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भारत में अकाल का बहुत पुराना इतिहास रहा है। 1022-1033 के बीच कई बार अकाल पड़ा। सम्पूर्ण भारत में बड़ी संख्या में लोग मरे थे। 1700 के प्रारंभ में भी अकाल ने अपना भीषण रूप दिखाया था। 1860 के बाद 25 बड़े अकाल आए। इन अकालों की चपेट में तमिलनाडु, बिहार और बंगाल आए। 1876, 1899, 1943-44, 1957, 1966 में भी अकाल ने तबाही मचाई थी। उड़ीसा, बंगाल, बिहार आदि पिछड़े राज्यों में लोग कई-कई दिन भूखे रहते थे। लोग एक मुट्ठी अनाज के लिए तड़पते थे। अच्छी वर्षा के अभाव में अकाल पड़ता है। बाढ़ और अकाल जैसी विपदा का सामना करने के लिए ही वाजपेयी सरकार के समय नदी जोड़ो परियोजना शुरू हुई थी। इसी योजना के कारण अमदाबाद में साबरमती नदी फिर से बहने लगी है। यदि इस परियोजना पर तेजी से काम किया जाए तो लोगों को अकाल और बाढ़ की चपेट में आने से बचाया जा सकता है।प्रतिनिधि
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