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गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने कहा कि न्यायमूर्ति पलोक बसु केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसु के प्रस्ताव में किसी तरह की गंभीरता नहीं है। अयोध्या या फैजाबाद का कोई भी प्रमुख संत उक्त बैठक में नहीं गया। संत समाज को अयोध्या क्या, भारत में कहीं भी बाबर के नाम पर कोई मस्जिद स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा दुस्साहस करेगा, उसको अपने हश्र के बारे में पहले सोच लेना चाहिए। जो लोग उक्त बैठक में गए थे, वे सभी ढोंगी हैं।
शास्त्रीय पंचकोसी परिक्रमा क्षेत्र में कोई मस्जिद न बने –महंत नृत्यगोपालदास
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्गोपालदास का कहना है कि बसु के प्रस्ताव को हिंदू समाज किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि रामलला के जिस भव्य मंदिर के लिए इतने लोग शहीद हो गए, 77 बार युद्ध हुए, उसके लिए और शहादत देनी पड़ेगी तो दी जाएगी। हमारा मानना है कि रामजन्मभूमि पर भव्य रामलला का मंदिर ही बनेगा। रामजन्मभूमि परिसर में किसी भी मस्जिद की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। इस मुद्दे पर रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डाक्टर रामविलास दास वेदांती कहते हैं कि परिसर में मस्जिद मंजूर नहीं हो सकती। मंदिर-मस्जिद की राजनीति करने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
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