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छले दिनों सहारनपुर (उ.प्र.) में एक कार्यक्रम के दौरान हास्य कवि श्री अशोक चक्रधर को एकादश शैलीकार सम्मान से सम्मानित किया गया। पद्मश्री डा. कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' की 107 वीं जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में श्री चक्रधर को उत्तराखण्ड के महामहिम राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी और प्रख्यात संत स्वामी अवधेशानंद ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। श्री चक्रधर को सम्मान स्वरूप पुष्पाहार, शॉल, स्मृति चिह्न और सम्मान राशि दी गई।
साहित्य को संस्कृति का मेरूदंड बताते हुए स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि यदि व्यक्ति निर्भय, अमर और आनन्दित रहना चाहता है तो वह साहित्य के गलियारे में आए और शब्द से जुड़े। इस अवसर पर स्वामी अवधेशानंद ने डा. कन्हैया लाल मिश्र 'प्रभाकर' को युग बोधक, युग सृष्टा और युग दृष्टा की संज्ञा दी।
डा. अजीज कुरैशी ने कहा कि साहित्य, समाज और संस्कृति के क्षेत्र में अपना अविस्मरणीय और उल्लेखनीय योगदान करके जो लोग संसार से चले जाते हैं उनके जीवन मूल्य हमेशा बने रहते हैं। श्री अशोक चक्रधर ने पद्मश्री डा. कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' को याद करते हुए कहा कि वास्तव में प्रभाकर जी पत्रकार नहीं, पत्रकारिता के विश्वविद्यालय थे।
समारोह में शहर के प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार और प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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