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वनवासियों को साथ लेकर नक्सलियों के विरुद्ध जंग छेड़ने वाले महेंद्र कर्मा की गत 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर हमला कर हत्या कर दी।
महेंद्र कर्मा ने 1989 से ही नक्सलियों के खिलाफ आंदोलन चला रखा था। वे 1996 में पहली बार सांसद चुने गए। 2000 से 2004 तक प्रदेश सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री रहे। 2004 से 2008 तक वे प्रदेश में विपक्ष के नेता रहे। कर्मा ने सन् 2005 में सलवा जुडूम की शुरुआत की थी। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान की वजह से कर्मा को 'बस्तर का शेर' कहा जाता था। खतरे को भांपते हुए सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी। महेंद्र कर्मा की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी।
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