उत्तराखंड आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए एक करोड़ दिए
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उत्तराखंड आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए एक करोड़ दिए
उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा में बेघर हुए लोगों की सहायता और उनके पुनर्वास के लिए रा.स्व.संघ की कर्नाटक इकाई ने एक करोड़ रुपए की राशि दान दी है। संघ की ओर से यह राशि 'उत्तराखंड दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति' को दी गई है। यह समिति आपदा के बाद से ही उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सेवा कार्यों में जुटी हुई है। उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा के बाद रा.स्व.संघ की कर्नाटक इकाई ने पीड़ितों की सहायता के लिए लोगों से आह्वान किया था। इसके लिए संघ ने 'रा.स्व.संघ संचालित संत्रस्त परिहर निधि' बनाई। संघ के इस कोष में कर्नाटक के लोगों ने बढ़-चढ़कर आर्थिक सहायता की। पीड़ितों की आर्थिक सहायता के लिए संघ ने कर्नाटक के लोगों का धन्यवाद किया है।
चिंतकों ने कहा–गलत है आर्थिक विकास की राह
भारतीय मजदूर संघ द्वारा गत 24 जुलाई को नई दिल्ली में 'भूमंडलीकरण के दो दशक' विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें देश के प्रख्यात आर्थिक चिन्तक और रा.स्व.संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त और वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय ने साफ-साफ कहा कि विकास के जिस रास्ते पर देश बढ़ रहा है, वह अंतत: विनाश के अंधे कुंए में जाकर ही खत्म होता है।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री बैजनाथ राय ने कहा कि भूमंडलीकरण के कारण सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग प्रभावित हुआ है। भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के चलते स्थाई मजदूरों की संख्या में कमी आयी है, रोजगार के अवसर घटे हैं और सबसे बड़ी बात, श्रम कानून को ताक पर रख दिया गया है, ताकि विदेशी पूंजी निवेशक मनमाने तरीके से काम कर सकें। भूमंडलीकरण के कारण नौकरी में पैकेज पद्धति का चलन बढ़ा है, स्थाई रोजगार की जगह ठेकेदारी प्रथा दोबारा लौट रही है। असंगठित क्षेत्र का दायरा 92 प्रतिशत से बढ़कर 94 प्रतिशत हो गया है। इस कारण सामाजिक सुरक्षा की भावना कमजोर हुई है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि मजदूरों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाये।
परिचर्चा में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने एक बड़े रहस्य से पर्दा हटाते हुए कहा कि जिस आर्थिक सलाहकार की सलाह पर तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री चंद्रशेखर देश का सोना गिरवी रखने को राजी हुए थे, दुर्भाग्य से वही डा. मनमोहन सिंह आज देश के प्रधानमन्त्री हैं। उन्होंने कहा कि इनसे इससे ज्यादा की उम्मीद मत रखिये। पर अफसोस यह है कि जिनसे उम्मीद थी उन्होंने भी बहुत निराश किया। श्री राय ने सांसद निधि की आलोचना करते हुए कहा कि इसके कारण संसद का चरित्र बदल रहा है। अपने लाभ के लिए वहां सभी दलों के सांसद एक हो जाते हैं, विपक्ष जैसा कुछ नहीं बचता।
मुख्य वक्ता डा. बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि एक अर्थशास्त्री प्रधानमन्त्री ने देश को जिस आर्थिक बर्बादी के रास्ते पर धकेल दिया है, उसका अंत नजर नहीं आता।
उन्होंने आगे कहा कि उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू करते समय कहा गया था कि इससे देश की गरीबी कम होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विदेशी पूंजी आएगी, सकल घरेलू उत्पाद बढ़ेगा, पूंजी-वस्तुओं-तकनीकी-श्रम का प्रवाह होगा आदि। पर आज 20-22 वर्ष बाद स्थिति यह है कि राजस्व का घाटा बढ़ रहा है, देश की अर्थव्यवस्था में चारों तरफ असंतुलन दिखाई पड़ रहा है। यह असंतुलन इस कदर बढ़ा है कि देश की सरकार हर क्षेत्र में 51 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक विदेशी पूंजी निवेश स्वीकार करने पर बाध्य हुई है। साफ है कि हम अपनी आर्थिक आजादी को गिरवी रख चुके हैं, आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं।
मोटर साइकिल सवार को गोली मारने की न्यायिक जांच की मांग
पिछले दिनों नई दिल्ली क्षेत्र में दिल्ली पुलिस की गोली लगने हुई मोटरसाइकिल सवार युवक की मौत की विश्व हिन्दू परिषद ने न्यायिक जांच की मांग की है। इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मुस्लिमों के जश्न शबे-बारात की रात बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल सवार मुस्लिम युवक दिल्ली में अनेक स्थानों पर उत्पात मचाते रहे। माताओं-बहनों को छेड़ा, राहगीरों से बदतमीजी की, और तो और उन्होंने पुलिस को भी नहीं बख्शा। लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रही। जबकि हाल ही की घटना में पुलिस ने कुछेक मोटरसाइकिल सवार युवकों पर गोलियां बरसाईं जिनमें से एक की मौत भी हो गई। क्या इन युवाओं का कसूर यह था कि इनके सिर पर सफेद टोपी नहीं थी? विज्ञप्ति में इन्द्रप्रस्थ विहिप के महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि क्या यही है दिल्ली सरकार का पंथनिरपेक्ष चेहरा?
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