डीजल मूल्य वृद्धि व एफडीआई पर भाजपा के तेवर तीखे
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पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विजय गोयल ने गत 15 सितम्बर को जंतर मंतर पर आयोजित भारतीय जनता पार्टी की विरोध रैली में कांग्रेस सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि यह सरकार अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है और अपना सारा पागलपन आम आदमी पर निकाल रही है, चाहे वह डीजल के बढ़े हुए दाम हो या फिर रसोई गैस की 'राशनिंग' का मुद्दा। यह सरकार पहले आम आदमी को खुद लूट रही थी, अब इसने विदेशी कम्पनियों को खुदरा बाजार में निवेश का न्योता दे दिया ताकि वह भी आम आदमी को लूटे।
श्री गोयल ने आरोप लगाया कि खुदरा बाजार में निवेश हेतु में विदेशी कम्पनियों को अनुमति विदेशी दवाब में दी गई। साल भर पहले 'सिंगल ब्रांड' की कम्पनियों को न्योता दिया गया लेकिन वह आज तक सुचारु रूप से निवेश नहीं कर पा रही हैं। तब भी यह कहा गया था कि 40 हजार करोड़ डालर का विदेशी पूंजी निवेश भारत में होगा, लेकिन इसका आज तक 1 प्रतिशत भी भारतीय बाजार में निवेश नहीं हुआ है। ये विदेशी कम्पनियां, जिसमें 'वालमार्ट' भी शामिल है, भारत में न ही 'चैरिटी' करने वाली हैं व न ही आम भारतीयों का जीवन स्तर सुधारने के लिए आ रहीं हैं, और न ही भारतीय किसानों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए आ रही हैं, बल्कि ये अपने लिए बड़ा बाजार देखकर अधिक लाभ कमाने के लिए आ रही ½éþ* प्रतिनिधि
शांता कुमार व संतोष शैलजा की
पुस्तकें लोकार्पित
'ए पैट्रियाट मांक : स्वामी विवेकानन्द' और 'ग्लिंपसिस ऑफ ग्लोरी' नामक दो नवीनतम अंग्रेजी पुस्तकों का लोकार्पण गत दिनों दिल्ली में संपन्न हुआ। इन दोनों पुस्तकों की विशेषता यह है कि इसके लेखकद्वय- श्रीमती संतोष शैलजा और श्री शान्ता कुमार हिमाचल प्रदेश के एकमात्र ऐसे लेखक-दंपत्ति हैं जिन्होंने साहित्य में हिमाचल की सीमाओं को लांघकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। 'ए पैट्रियाट मांक: स्वामी विवेकानन्द' (शान्ता कुमार) और 'ग्लिंपसिस ऑफ ग्लोरी' (संतोष शैलजा) के प्रकाशन के बाद इस लेखक-दंपत्ति ने भाषा की दीवारों को भी लांघने का सफल प्रयास किया है, क्योंकि इससे पूर्व इनकी पुस्तकें हिन्दी भाषा में प्रकाशित हुई थीं। 'ग्लिंपसिस ऑफ ग्लोरी' भारत के इतिहास की उन वीरांगनाओं के व्यक्तित्व के अनूठे पहलुओं की कथा-यात्रा है जिनसे देशवासी बहुत कम परिचित हैं। जबकि श्री शान्ता कुमार पांच दशक से अधिक समय से देश की राष्ट्रीय राजनीति के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं। राजनीति के दलदल में कमल की तरह जीने की प्रेरणा उन्हें स्वामी विवेकानन्द के जीवन व दर्शन से मिली। लेखक ने जीवन के उन्हीं पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया है। लेखक-दम्पत्ति की इन दोनों पुस्तकों का लोकार्पण रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने किया। श्री सुरेश सोनी ने इस अवसर पर कहा कि श्री शान्ता कुमार की लेखक-यात्रा 'धरती है बलिदान की' से प्रारंभ हुई और यह प्रसन्नता का विषय है कि यह यात्रा निरन्तर अबाध गति से आगे बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर गण्यमान्य अतिथियों में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री रामलाल, कैप्टन अभिमन्यु एवं भारतीय जनता पार्टी के महासचिव जगत प्रकाश नड्डा भी उपस्थित थे। प्रतिनिधि
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