मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना
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मध्य प्रदेश और देशवासियों के स्वभाषा और सु-भाषा के माध्यम से ज्ञान की परम्परागत और आधुनिक विधाओं में शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था और हिन्दी को गौरवपूर्ण स्थान दिलाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय की स्थापना की मूल-भावना के अनुरूप विश्व में लगभग एक अरब से अधिक लोगों द्वारा बोली, लिखी और समझी जाने वाली हिन्दी भाषा के माध्यम से अध्यापन, प्रशिक्षण, ज्ञान की वृद्धि और प्रचार के लिये विज्ञान, साहित्य, कला, वाणिज्य, प्रबंधन, चिकित्सा, अभियांत्रिकी और अन्य विधाओं में शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस तरह से हिन्दी माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिये देश में प्रदेश स्तर का पहला प्रयास है। इससे जहां हमारी राज-भाषा समृद्ध होगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों को अध्ययन में सुविधा होगी। विश्वविद्यालय में ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न विधाओं में पी-एच.डी. तथा एम. फिल. के साथ ही स्नातकोत्तर, स्नातक, प्रतिष्ठा, पत्रोपाधि, प्रमाण-पत्र और प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किये गये हैं। इन उपाधियों और पाठ्यक्रमों के मूल्यांकन के लिये नवीनतम मूल्यांकन प्रणालियों का उपयोग किया गया है।
विश्वविद्यालय के अंतर्गत उपयोगी साहित्य का अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद करना, प्रकाशन करना तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा में दृश्य और श्रव्य प्रणाली का उपयोग करते हुये, रोजगारपरक विषयों को संचालित करने की योजना है। इस प्रकार अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है, जो समग्र व्यक्तित्व के विकास के साथ रोजगार, कौशल और चारित्रिक दृष्टि से विश्वस्तरीय हो। विश्वविद्यालय छात्रों को विभिन्न विषयों में आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ भारतीय ज्ञान परम्परा से परिचित करवायेगा तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिये योग, समाज-सेवा तथा जीवन-मूल्यों की शिक्षा भी देगा। छात्र-छात्राओं के लिये विश्वविद्यालय परिसर में ही छात्रावास निर्माण की भी योजना है।
अकादमिक सत्र 2012-13 में योग और मानव चेतना विभाग, श्रीनिवास रामानुजन् गणित विभाग, वनस्पति विज्ञान विभाग, हिन्दी विभाग और वाणिज्य और प्रबंधन विभाग प्रारंभ किये गये हैं।
सत्र 2013-14 में विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय के अंतर्गत भौतिक विज्ञान, गणित, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान और प्राणी विज्ञान में पी-एच.डी. एवं एम. फिल. पाठयक्रम संचालित किये जायेंगे। भौतिक विज्ञान, जैव विविधता संरक्षण, पर्यावरण प्रबंधन, रसायन विज्ञान, गणित, प्राणी विज्ञान, योग एवं मानव चेतना में स्नातकोत्तर पाठयक्रम भी इसी सत्र से प्रारंभ होंगे। गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जैव विविधता संरक्षण, पर्यावरण प्रबंधन, वनस्पति विज्ञान में स्नातक-प्रतिष्ठा पाठ्यक्रम भी इसी सत्र में संचालित करने की योजना है।
वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के अंतर्गत वाणिज्य एवं प्रबंधन में पी-एच.डी. पाठ्यक्रम, वाणिज्य में एम. फिल. पाठ्यक्रम, वाणिज्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, या व्यवसायिक अर्थशास्त्र, संभार तंत्र एवं आपूर्ति श्रृंखला में प्रबंध संकाय शुरू किये जायेंगे। इसके अलावा वाणिज्य संकाय में स्नातक प्रतिष्ठा आनर्स और बी.बी.ए. पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे।
समाज विज्ञान संकाय के अंतर्गत अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास और समाज शास्त्र में पी-एच.डी. और एम. फिल. पाठ्यक्रम। अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, संस्कृत, हिन्दी, दर्शन, इतिहास, योग एवं मानव चेतना, भूगोल, सुदूर संवेदन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, संस्कृत, हिन्दी एवं दर्शन में स्नातक-प्रतिष्ठा पाठ्यक्रम भी इसी सत्र में संचालित करने की योजना है।
इसी अकादमिक सत्र में पत्रोपाधि एवं प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के अंतर्गत मौसम विज्ञान, अनुवाद, संस्कार, विधि एवं पूजा विधान, जैव विविधता एवं पर्यावरण प्रबंधन, जैविक कृषि, संगणक अनुप्रयोग, भारतीय इतिहास एवं वंशावली प्रबंधन और पर्यटन प्रबंधन एवं तीर्थाटन में पत्रोपाधि एवं प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे।
प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के अंतर्गत योग शिक्षक-प्रशिक्षण, योग प्रशिक्षक-प्रशिक्षण, योग चिकित्सा प्रशिक्षण, जैविक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन, जैव विविधता एवं पर्यावरण प्रबंधन, अनुवाद, वैदिक गणित, कार्य संस्कृति संवर्धन, ग्राफिक डिजाइनिंग, 2-डी एनीमेशन, सूचना प्रौद्योगिकी, वेब डिजाइनिंग, भारतीय संस्कृति और अटल समर्थ शिक्षक ऑनलाईन प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अंतर्गत जैविक कृषि, योग चिकित्सा कार्यालय संगणक अनुप्रयोग और हिन्दी शीघ्र लेखन में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू होंगे।
विश्वविद्यालय में भारत विद्या अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र, भारत पारीय भारत अध्ययन केन्द्र, प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता अध्ययन केन्द्र, विश्व सभ्यता एवं संस्कृति अध्ययन केन्द्र, लोक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र, लोक स्वास्थ्य एवं वैकल्पिक चिकित्सा केन्द्र, दृश्य एवं श्रव्य केन्द्र, अनुवाद एवं प्रकाशन केन्द्र, महिला अध्ययन केन्द्र और छात्र अध्ययन केन्द्र की स्थापना भी प्रस्तावित हैं।
p 2 दिसम्बर, 2011 को मध्यप्रदेश विधानसभा में सर्वानुमति से अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय विधेयक पारित।
p 16 दिसम्बर, 2011 को राज्यपाल द्वारा विधेयक पर हस्ताक्षर ।
p 19 दिसम्बर, 2011 को राजपत्र में प्रकाशन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय स्थापित।
p 28 जून, 2012 को प्रो. मोहनलाल छीपा कुलपति नियुक्त।
p ग्राम मुगालिया कोट में विश्वविद्यालय भवन के लिये 50 एकड़ भूमि आवंटित। 'राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा 6 जून 2013 को ग्राम मुगालिया कोट में विश्वविद्यालय भवन का शिलान्यास।
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