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सभी बच्चे इतना तो जानते ही हैं कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज है तिरंगा झंडा। तीन रंगों में सबसे ऊपर है सफेद और सबसे नीचे है हरा रंग। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का एक चक्र है जिसे अशोक चक्र कहते हैं।
झण्डा देश की राष्ट्रीय पहचान होता है। यह तिरंगा झंडा भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् हमारा राष्ट्रीय प्रतीक बना। 1947 से पूर्व अंग्रेजों का झंडा 'यूनियन जैक' ही सभी सरकारी इमारतों तथा किलों पर लहराता था। अंग्रेजी राज से पहले अनेक राजा, बादशाह होते थे। उनकी अपनी-अपनी रियासतें होती थीं। सभी रियासतों का झण्डा तब भगवा ही होता था। अपने कुल की मान्यता के अनुसार उस ध्वज में चिह्न अलग-अलग हुआ करते थे। जैसे कोई ँ़ लगा देता तो कोई सूर्य। कोई चन्दा लगाता तो कोई तारा। कोई सिंह को प्रतीक चिह्न बताता तो कोई वानर को। कभी पशु-पक्षी या कोई वस्तु झण्डे में दिखाई जाती। रामायण, महाभारत युग से लेकर शिवाजी तक भगवा ध्वज ही भारतीय संस्कृति का प्रतीक चिह्न रहा।
स्वतंत्रता संघर्ष के लिए नए झण्डे की जरूरत समझी गई। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी भारतीय वीरों ने भगवा ध्वज का ही सहारा लिया था। इस झण्डे में कमल को सांस्कृतिक पहचान के नाते रखा गया था।
7 अगस्त 1906 को कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में तीन रंग के झण्डे का प्रयोग किया गया। एक वर्ष बाद 7 अगस्त 1907 को मैडम कामा ने तिरंगे झण्डे में ही सात कमल लगा कर तिरंगे झण्डे का प्रयोग किया। बाद में कांग्रेस ने भगवा और हरा दो ही रंग का झण्डा अपनाया। 1921 में महात्मा गांधी के आह्वान पर पूरे देश में असहयोग आन्दोलन चला। गांधी जी ने बीच में पुन: सफेद पट्टी जोड़ ली तथा इसके बीच में नीलेे रंग से चरखा दिखाया गया। इसके बाद स्वतंत्रता के सभी आन्दोलन इसी झण्डे को सम्मान देते हुए किए गए।
1930 में कांग्रेस ने एक झण्डा कमेटी बनाई। इस कमेटी में पं. जवाहर लाल नेहरू तथा मौलाना आजाद सहित आठ नेता थे। इस कमेटी ने भगवा ध्वज को ही भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के नाते मान्यता दी। फिर भी गांधजी के कहने पर तिरंगे को ही राष्ट्रीय झण्डा माना गया।
इसके पश्चात् जब देश स्वतंत्र हुआ तो कांग्रेस को अपना झंडा बदलने की सलाह दी गई, पर उसने ऐसा नहीं किया। अत: चरखे सहित तिरंगा कांग्रेस का झण्डा बना रहा और भारत के राष्ट्रीय झण्डे में चरखे को हटाकर अशोक चक्र स्थापित कर दिया गया जिस चक्र में चौबीस अरे रखे गए। तिरंगे में सबसे ऊपर है भगवा रंग की पट्टी। यह रंग त्याग, वीरता, ज्ञान, प्रकाश और सक्रियता का प्रतीक है।
सफेद रंग शक्ति और समन्वय का प्रतीक है। सफेद रंग में जैसे सभी रंग समाए हैं ऐसे ही भारतीय संस्कृति भी अनेकता में एकता रखती है। इसमें भी अनेक धर्म, जाति, सम्प्रदाय सम्मिलित हैं।
हरा रंग समृद्धि तथा हरियाली का प्रतीक है। हमारा देश हरे भरे खेतों से तथा हरियाली, खुशहाली से भरपूर रहे।
सफेद रंग में नीले रंग के अशोक चक्र में चौवीस रेखाएं काल चक्र के चौबीस घंटों की प्रतीक हैं। हर घड़ी यह चक्र प्रगति करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। अशोक महान की अहिंसा पूर्ण नीति की भी यह याद दिलाता है।
n +ÉSÉɪÉÇ मायाराम पतंग
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