स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित महाकाव्य 'युवमन्यु' लोकार्पित
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स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत 19 जून को नई दिल्ली में महाकाव्य 'युवमन्यु' का लोकार्पण किया गया। आचार्य देवेन्द्र देव द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर लिखे गए महाकाव्य का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने किया। समारोह के स्वागताध्यक्ष प्रसिद्ध उद्योगपति और समाजसेवी श्री रोशन लाल गोरखपुरिया थे। कार्यक्रम को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती 'मुनि' का सानिध्य मिला। मंच पर संस्कार भारती, दिल्ली के अध्यक्ष श्री दीनदयाल शर्मा भी आसीन थे।
स्वामी चिदानंद सरस्वती 'मुनि' ने कहा कि भारत की महत्ता उसके संस्कार और संस्कृति है। सोने की चिड़िया या गुड़िया कहलाने में नहीं। ऐसे लोगों पर आश्चर्य होता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और स्वामी विवेकानंद को मानने वालों को साम्प्रदायिक कहते हैं। जबकि रा.स्व.संघ देशभक्त संगठन है।
महाकाव्य के रचयिता आचार्य देवेन्द्र देव ने कहा कि संस्कृति के उद्धार के लिए हमारी पीढ़ी क्या कर सकती है। भारतमाता की देश के युवकों से क्या उपेक्षा है। ऐसी ही बातों को पुस्तक में सहेजने का काम किया है। इसको पढ़ने से युवाओं में शक्ति समाहित होगी जो सभी विषमताओं को उखाड़ फेंकेगी।
समारोह की शुरुआत मंचस्थ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। संस्कार भारती, नाहरगढ़ जिले के कार्यकर्ताओं ने वंदेमातरम और अन्य गीत संगीत के साथ मधुर स्वर में प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती, दिल्ली के मंत्री संगठन श्री जितेन्द्र मेहता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अध्यक्ष श्री विजय वहल ने किया।
इस अवसर पर रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री मधुभाई कुलकर्णी, संस्कार भारती के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री बांकेलाल गौड़ सहित बड़ी संख्या में दिल्ली के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। दिल्ली ब्यूरो
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