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विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने बौद्ध गुरु दलाई लामा और अन्य बौद्ध संतों को जनवरी, 2013 में प्रयाग में होने वाले कुम्भ में आने का निमंत्रण दिया है। वे गत दिनों (हुबली) कर्नाटक में दलाई लामा को मिले नोबल शांति पुरस्कार की 23वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल थे।
कार्यक्रम में श्री सिंहल ने कहा कि महाकुम्भ भारत के धार्मिक नेताओं के लिए बड़ा आयोजन है। बौद्ध भी भारत की आध्यात्मिक विरासत के अंग हैं इसलिए उन्हें भी महाकुम्भ का हिस्सा होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने दलाई लामा के साथ-साथ अन्य बौद्ध संतों को भी महाकुम्भ आने का निमंत्रण दिया। दलाई लामा को प्रेम, शांति, मानवता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि दलाई लामा विश्व के कुछ गिने-चुने आध्यात्मिक नेताओं में से एक हैं।
दलाई लामा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना जरूरी है। आधुनिक विज्ञान ने इसे विभिन्न शोधों के जरिए सिद्ध भी कर दिया है। इस अवसर पर तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डा. लोबसांग संगे, लामा जोसपेट जोटपा, लामा सोना रिम्पोछे, प्रो. सोमडोंग रिम्पोछे, भारत-तिब्बत सहयोग मंच, कर्नाटक के अध्यक्ष श्री बी.एम. राइकर विशेष रूप से उपस्थित थे।
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