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शिक्षा में ठेकेदारी प्रथा एवं लगातार गिरते शिक्षा के स्तर के विरोध में गत 25 अप्रैल को देशभर के 22 राज्यों के हजारों पूर्व प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर के शिक्षकों ने नई दिल्ली में धरना दिया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में आयोजित धरने में शिक्षकों ने सरकार के सामने 15 मांगें रखीं। इस अवसर पर शिक्षकों के समर्थन में अनेक संसद सदस्य भी मौजूद रहे।
धरने को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष डा. विमल प्रसाद अग्रवाल ने देश में शिक्षा के पतन पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। महामंत्री प्रो. जगदीश प्रसाद सिंघल ने कहा कि देश में तेजी से शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है। संगठन मंत्री श्री महेन्द्र कपूर ने शिक्षकों से संगठित होने का आह्वान किया। दिल्ली अध्यापक परिषद के अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल ने शिक्षकों की नियुक्ति मंे ठेकेदारी व्यवस्था को बंद कर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की।
धरने को सर्वश्री भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता व सांसद श्री प्रकाश जावड़ेकर, संसद सदस्य अर्जुन मेघवान, जे.पी. नड्डा, श्रीपादनायक, हंसराज अहीर एवं अविनाशराम खन्ना ने भी सम्बोधित किया। प्रतिनिधि
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