|
दीनदयाल शोध संस्थान (चित्रकूट) द्वारा मझगवां तहसील के स्वावलंबन केन्द्र- अमिरती गांव में एक बाल शिविर का आयोजन गत 30 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक किया गया। इस शिविर में 115 बच्चों ने भाग लिया, जो गुझवा, बरहा, चितहरा, देवरा, सोनवर्षा, पगारखुर्द तथा पगारकला गांव से आये थे। इस शिविर में दैनिक दिनचर्या, सदाचार, टूटे-फूटे पदार्थों से उपयोगी वस्तुओं का निर्माण, यातायात के नियम, अन्धविश्वासों को दूर करने के लिए विज्ञान के प्रयोग, चित्रकला, सुलेख, सामान्य ज्ञान इत्यादि विषयों के सत्र रखकर बौद्धिक विकास किया गया। इसके अलावा हरी-ताजी सब्जियों, स्थानीय औषधि, व्यक्तिगत- सामूहिक तथा सार्वजनिक स्वच्छता विषयों के विशेषज्ञों ने सत्र लिया। डम्बल, लेजिंग, ताइकाण्डो, योग- व्यायाम, आसन-प्राणायाम, पिरामिड, एकल गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति समापन कार्यक्रम में की गई। समापन अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक संचालक जिला शिक्षा अधिकारी श्री एम. के. द्विवेदी, आत्मा परियोजना के जिला संयोजक श्री त्रिपाठी, कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक श्री राजेन्द्र सिंह नेगी, दिशादर्शन के विनीत श्रीवास्तव, यूथ फार सेवा (हैदराबाद) से रुद्र तेजा उपस्थिति हुए। श्री एम.के. द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि इतने दूरस्थ वनवासी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की कमियों को दीनदयाल शोध संस्थान दूर कर रहा है। शारीरिक शिक्षा से शरीर के साथ मन और बुद्धि भी स्वस्थ होती है। उन्होंने कहा कि जीवन में जो भी अच्छाइयां जहां भी प्राप्त हों वहीं से प्राप्त करने तथा उस पर जीवन में अमल करने पर अपने साथ सबका भला होता है। श्री नेगी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह प्रेरणा देने नानाजी देशमुख यहां आये थे, आज नानाजी का सूक्ष्म शरीर इस कार्यक्रम को देखकर प्रसन्न होगा और हम सबको उनका आशीर्वाद मिल रहा होगा।
टिप्पणियाँ