देश, समाज और संस्कृति से जोड़े शिक्षा
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'वर्तमान शिक्षा प्रणाली और उसके समक्ष चुनौतियां' पर दिल्ली में संगोष्ठी
देश की शिक्षा प्रणाली, उसकी कमियों और समाधानों पर गत 20 अप्रैल को दिल्ली में गहन विमर्श हुआ। इस दौरान सामने आया कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली शिक्षा के उद्देश्य को पूर्ण करने से कोसों दूर है। इसलिए शिक्षा को देश, समाज और संस्कृति से जोड़ने वाली बनाने की जरूरत है। यह विमर्श बहुभाषी संवाद समिति हिन्दुस्थान समाचार द्वारा 'वर्तमान शिक्षा प्रणाली और उसके समक्ष चुनौतियां' विषयक संगोष्ठी में हुआ। इस अवसर पर समिति के संरक्षक एवं रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री लक्ष्मी नारायण भाला द्वारा लिखित पुस्तक 'शिक्षा पंचामृत' का लोकार्पण भी हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद श्री बलबीर पुंज थे। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी, विद्या भारती के अध्यक्ष श्री गोविंद प्रसाद शर्मा, हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष डा. नंद किशोर त्रिखा एवं श्री लक्ष्मी नारायण भाला भी मंचासीन थे।
'शिक्षा पंचामृत' पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए श्री लक्ष्मी नारायण भाला ने कहा कि यह पुस्तक शोध पत्र नहीं, बल्कि बोध पत्र है। यह समय-समय पर शिक्षा की स्थिति के सम्बंध में लिखे गए लेखों का संग्रह हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मनुष्य का पूर्ण विकास करना है जो न केवल उसके सामाजिक जीवन बल्कि उसके आचरण में भी परिष्कृत हो। कार्यक्रम का संचालन प्रवर समिति के अध्यक्ष श्री दीनदयाल अग्रवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन किया हिन्दुस्थान समाचार के श्री अनिरुद्ध शर्मा ने। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिल्ली के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
सेवा भारती द्वारा दिल्ली में संचालित आवासीय विद्यालय 'सेवाधाम' का खेल दिवस समारोह गत 23 अप्रैल को विद्यालय परिसर में धूमधाम से सम्पन्न हुआ। सुबह के समय तीन स्तरों (वरिष्ठ, कनिष्ठ और उप कनिष्ठ) पर 200 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इसके अलावा पिछले सात दिनों में और भी कई खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। खेल प्रतियोगिताओं में विद्यालय के सभी 327 छात्रों ने भाग लिया। दौड़ प्रतियोगिताओं के बाद विद्यालय के सभागार में समापन समारोह का आयोजन हुआ।
हिन्दू स्वभाव से 'सेकुलर' है
–डा. कृष्ण गोपाल, सह-सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
समारोह में विद्यालय के छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया। इनमें स्वामी विवेकानंद के खेलों के प्रति दृष्टिकोण पर आधारित नाटक, मणिपुर के छात्रों द्वारा प्रस्तुत 'बांस नृत्य', विद्यार्थियों द्वारा बनाई गईं भिन्न प्रकार की आकृतियां, नियुद्ध आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल थे। इस अवसर पर मंच पर रा.स्व.संघ, दिल्ली के प्रांत संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, सेवा भारती, दिल्ली के अध्यक्ष श्री तरुण गुप्ता, विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राजकुमार शर्मा तथा प्रबंधिका श्रीमती इन्दिरा मोहन भी आसीन थीं।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हिन्दू स्वभाव से 'सेकुलर' है। यह शब्द उनके लिए है जो लोग भारतीय सभ्यता और संस्कृति को नहीं जानते। सेवा भारती क्षमता बढ़ाने में विश्वास रखती है खैरात बांटने में। सेवाधाम जैसे विद्यालयों में दूर-दराज के बच्चों को शिक्षित कर उनकी क्षमता बढ़ाती है। ऐसे छात्रावासों में पढ़कर इन छात्रों का राष्ट्रीय एकात्मता का बोध मजबूत होता है। इसके बाद यह छात्र अपने क्षेत्रों में जाकर अलगाववादी ताकतों के साथ नहीं खड़े होते। लोगों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के मन का परिवर्तन करना कठिन है पर यह प्रभावी है। इसके लिए सहनशीलता चाहिए। संस्कृति के बंधन संविधान की धाराओं से मजबूत होते हैं। हम समाज में आत्मीयता से संस्कृति के प्रति भाव को बढ़ाएं। प्रतिनिधि
आचार्य रामरंग सम्मानित
कोलकाता (प.बंगाल) की सुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा पिछले अनेक वर्षों से लगातार दिया जा रहा डा. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान इस वर्ष श्रीराम साहित्य के विशेषज्ञ आचार्य सोहनलाल रामरंग को दिया गया। 24वें डा. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान का आयोजन कोलकाता के प्रसिद्ध महाजाति सदन सभागार में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रा.स्व.संघ के पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक श्री रणेन्द्रनाथ बंद्योपाध्याय थे, जबकि वक्ता थे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संसद सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री बलबीर पुंज। अध्यक्षता प्रो. तथागत राय ने की। कार्यक्रम में आचार्य रामरंग को शॉल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और 51 हजार रुपए देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री विमल लाठ, पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष श्री जुगलकिशोर जैथलिया एवं पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. प्रेमशंकर त्रिपाठी सहित कोलकाता के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
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