बाजार से नहीं, आम आदमी से जुड़ें राजनीतिक दल
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– डा. मुरली मनोहर जोशी
'आज प्राय: सभी राजनीतिक दल बाजार व पूंजीपतियों पर निर्भर हो गये हैं। जब तक ये दल इन पर निर्भर रहेंगे तब तक आम आदमी की चिंता नहीं करेंगे। राजनीति को बाजार से मुक्त किये बिना कोई बदलाव संभव नहीं है।' उक्त विचार भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मुरली मनोहर जोशी ने पटना में आयोजित समारोह में व्यक्त किए। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास पद्धति को उन्होंने धोखा बताते हुए कहा कि समृद्धि से इसका कोई लेना–देना नहीं है। नैतिकता का ह्रास हो गया है और राजनीतिक दलों को इससे सरोकार भी नहीं। पहले राजनीतिक दल आम आदमी से छोटी राशियां लेते थे परन्तु अब कोई दल आम आदमी से चंदा नहीं लेता। इस कारण वे आम आदमी से कट गये हैं तथा 'खास लोगों' से जुड़ गये हैं। इसी का नतीजा है कि राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
पटना के सोन भवन में 'दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया एवं जय प्रकाश नारायण के विचार दर्शन–भारतीय राजनीति की पुन: रचना' विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाजार ने विचार पर कब्जा कर लिया है। इसी कारण से बड़े घरानों के वैश्विक हितों को ध्यान में रखकर कानून बनाये जा रहे हैं। यह भारत के लिए घातक है। यह स्थिति बदलनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ भाजपा नेता श्री आर. के. सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री चन्द्रमोहन राय, प्रांत प्रचारक श्री अनिल ठाकुर, प्रांत प्रचार प्रमुख श्री राजेश कुमार पाण्डेय, क्षेत्र कार्यवाह डा. मोहन सिंह सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य जन उपस्थित थे। संजीव कुमार
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