बापूराव लेले पत्रकारिता सम्मान समारोह
|
‘देश के सामने उपस्थित चुनौतियों से परिचित कराएं पत्रकार’
गत 31 अगस्त को राष्टÑीय पत्रकारिता कल्याण न्यास द्वारा बापूराव लेले की स्मृति में पत्रकारों को सम्मानित किया गया। राष्टÑीय संग्रहालय सभागार, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में श्रेष्ठ पत्रकार के लिए श्री श्याम आचार्य, श्रेष्ठ महिला पत्रकार के लिए निवेदिता कांडेकर, श्रेष्ठ छाया पत्रकार के लिए श्री देवेन्द्र रावत तथा श्रेष्ठ युवा पत्रकार के लिए श्री अमृत जोशी को वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी तथा रा.स्व.संघ के सहसरकार्यवाह डॉ़ कृष्ण गोपाल द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गये।
इस अवसर पर डॉ़ कृष्ण गोपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे विषय जिन तक पहुंचना मुश्किल हो, उनकी जानकारी जनता तक पहुंचाना पत्रकारों की एक विशेषता है। उन्हीं के बल पर लोकतंत्र चलता है। उन्होंने कश्मीर का विषय याद दिलाते हुए कहा कि हम लोग धारा 370 के बारे में बहुत अच्छी तरह जानते हैं। 50-60 सालों के बीच देश इसके बारे में गहरी-लम्बी चर्चा कर चुका है। लेकिन हम लोगों को 370 1-ए के बारे में नहीं मालूम। यह नागालैंड के लिए है। इस धारा के अन्तर्गत नागालैंड की भूमि पर केन्द्र सरकार का अधिकार है कि नहीं, इस पर विवाद खड़ा हो गया है। श्रीकांत जोशी ने उत्तर पूर्व के ऐसे प्रश्नों को देश के सामने रखने का प्रयत्न किया। भाषायी और पांथिक अल्पसंख्यक की चर्चा हमारे संविधान में की गई है। संविधान निर्माताओं ने इस बारे में क्या कल्पना की होगी, इसका उद्देश्य क्या रहा होगा? संभवत: यह कि जो अल्पसंख्यक हैं, उनके बच्चे जो भाषा पढ़ना चाहते हैं, वह भाषा पढ़ें, जो परंपरा सीखना चाहते हैं, वह परंपरा सीखें। लेकिन क्या हमारे संविधान निर्माताओं ने यह कल्पना की थी कि अल्पसंख्यकों के मेडिकल कॉलेज होंगे, इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय होंगे? इस अवसर पर श्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यदि पत्रकारों को अपने काम करने की पूर्ण छूट दे दी जाए और वे निष्पक्ष ढंग से राष्टÑहित को ध्यान में रखते हुए कार्य करें तो सब कुछ स्वत: ठीक हो सकता है। पत्रकारों की बहुत बड़ी जवाबदारी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पाञ्चजन्य के पूर्व सम्पादक श्री बल्देव भाई शर्मा ने की। प्रतिनिधि
जयपुर में आयोजित राष्टÑीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा-
भारत के तीन दुश्मन-चीन, अमरीका और पाकिस्तान
जयपुर, 31 अगस्त । राष्टÑीय सुरक्षा आज सबसे बड़ा मुद्दा है, इसमें देश के नागरिकों की बड़ी भूमिका है। एक तरफ नक्सलवाद, आतंकवाद, नकली नोटों और मादक पदार्थों की तस्करी भारत के लिए आंतरिक चुनौतियां हैं। वहीं आज हमारी सीमाएं भी सुरक्षित नहीं रह गई हैं। यह बात सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर सिंह ने स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती समारोह समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्टÑीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि देश में ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, साइबर सुरक्षा से भी जरूरी आज देश की सुरक्षा है। पाकिस्तान हमारे खिलाफ अघोषित युद्घ लड़ रहा है और विश्व की दो बड़ी शक्तियां अमरीका और चीन उसे सहयोग कर रहे हैं। चीन पाकिस्तान को आण्विक तकनीकी, मिसाइलें और आर्थिक सहायता दे रहा है, वहीं भारत से लगी उसकी सीमा पर रेल और सड़क मार्ग बना रहा है। उन्होंने चीन की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा चीन भारत के लिए सिर दर्द है। आए दिन वह जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ करता रहता है। इससे हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चीन हमारे बाजार और बड़ी परियोजनाओं पर धीरे-धीरे कब्जा कर रहा है।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डी़ बी़ शेखटकर ने कहा कि बाहरी खतरे हमारी आंतरिक कमजोरी के कारण आते हैं। हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहां जो भी विपत्ति एक बार आ जाती है वापस जाने का नाम ही नही लेती। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास प्राकृतिक सम्पदा है तो हर ताकतवर देश की निगाहें आप पर रहेंगी। आज विश्व में जो अस्थिरता का दौर चल रहा है, उसके पीछे भी यही सिद्घांत काम कर रहा है। उन्होंने समर्थ भारत बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हम जहां हैं उस स्थान को समर्थ बनाएं तो देश अपने आप समर्थ बन जाएगा।
इस अवसर पर संगोष्ठी के प्रभारी प्रो़ भरतराम कुम्हार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन संक्षिप्त परन्तु व्यापक था। उन्होंने सम्पूर्ण विश्व में भारत के गौरव की अनुभूति कराते हुए सनातन धर्म की श्रेष्ठता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि आज देश का राजनीतिक नेतृत्व, चरित्र हीनता और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. दीपक शुक्ला ने कहा कि आज हमारा लोकतन्त्र विश्व का सबसे परिपक्व लोकतंत्र है। हम आई़ टी़ , कृषि, आंतरिक्ष एवं आण्विक शक्ति के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा कि समर्थ भारत के लिए जाग्रत समाज की आवश्यकता है। इस संगोष्ठी में दो राज्यों पंजाब और राजस्थान के सैकड़ों लोगों ने भाग लिय प्रतिनिधि
फरीदाबाद में घोष संचलन
गत दिनों फरीदाबाद में घोष का संचलन हुआ। घोष संचलन रामायण पार्क सेक्टर-29 से शुरू होकर हनुमान पार्क, ओल्ड, गोपी कलोनी, सेक्टर 19 से होते हुए लगभग 3 किलोमीटर का रहा। इसमें करीब 100 घोष वादकों ने हिस्सा लिया। नगर के लगभग 25 स्थानों पर पुष्प वर्षा से भारी मात्रा में माता -बहिनों ने संचलन का स्वागत किया। जिसमें लगभग 1500 परिवार सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में श्री प्रताप (सहप्रांत कार्यवाह) और श्री कमल (प्रान्त घोष कार्यवाह) का मार्गदर्शन मिला। महानगर के सभी प्रमुख कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। घोष एक ऐसा माध्यम है जिसके लगातार अभ्यास से साधना और एकाग्रता में वृद्घि होती है। इसमे प्रमुख रूप से आणक, शंख और वंशी ये तीन प्रकार के घोष वाद्य यंत्र होते हैं। घोष अपनी संस्कृति की एक प्राचीन परंपरा रही है।
उत्तर दिनाजपुर में मातृ सम्मेलन
गत 1 सितम्बर को उत्तर दिनाजपुर के ईश्वरपुर नामक स्थान पर स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह के अन्तर्गत सम्पन्न मातृ सम्मेलन में स्थानीय महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ, उत्तर बंग प्रांत के सह प्रचार प्रमुख श्री बासुदेव पाल मुख्य वक्ता तथा कलकत्ता से आईं श्रीमती इन्दिरा दुग्गड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। माताओं-बहनों को स्वामी जी की शिष्या भगिनी निवेदिता और जैन संत आचार्य तुलसी के जीवन के महत्वपूर्ण आयामों से अवगत कराया गया। प्रतिनिधि
अधिवक्ता परिषद् का सम्मलेन
गत दिनों इंदौर में अधिवक्ता परिषद् की मध्य प्रदेश इकाई ने एक सम्मलेन का आयोजन किया। इसके मुख्य अतिथि थे पूर्व ्रकार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस के दुबे। इन्होंने भारतीय दृष्टि में धर्म (कर्तव्य) की व्यापक चर्चा की। वहीं पूर्व महाधिवक्ता श्री आर एन सिंह ने नैतिक मूल्यों में हो रही गिरावट पर चिंता व्यक्त की। इस कार्यक्रम को बसंत सिंह छाबा, प्रो अमरपाल सिंह आदि लोगों ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर परिषद् के राष्टÑीय संगठन मंत्री श्री कमलेश सिंह भी उपस्थित थे। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ