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मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक हर जगह गुहार लगा रही दुखियारी मांमां को डर है उसकी बेटी को कहीं देह व्यापार न धकेल दिया जाए पुलिस भी नहीं कर रही मदद, कहा कि अपने आप वापस लौट आएगी बेटी्रपश्चिमी बंगाल की सेकुलर सरकार के शासन में एक दुखियारी मां अपनी अगवा हुई बेटी को वापस पाने के लिए द्वार-द्वार भटक रही है। मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक, हर जगह यह आहत मां न्याय पाने के लिए गुहार लगा चुकी है, लेकिन उसे निराशा ही हाथ लग रही है। पुलिस के पास जाने पर उसे टका सा जवाब मिलता है कि घर लौट जाओ, बेटी अपने आप वापस आ जाएगी। मां को डर है कि कहीं उसकी बेटी को देह व्यापार में न धकेल दिया जाए। जानकारी के अनुसार, पश्चिमी बंगाल के मालदा जिले की रहने वाली अरुणा मंडल (परिवर्तित नाम) का आरोप है कि उसकी बेटी निशा (परिवर्तित नाम) जब नाबालिग थी तब उस्मान गनी नाम के युवक ने उसे अगवा कर लिया था। अरुणा का आरोप है कि जब वह अपने पति के साथ पुलिस के पास शिकायत करने पहुंची तो पुलिस ने उसे यह कहकर वापस लौटा दिया कि जब वह बालिग हो जाएगी खुद लौट आएगी। अरुणा का आरोप है कि 12 अगस्त 2013 को जब निशा बालिग हो गई तब पुलिस ने उसे मालदा न्यायालय में पेश कर दिया। पुलिस ने इस संबंध में माता-पिता को कोई जानकारी नहीं दी। अरुणा का कहना है कि निशा ने डर की वजह से न्यायालय में बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से उस्मान के साथ गई थी। पुलिस ने माता-पिता को यह जानकारी बाद में दी कि निशा को न्यायालय में पेश किया गया था, जहां उसने अपनी मर्जी से उस्मान के साथ जाने की बात कही थी। निशा के परिजनों का आरोप है कि कि उनकी बेटी ने डर के साए में न्यायालय में बयान दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल, मुख्य सचिव, गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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