|
मुजफ्फरनगर दंगे के सिलसिले में बड़ी संख्या में फर्जी एफ.आई.आर. दर्ज की जा रही हैं और हिन्दू युवकों की गिरफ्तारी हो रही है। इसके विरुद्ध कई गांवों की महिलाओं ने एक महापंचायत की और पुलिस एवं सरकार को चेताया कि झूठे आरोपों पर किसी की गिरफ्तारी न हो, अन्यथा एक बड़ा आन्दोलन छेड़ा जाएगा। दंगे के बाद मुजफ्फरनगर में मुआवजा बांटने आदि में किस तरह पक्षपात हो रहा है, ऐसी ही कुछ रपटें मेरठ प्रतिनिधि अजय मित्तल की कलम से पढ़ें।
बुढ़ाना, फुगाना, शाहपुर आदि क्षेत्रों के दर्जनों ग्रामों में हजारों हिन्दू युवकों के विरुद्ध फर्जी एफ आई आर दर्ज की गई हैं। लोग अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने घर छोड़कर जंगलों में भागने के लिए छिप रहे हैं। इस दमन के विरोध में यहां की मातृशक्ति उठ खड़ी हुई है। लांक, कुटबा और बहावड़ी ग्रामों में विराट महिला पंचायतें आयोजित की गईं। इनमें उमड़ी भीड़ सपा शासन के लिए खतरे की घंटी है। महिलाएं स्वयं ट्रैक्टर चला कर उन पंचायतों में पहुंचीं। तय किया गया कि पुलिस या सपा नेताओं को गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। जबरन प्रवेश करने पर रणसिंघा बजाकर सभी बुजुर्गों व महिलाओं को इकट्ठा किया जाएगा, जो उनका प्रतिरोध करेंगे, पर दबिश नहीं डालने दी जाएगी।
बहावड़ी ग्राम की सैकड़ों लड़कियों ने, जो सुरक्षा के अभाव में स्कूल- कॉलिज नहीं जा पा रही हैं, अपनी पुस्तकों-कापियों का दहन किया है। उल्लेखनीय है कि लव जिहादी लड़कों की हरकतों ने हिन्दू छात्राओं की सुरक्षा खतरे में डाली हुई है। जिस पर सपा सरकार कुछ नहीं कर रही।
तुष्टीकरण की पराकाष्ठा-'लव जिहादी' को मुआवजा
सामाजिक शांति भंग करने को सदा उतारू रहने वाले कवाल ग्राम के लव जिहादी शाहनवाज कुरैशी, जिसकी करतूत का खमियाजा पूरा जिला भुगत रहा है, और जो अपने कुकर्मों के चलते मौत का शिकार हुआ है, के परिवार को सपा सरकार ने दस लाख रु. का मुआवजा दिया है। यही नहीं, उसके पिता सलीम कुरैशी की मांग पर उसके परिवार में एक को सरकारी नौकरी भी देने का आश्वासन दिया गया है। सलीम, जो अनपढ़ है तथा 65 वर्ष का हो चुका, स्वयं के लिए सरकारी नौकरी चाहता है, जो नियमानुसार संभव नहीं। उसकी 12 जीवित संतानों में केवल एक हाईस्कूल पास है। उसके लिए वह अफसरी की कुर्सी चाहता है, जो संभव नहीं है। हमारा उससे कहना है कि इस कुर्सी की उसे क्या जरूरत? तमाम कुर्सियां उसे अदब बजा रहीं हैं-सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर तहसीलदार तक।
सिर्फ अल्पसंख्यकों को पुचकारता रहा प्रशासन
सरकारी पक्षपात के कारण मुस्लिम वर्ग में आक्रामकता उभार पर है। 25 सितम्बर को इसका एक उदाहरण लांक (थाना फुगाना) में दिखा। यहां तीन-चार मुस्लिम परिवार जो शरणार्थी शिविर में रहते आ रहे थे, गांव लौटे और उन्होंने मिट्टी का तेल डालकर अपने घर जलाने की कोशिश की। पर पड़ोस के हिन्दुओं ने देख लिया और आग फैलने से पहले बुझा दी। इसके बाद उन्होंने पुलिस बुलायी। पर पुलिस के सामने मुस्लिमों ने उल्टे हिन्दुओं पर आरोप मढ़ते हुए बताया कि ह्यवे हिन्दू ही मिट्टी का तेल डालकर उन्हें घर समेत जलाना चाह रहे थे।ह्ण पुलिस भी उन्हीं के सुर में बोलने लगी और हिन्दुओं को धमकाया। पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिमों ने हिन्दुओं को बरबाद करने की धमकी दी।
भाजपा सांसदों ने की पहल, पक्की सड़क बनाने को देंगे 40 लाख रु.
कवाल ग्राम के पास स्थित छोटी सी बस्ती मलिकपुरा, जहां के गौरव-सचिन को अपनी बहनों के सम्मान की खातिर बेरहम मौत का शिकार होना पड़ा था, की हिन्दू छात्राओं के लिए राहत की खबर है। मुख्तार अब्बास नकवी तथा कुछ अन्य भाजपा सांसदों ने अपने विकास कोषों से कुल चालीस लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसका उपयोग मलिकपुरा से पीमोड़ा तक पक्की सड़क बनाने में किया जाएगा, ताकि यहां की छात्राओं को पढ़ने के लिए कवाल होकर न जाना पड़े। जब ऐसा हो
जाएगा तो ये लड़कियां सुरक्षा के साथ पढ़ने जा सकेंगी।
टिप्पणियाँ