|
'आज हमारा देश स्वतंत्र है, सरकार अपनी है लेकिन नीतियां उल्टी चल रही हैं। अपने व्यापारियों को बाजार देने के बजाए विदेशी खुदरा व्यापारियों को लाकर उनके गुणगान गाए जा रहे हैं। भारत से नाता मानने वाले, पड़ोसी देशों के सताए हिन्दुओं को यहां सताया जा रहा है। घुसपैठिए सत्ता में घुस रहे हैं। हमारा उद्धार कोई और नहीं करने वाला, हमें ही यह करना होगा। संघ लोगों को इस योग्य बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है'। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत दिनों रायपुर (छ.ग.) में सम्पन्न हुए रा.स्व.संघ के 4 दिवसीय मुख्य शिक्षक-कार्यवाह वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर रायपुर के स्थानीय गण्यमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। स्वयंसेवकों ने अनेक प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया।
श्री भागवत ने कहा कि लोगों की अपेक्षा है कि संघ राष्ट्र को परमवैभव के शिखर तक ले जाएगा, लेकिन परिस्थितियां जटिल हैं। पाकिस्तान की शह पर कश्मीर में अलगाववादी स्वर फिर जोर पकड़ रहे हैं। देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। चीन की जनता में भारत के प्रति अभी भी श्रद्धा है और वह भारत को अपना गुरु मानती है। इसका लाभ लेकर नीतियां बननी चाहिए। लेकिन इस ओर कोई प्रयास नहीं हो रहा। आर्थिक दृष्टि से चीन से हम आगे रहें इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
श्री भागवत ने कहा कि हर समस्या के लिए सरकार को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बचा जा सकता। हमें यह स्वभाव छोड़ना होगा। अगर हम अपने देश के प्रति उदासीन रहेंगे, अपने गुणों को नहीं निखारेंगे तो देश का भाग्य बदलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सब भारतमाता की संतान और हिन्दू पूर्वजों के वंशज हैं। परोपकार और सबके जीवन को विकसित करने वाली संस्कृति हमें विरासत में मिली है। आम लोगों से संघ की शाखाओं में आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया को मार्ग दिखाने वाला भारत खड़ा करना है तो इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र कार्य के लिए प्रतिदिन कुछ समय अवश्य देना होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री इंदरवीर सिंह बत्रा ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित युवा पीढ़ी को सिख गुरुओं के बताए मार्ग पर लाकर उनके जीवन में अनुशासन लाना जरूरी है। वर्गाधिकारी डा. सुरेन्द्र शुक्ला ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया।
6-8 दिसंबर को सम्पन्न हुए वर्ग में छत्तीसगढ़ प्रांत के 25 जिलों से कुल 1123 मुख्य शिक्षक, कार्यवाह और उससे ऊपर के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वर्ग के दौरान स्वयंसेवकों का रायपुर में पथ संचलन भी निकला जिसे स्थानीय गण्यमान्य लोगों ने खूब सराहा। हेमंत उपासने
टिप्पणियाँ