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थ् चीन अपना रक्षा बजट प्रतिवर्ष 25 प्रतिशत तक बढ़ाता है। भारत का रक्षा बजट प्रतिवर्ष 8-9 प्रतिशत तक बढ़ाया जाता है।
थ् चीन अपने रक्षा बजट से भी अधिक खर्च करता है, भारत का बजट बचा रहता है।
थ् सन् 2011-12 में चीन का रक्षा बजट था 119.3 बिलियन डालर का था जबकि भारत का रक्षा बजट था 1,93,00,000 करोड़ रुपए का।
थ् इस वर्ष भी चीन अपने रक्षा बजट में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करेगा और भारत अपने रक्षा बजट में 5 प्रतिशत की कटौती!
थलसेना को क्या चाहिए?
1-टैंकों के लिए गोला-बारूद थ्अंधेरे में देखने वाले उपकरण थ्एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम
2-तोपखाना भी मजबूत होना है, पर बोफर्स के 22 साल बाद तक कोई नई तोप नहीं
3-कम वजन वाली 400 होवित्जर तोपों का वर्षों से इंतजार
4-2 लाख कार्बाइन और 1500 मशीनगन भी चाहिए
5-परिवहन व आपूर्ति के लिए 197 हैलीकाप्टर का सौदा अंतिम समय में लटका। अगस्ता-वेस्टलैंड के कारण सर्गेई कामोव और इरोप्टर फेनेक से करार टला
वायुसेना की कमी
1-फ्रांस के बहुउद्देशीय युद्धक विमान राफेल का सौदा लंबित। 1 लाख करोड़ की लागत से 126 राफेल खरीदे जाने हैं। ये विमान हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की धारक क्षमता रखते हैं।
2-सुखोई-30 एम.के.आई.का बेड़ा भी बढ़ाना है।
3-मिराज-2000 श्रेणी के 49 युद्धक विमानों का आधुनिकीकरण करना
4-300 परिवहन हैलीकाप्टर, 16 बहुउद्देशीय हैलीकाप्टर
5-490 माइका मिसाइल
नौसेना की दरकार
1-6 नई पनडुब्बियां
2-युद्धपोतों पर बराक मिसाइलों की कमी
3-बहुउद्देशीय हैलीकाप्टर
4-टोही विमान
5-128 ए 244 टारपीडो का चयन हुआ, पर सौदा लटका, क्योंकि उसमें भी अगस्ता-वेस्टलैंड की सहयोगी है आपूर्तिकर्त्ता कंपनी
तीनों अंगों के अधिकारियों और
जवानों के हजारों पद रिक्त
थ् थलसेना में 10 हजार अधिकारियों और 32,431 सैनिकों के पद रिक्त
थ् नौसेना में 1996 अधिकारियों और 14,310 जवानों के पद रिक्त
थ् वायुसेना में 962 अधिकारियों और 7,000 वायुसैनिकों (एयरमैन) के पद रिक्त
थ् समय से पूर्व सेवानिवृत्ती (वीआरएस) लेने वाले सैनिकों व अधिकारियों की संख्या में तेजी से वृद्धि
थ् सन् 2012 में थल सेना के 10,081, नौसेना के 170 तथा वायुसेना के 571 अधिकारियों-जवानों ने वीआरएस लिया।
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