संघ के ग्राम-विकास कार्यकर्ताओं ने निसुर्खा को बनाया विकसित गांव
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अजय मित्तल
बुलंदशहर जिले के निसुर्खा गांव को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ग्राम-विकास कार्यकर्ताओं ने विकसित ग्राम बनाया है। यहां सौ प्रतिशत साक्षरता है, कोई बेरोजगार नहीं है, रासायनिक खेती के स्थान पर जैविक कृषि की जाती है, मन्दिरों में साप्ताहिक कीर्तनों में तमाम ग्रामवासी एकत्र होते हैं, बालकों के जन्मदिनों पर वृक्षारोपण की परम्परा स्थापित हुई है। पांच हजार आबादी के इस ग्राम की सात साल में कायापलट हो गयी है।
अगस्त, 2005 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विस्तारक रामवीर सिंह ने निसुर्खा में शाखा शुरू की थी। गांव के एक नवयुवक संजीव को उन्होंने शाखा चलानी सिखायी। शाखा के साथ ही ग्राम में परिवर्तन का दौर दिखायी देने लगा। यहां पहले से ही स्थिति जूनियर हाईस्कूल, इंटर कालेज और बालिका महाविद्यालय में संघ स्वयंसेवक आग्रह पूर्वक बच्चों को भिजवाने लगे। परिणाम यह हुआ कि तीन-चार वर्ष में सभी बालक-बालिकाएं शिक्षित होने लगे। निरक्षर प्रौढ़ों को भी साक्षर किया गया। आज ग्राम 100 प्रतिशत साक्षर है। बेरोजगारी-उन्मूलन के लिए सफल प्रयास हुए। संघ के मेरठ प्रांत ग्राम-विकास प्रमुख पवन कुमार हनुमान बताते हैं कि युवकों को 'मोटर बाइंडिंग', 'मैन्टेनेन्स', 'फैब्रीकेशन', 'कारमेंटिंग' जैसे कार्य सिखाये गए। दूसरी ओर लड़कियों को सिलाई करने व जैविक उत्पाद बनाने के तौर-तरीकों में प्रशिक्षित किया गया। तमाम कार्यों की देखरेख के लिए ग्राम में राष्ट्रवंशी ग्राम विकास समिति बनायी गयी। उसके द्वारा सिलाई, मेहंदी, 'पेन्टिग', 'ब्यूटीशियन' केन्द्र चलते हैं, और प्रशिक्षित बालिकाओं को प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। गांव में लगभग हर आवश्यक वस्तु यहीं की दुकानों पर उपलब्ध हो जाती है, उसके लिए शहर जाने की जरूरत नहीं। कहा जाए तो यदि किसी लड़की की शादी रातो-रात भी करनी पड़ जाए तो गांव में ही सारा सामान मिल जाएगा।
जैविक कृषि, देसी गौ का पालन, केंचुआ खाद, मटका खाद आदि के नए-नए प्रयोगों से गांव में फसलें लहलहाती हैं। रासायनिक खेती त्याग देने से पानी की भी खासी बचत हुई है। आवंले, पपीते और बेहड़ी से लदे वृक्ष ग्राम्य समृद्धि की गवाही देते हैं। राष्ट्रवंशी समिति के अन्तर्गत ग्रामीण कुटीर संस्थान कृषि यंत्रों व जैविक उत्पादों के संबंध में जो नए-नए शोध कर रहा है, उस बारे में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत को उनके हालिया मेरठ प्रवास (20 से 24 दिसम्बर) में उनको भी जानकारी दी गयी। विगत दिनों रा.स्व.संघ के ग्राम विकास प्रमुख डा. दिनेश ने भी इस गांव का प्रवास कर सब गतिविधियों का अवलोकन किया।
ग्राम के पांचों मंदिर बगैर जातिभेद के सबके लिए खुले हैं। राष्ट्रवंशी समिति ने उनका जीर्णोंद्वार कराया है। यहां प्रति सप्ताह कीर्तन सभाएं होती हैं। इनमें भी समाज का हर वर्ग शामिल होता है।
समिति की मासिक बैठक में लोगों को व्यसन-मुक्ति के संकल्प दिलाए जाते हैं। साथ ही गांव की स्वच्छता के विषय में विचार करते हुए जहां गंदगी की शिकायत हो, सफाई अभियान चलाया जाता है। ग्राम प्रधान श्री शिवसिंह, जो अनुसूचित जाति के हैं, ग्रामसभा के अन्य सदस्यों के साथ समिति की बैठकों में सम्मिलित होते हैं। उनकी ओर से स्वयंसेवकों को ग्राम विकास के हर काम में सहयोग मिलता है। राष्ट्रवंशी समिति के स्वास्थ्य प्रमुख नरेश कुमार द्वारा समिति अध्यक्ष गजेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य शिविर लगते हैं।
समिति द्वारा ग्रामीण बालकों के जन्म दिनों पर वृक्षारोपण की परम्परा एक अभिनव शुरुआत है। प्रत्येक जन्मदिवस पर दो वृक्ष लगाए जाते हैं। ये सार्वजनिक स्थल पर समस्त ग्राम समाज के हितार्थ लगते हैं। साथ ही जन्मदिवस पर यज्ञ करने की परिपाटी भी डाली गयी है।
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