तक में लिए गए तो आपके नाम के उल्लेख किया जाएगा।
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