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न्यायालयों के निर्णयों को लागू करे सरकार

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Sep 22, 2012, 12:00 am IST
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न्यायालयों के निर्णयों को लागू करे सरकार

दिंनाक: 22 Sep 2012 13:07:35

 

'शिक्षा पर न्यायालयों के निर्णय एवं क्रियान्वयन' पर संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा

शिक्षा के संबंध में देश के उच्च एवं उच्चतम न्यायालयों द्वारा किए गए निर्णयों पर केन्द्र तथा राज्यों की सरकारों ने कितना एवं किस प्रकार क्रियान्वयन किया है, इस विषय पर गत 13 सितंबर को नई दिल्ली में अधिवक्ता परिषद और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा के संबंध में दिए गए निर्णयों को सरकार तुरन्त लागू करे।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अध्यक्ष श्री दीनानाथ बत्रा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज बच्चों में मूल्यों का बहुत अभाव नजर आ रहा है। माता-पिता बच्चों को समय नहीं दे पाते और विद्यालयों में शिक्षा में नैतिक शिक्षा दिखाई नहीं पड़ती। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का यह प्रयास रहा है कि बच्चों की आरम्भिक शिक्षा में नैतिक शिक्षा एवं जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिले। साथ ही इतिहास से संबंधित भी सही जानकारी बच्चों को दी जाए। ताकि वे अपने इतिहास पर गर्व कर सकें। उन्होंने कहा कि जो निर्णय न्यायालय शिक्षा के संबंध में करते हैं उन्हें सरकार को तुरन्त लागू करना चाहिए।

एन.सी.ई.आर.टी. के पूर्व निदेशक डा. जगमोहन सिंह ने कहा कि संस्कृत हमारे देश को जोड़ती है। यह हमारी नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ियों से जोड़कर रखने का कार्य करती है। वैदिक गणित का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बहुत उपयोगी हो सकता है। शिक्षकों को इसे एक विकल्प के रूप में शामिल करना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा ने कहा कि साढ़े 22 नंबर का अंग्रेजी का प्रश्न पत्र यू.पी.एस.सी. ने आई.ए.एस. परीक्षा के लिए अनिवार्य कर दिया है। जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे हिन्दी भाषी प्रदेशों के विद्यार्थी हैं और कॉन्वेंट स्कूलों से शिक्षित नहीं हैं उनके साथ यह अन्याय है। वे सीधे-सीधे साढ़े 22 अंकों के लिए कॉन्वेंट शिक्षित छात्रों से प्रतियोगिता करेंगे। उन्होंने बताया कि रामायण के विषय में दिल्ली विश्वविद्यालय के एक पाठ्यक्रम में गलत तथ्य दिए गए। दो वर्ष पहले पढ़ाया जा रहा था कि सीता रावण की बेटी है, रावण ने सेब खाया जिससे उसका गर्भ ठहरा, उससे सीता का जन्म हुआ। ऐसे गलत तथ्य अधिवक्ता परिषद तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रयास से न्यायालय के आदेश से हटवाए गए। श्रीमती अरोड़ा ने अनेक ऐसे उदाहरण बताए जो न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पाठ्यक्रमों से हटाए गए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय से सेवानिवृत कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश डा. जे.एस. भारूका ने कहा कि हमारी पाठ्य पुस्तकें क्यों लिखी गईं, किसने लिखीं, किस उद्देश्य से लिखीं यह गहन चर्चा का विषय है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव श्री अतुल कोठारी ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री कृष्ण मणि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ता, शिक्षक एवं दिल्ली के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे। प्रतिनिधि

 

कैलीफोर्निया में सम्पन्न सातवें हिन्दू मंदिर

कार्याधिकारी सम्मेलन में उठी मांग

पाकिस्तान में हिन्दुओं के जबरन मतांतरण तथा अपहरण की जांच हो

विगत दिनों कैलीफोर्निया (अमरीका) में सम्पन्न हुए सातवें हिन्दू मंदिर कार्याधिकारी सम्मेलन में एक स्वर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से मांग की गयी कि वह अविलम्ब पाकिस्तान में हिन्दुओं के जबरन मतान्तरण तथा अपहरण की घटनाआंे की जांच करे और पाकिस्तान सरकार पर पूरा विश्व समुदाय दबाव बनाये कि वह अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना बंद करे। सम्मेलन में प्रस्ताव पास कर भारत के पूर्वांचल खासकर असम में, हो रहे हिन्दुआंे के दमन की भी निन्दा की गयी और भारत सरकार से अपील की गयी कि वह अवैध रूप से भारत में रह रहे सभी विदेशी नागरिकों को देश से बाहर कर हिन्दुओं के दमन को रोके। एक अन्य प्रस्ताव में पिछले दिनों अमरीका के गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की भी निन्दा की गयी।

सम्मेलन में 102 मंदिरों तथा हिन्दू संगठनों के 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का आयोजन फ्रेमोंट टैम्पल तथा कैलीफोर्निया के आसपास के 22 अन्य मंदिरों ने मिलकर किया। प्रतिनिधि अमरीका सहित कनाडा, भारत, त्रिनिदाद तथा न्यूजीलैंड से आये थे।

भारत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए स्वामी दयानन्द सरस्वती ने कहा कि यह सम्मेलन अमरीका के विभिन्न मंदिरों के बीच एक सेतु का काम करते हुए सबको मिलकर काम करने की प्रेरणा देगा। सम्मेलन में करीब 15 साधुओं तथा संन्यासिनों ने भी भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए स्वामिनी स्वात्मविद्यानन्द ने कहा कि सभी व्यक्तियों, चाहे वह संडे स्कूल में जाता हो अथवा बाल विहार में या फिर कहीं और, सभी के हृदय में हिन्दू धर्म विराजमान है।

'हिन्दुज्म टुडे' के सम्पादक परमाचार्य पालिनिस्वामी ने कहा कि हिन्दू असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करते।

सम्मेलन में मंदिरों की व्यवस्था पर भी विस्तार से चर्चा की गयी। साथ ही मंदिरों के पुजारियों की भूमिका पर भी चर्चा हुई। समापन सत्र में पिछले दिनों अमरीका के एक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की निन्दा की गयी एवं उसमें मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी।

विहिप के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। 

क्रीड़ा भारती की प्रांतीय बैठक संपन्न

क्रीड़ा भारती, मध्यभारत प्रांत की प्रांतीय बैठक गत दिनों ग्वालियर में संपन्न हुई। बैठक में मध्यभारत प्रांत के 26 जिलों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

बैठक के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि ग्वालियर नगर निगम के पूर्व महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर थे, जबकि अध्यक्षता क्रीड़ा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष श्री दीपक सचेती ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा हनुमान जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि खेल व्यक्ति को संस्कार प्रदार करते हैं और संस्कारवान व्यक्तियों से राष्ट्र सबल एवं सशक्त होता है तथा खेलों के द्वारा युवा शारीरिक एवं मानसिक रूप से सुदृढ़ भी बनते हैं। आज खेल व्यक्ति के चरित्र निर्माण के साथ-साथ रोजगार प्रदान करने में भी सहायक हैं। खेल के द्वारा व्यक्ति न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान पाता है।  |

स्वामी विवेकानंद की 150वीं

जयंती के उपलक्ष्य में

कोलकाता में मोटरसाइकिल रैली

रा.स्व.संघ, दक्षिण बंग प्रांत के तत्वावधान में गत दिनों कोलकाता में स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई।

कोलकाता में तीन स्थानों से निकाली गई रैली में करीब 400 मोटरसाइकिल सवारों ने भाग लिया। मोटरसाइकिल सवार कोलकाता के अलग-अलग स्थानों से होते हुए स्वामी विवेकानंद के जन्म स्थान पर पहुंचे। यहां रामकृष्ण मिशन के प्रवीण संन्यासी, सांस्कृतिक केन्द्र के अध्यक्ष स्वामी पूर्णात्मानंद महाराज एवं अन्य संन्यासियों ने रैली का स्वागत किया। साथ ही स्वामी पूर्णात्मानंद महाराज, कोलकाता महानगर संघचालक श्री विश्वनाथ मुखोपाध्याय एवं महानगर कार्यवाह श्री जयंत पाल ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।  ¤ÉɺÉÖnäù¤É पाल

पवन कुमार सम्मानित

6 साल में सर्वाधिक वृक्ष लगाए

रा.स्व.संघ के प्रचारक तथा संघ की ओर से समग्र ग्राम विकास का कार्य देख रहे श्री पवन कुमार को गत दिनों वन विभाग द्वारा सर्वाधिक वृक्ष लगाने के लिए सम्मानित किया गया। वन विभाग के हस्तिनापुर कार्यालय में श्री पवन कुमार को सम्मानित करते हुए क्षेत्राधिकारी ने कहा कि श्री पवन कुमार ने नि:स्वार्थ भाव और मिशन की भावना से 6 साल में सर्वाधिक वृक्षारोपण करके दिखाया है। क्षेत्राधिकारी ने कहा कि वन विभाग अपर गंगा नहर के किनारे मवाना मार्ग पर श्री पवन कुमार को 500 वर्ग गज भूखंड देगा, जिसपर वे नर्सरी लगाएंगे। कार्यक्रम के बाद श्री पवन कुमार ने बताया कि वे नर्सरी का नाम 'भारतमाता नर्सरी रखेंगे। वन विभाग के अनुसार हस्तिनापुर रेंज (जिला मेरठ), स्याना रेंज (जिला बुलंदशहर), खतौली रेंज (जिला मुजफ्फर नगर) और खेकड़ा रेंज (जिला बागपत) में श्री पवन कुमार ने सर्वाधिक वृक्ष लगाने का रिकार्ड बनाया है। 6 साल में श्री पवन कुमार ने 4 हजार से अधिक वृक्ष लगाए हैं। अजय मित्तल

 

भारतीय किसान संघ, राजस्थान की प्रांतीय प्रतिनिधि सभा

प्रांत कार्यकारिणियां गठित 

गत दिनों भारतीय किसान संघ, राजस्थान की तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा जयपुर में संपन्न हुई। श्री संग्राम सिंह करड़ की अध्यक्षता में संपन्न हुई प्रतिनिधि सभा का उद्घाटन 7 सितंबर को संत अमोलक सिंह ने भगवान बलराम एवं भारतमाता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। बैठक में भारतीय किसान संघ के तीनों प्रांतों- जयपुर, जोधपुर और चित्तौड़ से आए 305 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक में मुख्य रूप से तीनों प्रांतों की प्रांत कार्यकारिणी गठित की गईं। जयपुर प्रांत के संरक्षक श्री रूड़मल पारीक, अध्यक्ष श्री रणजीत सिंह सोलेट एवं महामंत्री श्री लक्ष्मीनारायण मीणा चुने गए। इसी तरह जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष श्री हीरालाल एवं महामंत्री श्री दलाराम चौधरी एवं चित्तौड़ प्रांत के अध्यक्ष श्री कैलाश गंदोलिया एवं महामंत्री श्री बद्रीलाल जाट चुने गए। तीनों प्रांतों की कार्यकारिणी में अन्य पदों के लिए भी पदाधिकारियों का चुनाव हुआ।  

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