श् श् श... सैम सब जानता है
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श् श् श… सैम सब जानता है

by
Jun 29, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 29 Jun 2013 13:31:22

 

अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में 'अंकल सैम' नाम से कुख्यात अमरीका ने दुनिया के हर घर में हलचल मचा दी है। 'प्रिज्म' नाम से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा चलाए जा रहे जासूसी कार्यक्रम के जरिए उसने दुनिया के करोच्चें इंटरनेट उपभोक्ताओं के खातों में सेंध लगा दी है। इस बात से हर कोई साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

विज्ञान के शब्दकोश में 'प्रिज्म' एक सतही, चमकीले आधार का रोशनी फेंकने वाला पारदर्शी आह्ळप्टीकल तत्व होता है। आज 'प्रिज्म' को अमरीका की एनएसए के गुप्त इलेक्ट्रानिक निगरानी कार्यक्रम के रूप में जाना जा रहा है। कुछ रपटों के अनुसार 'प्रिज्म' की शुरुआत 2007 में हुई थी। 'प्रिज्म' के नाम से प्रतीत होता है कि यह कांच के त्रिकोणीय टुकच्च्े की तरह काम करते हुए बच्च्ी मात्रा में सूचना लेता है और महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने में सरकार की मदद करता है।

इस घटना ने जार्ज आह्ळरवेल के 1984 के एक काल्पनिक चरित्र 'बिग ब्रदर' की याद दिला दी है। इसमें 'डिस्टोपेन सोसाइटी' का वर्णन करते हुए आह्ळरवेल कहते हैं कि हर कोई टेली-स्क्रीन के जरिए अधिकारियों की पूर्ण निगरानी में है। लोगों को बार-बार यह तथ्य याद कराया जा रहा है कि उन पर गोपनीय ढंग से 'बिग ब्रदर' की निगाहें हैं।

आह्ळरवेल के टेली-स्क्रीन के स्थान पर आज हमारे पास इंटरनेट से जुच्च तंत्र है। 'प्रिज्म' के अंतर्गत लोकप्रिय इमेल सेवा प्रदाता, सोशल नेटर्वक और प्रमुख दूरसंचार और ब्राह्ळडबैंड कम्पनियां अपने उपभोक्ताओं की जानकारियां नियमित रूप से खुफिया एजेंसियों को अमरीका में उपलब्ध करा रही हैं। कुछ रपटों के अनुसार एनएसए और एफबीआई प्रमुख इंटरनेट कम्पनियों के केन्द्रीय सर्वर से विदेशी लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए आह्ळडियो, वीडियो, फोटो, चैट, इमेल, दस्तावेज आदि सीधे ले रही हैं।  

यहां सवाल यह है कि 'प्रिज्म' कितना बच्च है? जवाब है कि यह बहुत बच्च है। माइक्रोसाह्ळफ्ट, याहू, गूगल, फेसबुक, पलटाह्ळक, एओएल, स्काइप, यू-ट्‌यूब, एप्पल आदि इसकी जद में हैं। जब इतनी बच्च्ी वैश्विक कम्पनियां एनएसए और अन्य अमरीका आधारित कम्पनियों को अपनी सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएंगी तो खुफिया कार्यक्रम सिर्फ अमरीका तक ही सीमित नहीं रह जाता, यह वैश्विक हो जाता है। भारत के सरकारी विभागों/अधिकारियों और कुछ महत्वपूर्ण विभागों की बहुत बच्च्ी तादाद ऐसी है जिसका खाता माइक्रोसाह्ळफ्ट, याहू, गूगल, फेसबुक, पलटाह्ळक, एओएल, स्काइप, यू-ट्‌यूब, एप्पल आदि पर है।

यह भी कहा गया है कि एनएसए पानी में डूबें केबल से इंटरनेट डाटा तक पहुंच गया है। इसलिए पानी के भीतर केबल से प्रौद्योगिकी कम्पनियांे के 'बल्क' इंटरनेट डाटा को लेने की अनुमति 'प्रिज्म' के जरिए एनएसए को हो गई है।   

एनएसए के अधिकारी स्काइप, जीमेल आदि माध्यमों पर होने वाली बातचीत और चैट के जरिए अपने 'शिकार' तक सही समय में पहुंच जाते हैं। अमरीका डिजिटल बातचीत के किसी भी टुकच्च्े को पकच्च्ने में सक्षम है। चाहे वह इमेल हो, आह्ळडियो चैट या फिर वीडियो। यह इसलिए, क्योंकि दुनिया का सबसे ज्यादा इलेक्ट्रानिक संचार अमरीका से होकर गुजरता है। इलेक्ट्रानिक संचार सीधे रास्ते को अपनाने की बजाय, कम महंगे रास्ते को अपनाता है। इंटरनेट का बच्च आधारभूत ढांचा अमरीका में ही स्थापित है। 'प्रिज्म' संदेशों को पढ्ढने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाता है जिसके माध्यम से पता चल जाता है कि संदेश संदेहास्पद है या नहीं? अमरीका ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि करीब 6 साल पहले से अमरीका की सरकार ने अनेक इंटरनेट कम्पनियों- गूगल, फेसबुक आदि से सूचनाएं इकट्ठी की थीं जिनमें विदेशी नागरिकों की अनके सूचनाएं ऐसी थीं जो अमरीका की सुरक्षा को चुनौती दे रही थीं।

अमरीका के इस जासूसी कार्यक्रम की अनेक यूरोपियन देशों ने कच्च्ी निंदा की है लेकिन भारत की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया इस संबंध में नहीं आई है। यहां सरकार घोटालों और भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हुई है। शायद इसी कारण वह अमरीका के खिलाफ बोलने की हिम्मत न दिखा पा रही हो। कारण यह भी हो सकता है कि भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या अधिक न होने के कारण वे जाति आधारित चुनावी गणित को प्रभावित नहीं कर सकते। इसलिए इंटरनेट उपभोक्ताओं की निजता राजनीतिक दलों के लिए कोई मायने नहीं रखती।

भारत, विशेषकर सरकारी क्षेत्र में साइबर सुरक्षा उम्दा नहीं है। ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं जब सरकार की वेबसाइट 'हैक' कर ली गईं या फिर उनसे महत्वपूर्ण डाटा हटा दिया गया। अनेक बार सरकार का गोपनीय डाटा सायबर हमले या उपेक्षा की भेंट चढ्ढ गया। हर घटना के बाद सरकारी विभाग आह्ळनलाइन हो जाते हैं और 'हैकर' उन पर फिर से नजर गढ्ढा लेते हैं। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत सरकार देशभर के इंटरनेट खातों के समन्वय और विश्लेषण के लिए केन्द्रीय तंत्र बना रही है। इस तंत्र को नेशनल साइबर कोआर्ह्ळडिनेशन सेंटर (एनसीसीसी) कहा जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनसीसीसी देश की साइबर सुरक्षा में प्रभावी साबित होगा? खबरों के अनुसार एनसीसीसी का लक्ष्य निजी नहीं, बल्कि भारतीय सायबर ढांचे को मिल रही चुनौतियों का होगा। अनूप वर्मा

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies