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आपकी जरा-सी लापरवाहीकहीं भटका न दे दिशा

by
Jun 22, 2013, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 22 Jun 2013 15:20:39

इस देश की शिक्षा प्रणाली अभी भी ऐसी है जहां लोग पढ़-लिखकर नौकरी पाने को पहली प्राथमिकता समझते हैं। कई बार जल्दी नौकरी पाने की छात्र की खुद की चाहत होती है, तो कई बार इसके लिए उनके ऊपर पारिवारिक दबाव भी होता है। इसे लेकर उनके अंदर असमंजस की स्थिति आ जाती है। उनके मनोभावों को समझते हुए ही देश में कई तरह के पेशेवर पाठ्यक्रमों का उदय हुआ है। वैसे तो इन पेशेवर पाठ्यक्रमों की सूची बहुत बड़ी है और छात्र इस उलझन में रहते हैं कि वे क्या चुनें। लेकिन यदि छात्र थोड़ा सी अपनी जानकारी बढ़ाएं तो इंटरनेट व 'करियर काउंसलर' के जरिए उन्हें कई तरह के विकल्पों का पता चल सकता है। आमतौर पर बारहवीं के बाद छात्र बीए, बीएससी व बीकॉम की ओर रुख करते हैं लेकिन उससे इतर एक दुनिया पेशेवर पाठ्यक्रमों की भी है। उनके सामने तीन बड़े क्षेत्र जैसे चिकित्सा (मेडिकल), अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) व प्रबंधन (मैनेजमेंट) हैं। इनमें से किसी को भी अपने लिए चुन सकते हैं। ये तीनों ही क्षेत्र तेजी से अपना दायरा फैला रहे हैं। साथ ही रोजगार देने के मामलों में भी किसी से पीछे नहीं हैं। यही कारण है कि हर साल लाखों की संख्या में लोग इसकी ओर आस लगाए रहते हैं। आज हर क्षेत्र अपने यहां कुशल लोगों को वरीयता दे रहे हैं। इसे देखते हुए पेशेवर पाठ्यक्रम काफी कामगर साबित हो रहे हैं। क्योंकि ये पाठ्यक्रम उन्हीं क्षेत्र को ध्यान में रखकर सैद्धांतिक व प्रायोगिक रूप से तैयार किए गए होते हैं। पेशेवर पाठ्यक्रमों के चयन में कई तरह की सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आइए, इस बार यह जानने का प्रयास करते हैं कि चिकित्सा, अभियांत्रिकी या प्रबंधन के क्षेत्र में आप किस प्रकार प्रवेश पा सकते हैं।

चिकित्सा क्षेत्र

भारतीय परिदृश्य में डॉक्टर को तो भगवान का दूसरा रूप माना जाता रहा है। यही कारण है कि बचपन से ही लोगों को इस क्षेत्र अथवा पेशे के बारे में पता होता है। आईटी और अन्य क्षेत्रों की बढ़ती धमक भी मेडिकल क्षेत्र को हिला नहीं पाई। आज भी एक बड़ी संख्या में लोग डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं। इस क्षेत्र में जाने के इच्छुक छात्रों को खुद को कई तरह से तैयार करना होता है। मसलन उनकी डॉक्टरी के पेशे में रुचि रहेगी तभी वे इसमें आगे बढ़ पाएंगे। यदि वे किसी कोचिंग सेंटर से तैयारी करना चाहते हैं तो उन्हें उस कोचिंग सेंटर के बारे में अच्छी तरह पता लगा लेना चाहिए। अध्ययन सामग्री के चयन में भी उन्हें पूरी सावधानी बरतनी होगी। आपके वरिष्ठ इसमें काफी मदद पहंुचा सकते हैं।

किस रूप में अवसर

सामान्य तौर पर एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) अथवा बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की उपाधि साढ़े पांच साल के अंतराल में ही मिलती है। साढ़े पांच साल तक सफल तरीके से अध्ययन करने पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डॉक्टर की उपाधि मिल जाती है। चार वर्ष तक छात्रों को तमाम तरह की चिकित्सकीय जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। इसमें प्रवेश तभी मिल पाता है जब छात्र बारहवीं  जीवविज्ञान विषय और 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। एमबीबीएस की उपाधि मिल जाने के बाद एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) अथवा एमएसस तथा पीएचडी का रास्ता खुल जाता है। आगे चलकर अध्ययन का विकल्प भी सामने आ जाता है। एमबीबीएस, एमडी के अलावा पैरामेडिकल, माइक्रोबायोलॉजी, आयुर्वेद, रेडियोग्राफी, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, डेंस्टिस्ट आदि में भी अवसर                 मिलता है।

प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं

मेडिकल से संबंधित कई तरह की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं-

o राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी )

o ऑल इंडिया प्री मेडिकल अथवा प्री डेंटल टेस्ट (एआईपीएमटी)

o कम्बाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी)

o एम्स एमबीबीएस

o दिल्ली प्री मेडिकल टेस्ट (डीपीएमटी)

o ए.एफ.एम.सी., पुणे

 डीयू-एमईटी

क्या है एनईईटी

एनईईटी एक सम्मिलित मेडिकल प्रवेश परीक्षा है और इसे इसी साल से शुरू किया गया है। एनईईटी की शिक्षा पद्धति स्नातक पूर्व और परास्नातक के छात्रों के लिए अलग-अलग है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में ऑल इण्डिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी), यूपी सीपीएमटी, राजस्थान पीएमटी, दिल्ली पीएमटी, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज एग्जाम व राज्यस्तरीय कई अन्य परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी तथा इनकी जगह पर छात्रों को एनईईटी परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी।

प्रमुख चिकित्सा संस्थान

– ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली

वेबसाइट- www.aiims.ac.in

– क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर

  वेबसाइट- www.cmchvellore.com

– आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, पुणे

  वेबसाइट- www.afmcpune.com     

– जेआईपीएमईआर, पांडिचेरी

  वेबसाइट- www.jimper,edu

– लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली  वेबसाइट- www.ihmc.ac.in     

– कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, चेन्नई

  ´Éä¤ÉºÉÉ<]õ-www.kmcmanglore.com     

– मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली  वेबसाइट www.mamc.ac.in   

– ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई

´Éä¤ÉºÉÉ<]õwww.grantmedicalcollege.com  

– सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर

  वेबसाइट- stjhns.in  

– बैंगलौर मेडिकल कॉलेज, बैंगलौर

  ´Éä¤ÉºÉÉ<]õ-www.karnatkacet.com           अभियांत्रिकी क्षेत्र

देश को विकास की तरफ ले जाने में इंजीनियरों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। किसी भी व्यवस्था को अंतिम रूप देना इन्हीं इंजीनियरों के जरिए संभव हो पाता है। जिन प्रमुख क्षेत्रों ने बदलते समय के साथ अपनी चमक नहीं छोड़ी है उनमें से एक इंजीनियरिंग भी है। यह काफी व्यापक क्षेत्र है। निर्माण से लेकर रणनीति बनाने में इनकी विशेष दरकार होती है। एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 40 लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र के बारे में छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि इसे जितने बड़े फलक पर आजमाया जाए इसमें उतना ही निखार आता है। लेकिन इसके लिए उन्हें जीतोड़ मेहनत और एक रणनीति के तहत आगे बढ़ना होगा। इस क्षेत्र में जितनी भी नई चीजें आ रही हैं उनके बारे में छात्र को पता होना आवश्यक है। बारहवीं के पश्चात आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में बढ़ती भीड़ यह स्पष्ट करती है कि इसके प्रति लोगों में कितना आकर्षण है। आगे भी इसमें अनुभवी एवं योग्य लोगों की भारी जरूरत होगी।

इंजीनियरिंग की प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं में वही छात्र सम्मिलित हो सकते हैं, जिन्होंने 12वीं की परीक्षा 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। जबकि आरक्षित श्रेणी के छात्रों को 5 प्रतिशत छूट का प्रावधान है।

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं

– आईआईटी-जेईई

– एआईईईई

– यूपीएसईई

किस रूप में अवसर

पिछले कुछ वर्षों से देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का तेजी से आगमन हुआ है। सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं सामने आई हैं। रोजगार के लिहाज से सरकारी व निजी क्षेत्रों का अपना अलग-अलग महत्व है। इसमें बहुराष्ट्रीय व निजी कंपनियां सर्वोच्च स्थान पर हैं। निजी क्षेत्र जहां अपनी कार्यशैली व बदलाव के लिए जाना जाता है, वहीं सरकारी क्षेत्र अपने स्थायित्व व सुरक्षा को लेकर। यदि एक इंजीनियर के अंदर क्षमता है तो निजी क्षेत्र में उसकी आमदनी साल में दो बार भी बढ़ सकती है, लेकिन सरकारी क्षेत्रों में यह वेतनमान के हिसाब से व तयशुदा मिलती है। आज निजी क्षेत्र सहित पॉवर प्लांट, बैंक, अस्पताल आदि हर जगह पर इंजीनियरों की मांग है। विदेश जाकर भी लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

इंजीनियरिंग की प्रमुख शाखाएं

– एग्रीकल्चर इंजीनियंरिंग

– एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग

– केमिकल इंजीनियरिंग

– सिविल इंजीनियरिंग

– कम्प्यूटर इंजीनियरिंग

– ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग

– मेकैनिकल इंजीनियरिंग

– एनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग

– इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग

– मरीन इंजीनियरिंग

– माइनिंग इंजीनियरिंग

– पेट्रोलियम इंजीनियरिंग

– टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

– प्लास्टिक इंजीनियरिंग

प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान

भारत में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाले प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज निम्न हैं-

o आई.आई.टी., दिल्ली 

 website-www.cse.iitd.ernet.in

o आई.आई.टी., कानपुर   website- www.iitk.ac.in

o आई.आई.टी., चेन्नई   website- www.iitm.ac.in

o आई.आई.टी., मुंबई  website- www.iitb.ac.in

o आई.आई.टी., खड़गपुर  website- www.iitkgp.ac.in

o आई.आई.टी., रुड़की   website- www.iite.ernet.in

o आई.आई.टी., इलाहाबाद   website- www.iita.ac.in

o आई.आई.टी., गुवाहाटी   website- www.ernet.in

o कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, चेन्नई  website- www.annauniv.edu/ceg

o नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, त्रिची website- www.nitt.edu 

प्रबंधन क्षेत्र

एमबीए करके प्रबंधन के क्षेत्र में ऊंचा पद हासिल करना हर छात्र का सपना होता है। हर साल इसी सपने को साकार करने के लिए हजारों छात्र प्रबंधन की प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं में अपनी किस्मत आजमाते हैं। जिसके जरिए उन्हें देश के करीब 1300 प्रमुख बिजनेस स्कूलों में दाखिला मिलता है। इसमें छात्र की प्राथमिकता सिर्फ प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाना ही नहीं बल्कि अच्छे संस्थान में चयन होना भी है। क्योंकि नामी-गिरामी संस्थानों के पास अनुभवी शिक्षक, सुसज्जित पुस्तकालय, प्रयोगशाला, नियोक्ताओं की सूची व पढ़ाई का वातावरण होता है। किसी बड़े संस्थान से एमबीए करने के लिए सबसे पहले उन्हें एक प्रवेश परीक्षा से होकर गुजरना होता है। इस दौरान उनका सामना तेज तरर्ार एवं मेधावी लोगों से होता है। इसमें एक के बाद एक कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। जिनकी पद्धति लगभग एक सी होती है। प्रमुख प्रबंधन प्रवेश परीक्षाओं में वही छात्र बैठ सकते हैं जिन्होंने स्नातक की परीक्षा उच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो। कुछ संस्थान स्नातक में 50 प्रतिशत अंक का प्रावधान भी रखते हैं। साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र भी इसमें बैठने के योग्य होते हैं।                   प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं

o कैट    

o मैट

o एनमैट

o सीमैट

o जैट

o डीयू एफएमएस

o इरमा

o आईआईएफटी         

प्रमुख बिजनेस–स्कूल

o आईआईएम, अमदाबाद

o आईआईएम, बंगलौर

o आईआईएम, कोलकाता

o आईआईएम, कोझीकोड

o आईआईएम, लखनऊ

o आईआईएम, इंदौर

o एक्सएलआरआई, जमशेदपुर

o आईआईएफटी, दिल्ली

o एनएमआईएमएस, मुंबई

o आईसीएफएआई, हैदराबाद

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