भागने को मजबूर हैं हिन्दू!

Published by
Archive Manager

पाकिस्तान में दुर्दशा ऐसी कि-भागने को मजबूर हैं हिन्दू!

दिंनाक: 15 Sep 2012 15:48:19

राजस्थान/प्रतिनिधि

पाकिस्तान में दुर्दशा ऐसी कि-

पाकिस्तान के सिंध व हैदराबाद प्रांत से पलायन कर भारत पहुंचने वाले हिन्दू परिवारों में से 171 लोग जोधपुर (राजस्थान) भी पहुंच गए हैं। सीमा पर तारबंदी के बाद यह पहला अवसर है जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान छोड़कर भारत आए हैं। थार एक्सप्रेस से 9 सितम्बर की सुबह ये लोग जोधपुर पहुंचे। इनमें 100 से अधिक महिलाएं व बच्चे हैं। फिलहाल इन लोगों ने डाली बाई मंदिर के पास खुले आसमान के नीचे अस्थायी शरण ली है। हालांकि ये सभी 'धार्मिक यात्रा का वीजा' लेकर भारत आए हैं, किन्तु वापस पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते हैं। इन लोगों ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी लोग पाकिस्तान छोड़कर भारत आने वाले हैं। जोधपुर के संगठन 'पाक विस्थापित संघ' ने अभी इन लोगों के खाने-रहने का इंतजाम किया है।

पाकिस्तान से आए एक परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनका एक रिश्तेदार अचलदास मीरपुर खास में तहसीलदार है, लेकिन मुस्लिम चपरासी उसे पानी तक नहीं पिलाता। पटवारी उस पर हुक्म चलाता है। यही नहीं, वहां के लोगों ने उस तहसीलदार की जमीन पर कब्जा कर लिया है।

कभी पार्षद रहे और अब खानाबदोश (दर ब दर की ठोकर खाने को मजबूर) चेतनदास ने बताया कि वह दो बार मटियारी प्रांत में पार्षद रहे हैं। किन्तु भारत आने के लिए उनका परिवार तीन माह तक इधर-उधर छिपता रहा। अभी भी वह 'धार्मिक यात्रा' पर जाने की बात कहकर आए हैं। उनके रिश्तेदार भी भारत आने के लिए वीजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

मटियारी प्रांत से चार भाई व मां सहित एक परिवार के 23 लोगों ने पलायन किया है। इन लोगों ने बताया कि जब पाकिस्तान अलग देश नहीं था, तब हमारे पूर्वज बाड़मेर से रोजी-रोटी के लिए सिंध गए थे। उस दौर में वहां के जमींदार उनके साथ न्याय करते थे, मगर अब वे ही अत्याचार कर रहे हैं। अत्याचारों से तंग आकर हम भारत लौट आए हैं। वहां पत्थर खाने से अच्छा है कि हम यहां पत्थर ढोकर परिवार पाल लें।

हाजी मिटाकोसा गांव के पांचाराम भील (70) ने बताया कि हमने कुछ महीने पहले ही यह तय कर लिया था कि अब इस मुल्क में नहीं रहना है। जैसे-तैसे 'धार्मिक यात्रा' का वीजा बनवाया और भारत आ गए। एक अन्य बुजुर्ग ने कहा, 'हमारा असली मुल्क तो यही है। हिन्दुस्तानी हुकूमत से बड़ी आस है। बस, हमें यहां रहने दिया जाए।' 40 साल के कृष्ण ने बताया कि पाकिस्तान में हालात इस कदर खराब हैं कि बहन-बेटियां घर से निकल नहीं सकतीं। किसी से किसी की शिकायत करना तो आफत मोल लेने जैसा है।

पाक विस्थापित संघ के संयोजक हिन्दू सिंह सोढा का कहना है कि पाकिस्तान से आये हिन्दुओं को शरणार्थी का दर्जा दिया जाए। प्रदेश में करीब सवा लाख विस्थापित हिन्दू हैं, किन्तु सरकार ने इनके लिए कोई नीति नहीं बनाई है। हमने नए शरणार्थियों के आने की सूचना मुख्यमंत्री को दे दी है। हम चाहते हैं कि जिलाधिकारी सरकार को रपट भेजें और राज्य व भारत की सरकार इन हिन्दुओं की चिंता करे। प्रतिनिधि

Share
Leave a Comment
Published by
Archive Manager

Recent News