चीन का नया बखेड़ा
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चीन का नया बखेड़ा

by
Dec 1, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पासपोर्ट पर अरुणाचल और अक्साई चिन अपने दिखाए!

दिंनाक: 01 Dec 2012 11:20:06

आलोक गोस्वामी

पासपोर्ट पर अरुणाचल और अक्साई चिन अपने दिखाए!

सयाने चीन ने भारत के नक्शे को लेकर फिर से एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। पिछले कुछ समय से वह नए जारी होने वाले ई. पासपोर्टों पर चीन का जो नक्शा मुहर के रूप में छाप रहा है उसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने इलाके दर्शा रहा है। कुछ हफ्ते पहले चीन की यह हरकत भारत के विदेश विभाग की जानकारी में आई। भारत ने भी चीन की इस एकतरफा मनमानी का जवाब देते हुए नए निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास चीनी नागरिकों को जो नए वीसा जारी कर रहा है उन पर भारत का नक्शा है जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन बाकायदा भारत के हिस्से दर्शाए गए हैं।

ध्यान देने की बात है कि चीन ने पहले भी जम्मू-कश्मीर के निवासियों को 'स्टेपल' वीसा दिए थे और इसके पीछे वजह बताई थी कि जम्मू-कश्मीर 'विवादित क्षेत्र' है। उसने तब अरुणाचल प्रदेश वालों को वीसा देने से भी इनकार किया था। भारत ने तब भी चीन की उस हरकत का पुरजोर विरोध करते हुए चीन को अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। उसके बाद चीन ने जम्मू-कश्मीर के निवासियों को बिना छेड़छाड़ किए वीसा देने बहाल किए थे।

अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ 1030 किमी. की बिना बाड़ की सीमा सटी है। भारत और चीन ने 1993 और 1996 में करारों पर दस्तखत करके वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने के वायदे किए थे। लेकिन चीन जब-तब उस वायदे से मुकर जाता है और उसके पीछे सीमाओं का 'पुख्ता सीमांकन' न होने को वजह बताता है। इस बीच खबर है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन सीमा विवाद पर बातचीत के अगले दौर के लिए जल्दी ही बीजिंग जाने वाले हैं।

चीन ने ऐसी ही हरकत फिलिपीन्स और विएतनाम के साथ भी की है। उसने इन देशों के कुछ टापुओं और दक्षिण चीन सागर की उनके हिस्से की जलराशि को अपनी सीमाओं में दिखाया है। जहां भारत ने अरुणाचल और अक्साई चिन पर चीनी चाल का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने का रास्ता अपनाया, वहीं फिलिपीन्स और विएतनाम ने रत्तीभर लचीला रुख न दिखाते हुए चीन को तुरन्त कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। ऐसी हरकतों पर तीखा विरोध उठने पर चीनी विदेश विभाग के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि नए पासपोर्ट 'अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित' हैं। लेकिन चीन के इस जवाब से फिलिपीन्स और विएतनाम की त्योरियां और चढ़ गई ½éþ*l

कारगिल शहीद के पिता की गुहार

'कैप्टन कालिया को यातना देने वाले पाकिस्तानी फौजी दंडित हों'

कारगिल शहीद कैप्टन सौरभ कालिया की जांबाजी को कौन भुला सकता है? अपनी पहली ही तैनाती में कारगिल में मई 1999 में वे काक्सर इलाके में गश्त लगाते हुए पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़ लिए गए थे, लेकिन दुश्मन की बर्बर यातनाओं के बावजूद उन्होंने अपनी टुकड़ी के बारे में नहीं बताया था। वे 22 दिन बंधक रहे और अंतत: 9 जून 1999 को जब उस शहीद की मृत देह पाकिस्तानी सेना ने भारत को सौंपी थी तब उनके साथ हुए पाशविक व्यवहार का कुछ अंदाजा लगा था और पाकिस्तानी फौजियों की क्रूरता साबित हुई थी। आज उनके आहत पिता सरकार को ढेरों चिट्ठियां लिखने और उनका कोई जवाब न पाने से खिन्न होकर सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाने को मजबूर हुए हैं। उनकी एक ही मांग है कि उनके बेटे को यातना देने वाले पाकिस्तानी फौजियों की पहचान करके उन्हें अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन करते हुए कैप्टन कालिया को यातनाएं देने के लिए सजा दी जाए।

शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता, एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, डा. एन.के. कालिया ने सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से मांग की है कि भारत का गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से उस यातना की तहकीकात करने के लिए कहें जिसकी वजह से उनका बेटा शहीद हुआ। भारत सरकार पाकिस्तान पर उन दोषी फौजियों को सजा देने का दबाव बनाए जिन्होंने कैप्टन कालिया को बर्बर यातनाएं दीं। डा. एन.के. कालिया भारत सरकार के इस दिशा में लापरवाह रवैए से दुखी होकर अदालत की शरण में गए हैं ताकि पाकिस्तान के युद्ध अपराधों का निशाना बने भारतीय जांबाजों को न्याय दिलाया जा सके।

कैप्टन सौरभ कालिया 4 जाट रेजीमेंट के बहादुर जवान थे जो मृत्यु को सामने देखकर भी कर्तव्य पथ से नहीं डिगे थे। लेकिन भारत सरकार के पास शायद वक्त नहीं है कि अपने देश की आन-बान-शान की रक्षा में शहीद होने वालों और उनके माता-पिताओं की टीस समझे! l

थाईलैंड के शिक्षकों ने सरकार से कहा–

'हमें इस्लामी उग्रवादियों से बचाओ'

थाईलैंड के दक्षिणी सूबे पत्तनी के स्कूलों में ताले पड़े हैं। वहां के शिक्षकों ने साफ कह दिया है कि जब तक सरकार मुस्लिम उग्रवादियों के हमलों से उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं देती तब तक सूबे के तमाम प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। पत्तनी सूबे के 332 स्कूलों के अध्यापक संघ के प्रमुख बूनसोम तोंगस्रीपलाई का कहना है कि स्कूल तब तक बंद ही रहेंगे जब तक सरकार शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर उनमें भरोसा नहीं जगाती। अभी पिछले हफ्ते ही सूबे के नोंगचिक जिले में एक महिला प्रधानाचार्या की हत्या कर दी गई थी।

थाईलैण्ड बौद्ध बहुल देश है, लेकिन पत्तनी, नाराथिवाट और याला वे सूबे हैं जहां मुस्लिमों की बहुतायत है। 2004 से इन सूबों को इस्लामी उग्रवाद ने निशाना बनाया हुआ है और इसमें अब तक 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। तीनों सूबों में 1305 स्कूल हैं जिनके शिक्षकों को फौजी काफिले में घर से स्कूल और स्कूल से घर लाया ले-जाया जाता रहा है। कई बार रास्ते में फौजियों के काफिले पर ही इस्लामी उग्रवादी हमले बोल   चुके हैं।

आखिर मजहबी उन्मादियों ने वहां स्कूल के शिक्षकों पर खास निशाना क्यों साधा हुआ है? वह इसलिए क्योंकि वे सरकार के प्रतीक हैं और इसलिए भी क्योंकि उनके स्कूलों में बौद्ध बच्चे पढ़ने आते हैं, जिनके घर-परिवार वहीं आस-पास रहते हैं, तो स्कूलों के शिक्षकों पर हमले करके इस्लामी उग्रवादी स्कूल बंद कराना और इलाके के बौद्धों को डराकर उनको वहां से जान बचाकर भाग खड़े होने को मजबूर करना चाहते हैं। ताकि फिर पूरे इलाके में बचें तो बस मुसलमान ही मुसलमान। l

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies