‘वंदेमातरम्’ नारा लगाते बच्चों पर टूट पड़े मजहबी उन्मादी
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15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाना भी रास नहीं आया
अखिलेश सरकार की शह पर इठलाते मजहबियों को
‘जय हिन्द’ और ‘वंदेमातरम्’ के नारे लगाते हुए स्कूल के बच्चे ग्राम में प्रभात फेरी पर निकले। ‘जैसे ही बालकों का यह समूह मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरा तो वहां मोहल्ले के लोग हाथों में
लाठी, डंडे लेकर बालकों पर टूट पड़े।
ेसहारनपुर जिले में सरसावा के पास स्थित कुतुबपुर ग्राम की प्राथमिक शाला के बालक इस स्वतंत्रता दिवस को शायद कभी न भूल पायें। उस दिन प्रात:काल अपने विद्यालय में झंडारोहण के बाद हाथों में तिरंगे लेकर ‘जय हिन्द’ और ‘वंदेमातरम्’ के नारे लगाते हुए स्कूल के बच्चे ग्राम में प्रभात फेरी पर निकले। शुरू में सब ठीक था, पर जैसे ही बालकों का यह समूह समुदाय-विशेष के इलाके से गुजरा तो वहां जो हुआ उसकी आजाद भारत में और वह भी 15 अगस्त के दिन कल्पना नहीं की जा सकती। इस मोहल्ले के लोग हाथों में लाठी, डंडे लेकर बालकों पर टूट पड़े। घबराये बच्चे भागे। हाथों से तिरंगे छूटे। कुछ के हाथों से छीने भी गए. कई बच्चों के चोटें लगीं।
जान बचाकर अपने घर पहुंचे बालकों ने अभिभावकों को जानकारी दी। लोग मिलकर पुलिस के पास गए, पर उसका रवैया घोर आपत्तिजनक था। उसने इनकी प्राथिमिकी दर्ज नहीं की, न ही मौके पर जाकर कार्रवाई करने की सोची। बाद में ग्रामप्रधान के पति राव मर्सलीन, जो खुद समुदाय-विशेष के हैं, की लिखवायी एफ.आई.आर.दर्ज की गयी, जिसमें ‘अज्ञात’ के लोगों के विरुद्ध शिकायत है। मुर्सलीन को शिकायतकर्ता बनाने का सीधा सा मतलब हमलावरों के खिलाफ मामला कमजोर करना ही था। अगले दिन गांव में हिन्दू पंचायत हुई और अधूरी प्रभात फेरी पूरी करने की मांग उठी। पर सी.ओ. संजय राय और एस.एस.पी. डी.के. चौधरी ने इसकी अनुमति नहीं दी। सरसावा, नकुड़ और गंगोह थानों की पुलिस बुलाकर हिन्दू पंचायत को ही आतंकित करने की कोशिश की गयी। पुलिस के इस रवैए से लोगों में बेहद रोष है। पर समाजवादी पार्टीकी सरकार जिस तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है, उसमें ऐसा होना ही था। कांग्रेस तथा मुलायम सिंह की सपा में आज मुसलमानों के तुष्टीकरण की होड़ लगी है। प्राथमिक शाला की प्रधानाचार्या शशिबाला का कहना है कि पहले भी प्रभात फेरी निकाली जाती रही है, पर ऐसा हमला कभी नहीं हुआ था।
सहारनपुर जिला, जहां के सुन्नी मुसलमानों के एक प्रमुख फिरके द्वारा संचालित दार-उल-उलूम नामक मदरसा देवबंद में है, बढ़ती मुस्लिम आक्रामकता का गवाह बन रहा है। पिछले एक महीने में यहां मिरगपुर, रणकंडी, भायला तथा दो अन्य गांव मुस्लिम हमलों के शिकार हुए हैं। चिलकाना नामक ग्राम में तो शिवरात्रि पर इस बार शिव का जलाभिषेक करने से भी कांवड़ियों को रोका गया। उन्हें इसके लिए लगभग 5 घंटे इंतजार करना पड़ा, जब भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ही हर वर्ष पूर्ण शांति से सम्पन्न हो जाने वाला कार्यक्रम किया जा सका। स्थानीयजन कुतुबपुर की घटना के विरुद्ध प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
ल्ल अजय मित्तल
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