पंजाब नगर निकाय चुनाव मेंअकाली-भाजपा का गूंजा डंकाकांग्रेस की लुटी लंका
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पंजाब नगर निकाय चुनाव मेंअकाली-भाजपा का गूंजा डंकाकांग्रेस की लुटी लंका

by
Jun 16, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 16 Jun 2012 14:45:21

 

राकेश सैन

तीन माह पूर्व ही पूरी धमक के साथ प्रदेश की सत्ता में फिर लौटे अकाली दल (बादल)-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने अब नगर निकाय चुनाव की अग्निपरीक्षा में भी शानदार सफलता पाई है, तो केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस इस प्रदेश में पूरी तरह हाशिए पर सिमटती दिखाई दे रही है। गठबंधन ने अमृतसर नगर निगम में 48, जालंधर में 30, पटियाला में 39 और लुधियाना में 39 सीटों पर शानदार जीत दर्ज कर चारों शहरों में अपने महापौर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। शहरी क्षेत्रों में अपने जनाधार का दावा करने वाली कांग्रेस का तो इन चुनावों में सूपड़ा ही साफ हो गया और अधिकांश स्थानों में वह नाक बचाने लायक सीटें भी नहीं जीत सकी। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने जहां आरोपबाजी शुरू कर दी है वहीं पार्टी में आपसी फूट भी उभर आई है। प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद शुरू हुआ अभियान तेजी पकड़ता जा रहा है।

अकाली–भाजपा का परमच

महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि अमृतसर के 65 वार्डों में अकाली दल (बादल)-भाजपा गठजोड़ ने 48 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि कांग्रेस को मात्र 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा। शेष अन्यों के खाते में गईं। जालंधर नगर के 60 वार्डों में अकाली-भाजपा गठबंधन को 30 और कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई। यहां मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी ने राज्य में पहली बार कहीं खाता खोला। पटियाला नगर निगम के 50 वार्डों में अकाली-भाजपा गठजोड़ ने 39 और कांग्रेस ने मात्र 8 सीटों पर विजय हासिल की। यह क्षेत्र विदेश राज्य मंत्री श्रीमती परनीत कौर व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह का क्षेत्र है। राज्य की औद्योगिक राजधानी लुधियाना के 75 वार्डों में अकाली-भाजपा गठजोड़ ने 39 और कांग्रेस ने मात्र 19 सीटों पर सफलता हासिल की। यहां अन्यों ने भी 17 सीटों पर कब्जा जमाया।

इसके अतिरिक्त राज्य की तीन नगर काउंसिलों धर्मकोट, माछीवाड़ा और बलाचौर में भी सत्तारूढ़ गठजोड़ सफल रहा। धर्मकोट नगर काउंसिल की तो सभी 13 सीटों पर सत्तारूढ़ गठजोड़ सफल रहा है। जगराओं के वार्ड नंबर 13 के उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को परास्त किया। सनौर नगर काउंसिल का उपचुनाव भी अकाली दल (बादल) ने जीता है। राज्य की 26 नगर पंचायतों, जिनमें खेमकरन, राजासांसी, गोराया, शाहकोट, बेगोवाल, ढिलवां, भुलत्थ, माहिलपुर, मलौद, साहनेवाल, मुल्लांपुरदाखा घग्गा, घन्नौर, दिड़बा, मुनक, खनौरी, हंडियाया, अमलोह, बाघापुराना, मक्खू, मल्लांवाला, तलवंडी साबो, बरीवाला, भीखी, चीमा, भोगपुर में भी अकाली-भाजपा गठजोड़ का कब्जा हो गया है।

कांग्रेस के हाथ निराशा

केन्द्र में अब तक की सबसे भ्रष्ट कांग्रेसनीत सरकार के खिलाफ देशव्यापी लोकप्रियता के आंकड़ों का गिरता अनुपात पंजाब में चरम सीमा पर है। यहां साधारण कार्यकर्त्ता हो या पार्षद, विधायक या फिर सांसद, 'ऑफ दी रिकार्ड' सब यही बताते हैं कि मनमोहन सिंह की सरकार ने पार्टी का सत्यानाश ही कर दिया है। अब वे लोगों के बीच क्या मुंह लेकर जाएं। एक तरफ कांग्रेस केन्द्र में भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगत रही है तो दूसरी ओर 'यादवी जंग' से भी त्रस्त है। प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह केवल सोनिया दरबार की कृपा से अपने पद पर बने हुए हैं अन्यथा स्थानीय स्तर तक का कार्यकर्त्ता उन्हें पसंद नहीं करता।

विधानसभा चुनाव के दौरान मुंह में आए सत्तारूपी कौर के छिटकने के बाद कांग्रेस में इस कदर कोहराम मचा कि हर किसी ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सांसद प्रताप सिंह बाजवा हों या पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, या विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, सभी ने इस पराजय के लिए कैप्टन के अनाड़ी व अहंकारी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कैप्टन विकास की बातों के विपरीत अकालियों को 'देख लेने' की बात करते रहे, जिसका परिणाम यह निकला कि आज वे खुद कहीं दिखाई नहीं दे रहे।

ले डूबा दरबार का वरदहस्त

पार्टी नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला, परंतु इसके बावजूद कैप्टन बच निकले। इसका एक कारण सोनिया दरबार से उनकी नजदीकियों के अतिरिक्त पार्टी में नेतृत्व का अभाव भी है। सभी जानते थे कि विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस को पटखनी मिलने वाली है। इसके चलते प्रधान पद पर बैठने की किसी की हिम्मत नहीं हुई और कैप्टन विरोधी खेमा भी चाहता था कि स्थानीय निकाय चुनाव तक कैप्टन ही प्रधान बने रहें ताकि उस हार का ठीकरा भी उन्हीं के सिर फूटे। हुआ भी यही। अब कैप्टन विरोधी गुट इन चुनावों में मिली पराजय का ठीकरा भी कैप्टन के सिर ही फोड़ रहा है। कैप्टन चाहे स्थानीय चुनावों में हिंसा, मतदान केन्द्रों पर कब्जे, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगा रहे हैं, परंतु आम जनता तो दूर, खुद कांग्रेसी कार्यकर्ता ही इन आरोपों को कोई भाव नहीं दे रहे। अब उन्होंने चुनावों में 'इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' से छेड़छाड़ की भी बात कही है, परंतु ऐसा कहते हुए वे भूल गए हैं कि उनका केन्द्रीय नेतृत्व भी लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष के इन आरोपों को नकार चुका है और दावा कर चुका है कि ईवीएम 'फूलप्रूफ' हैं।

विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री बलराम जाखड़ के पुत्र श्री सुनील कुमार जाखड़ को विपक्ष का नेता बनाकर नया प्रयोग करने का प्रयास किया था। इन चुनावों से पहले श्री जाखड़ राज्य में समझदार नेता व अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते थे, परंतु स्थानीय चुनाव के दौरान उनके प्रदर्शन ने भी पार्टी को निराश ही किया है। इन चुनावों में वे कुछ नया नहीं कर पाए और कैप्टन की छाया ही बने रहे। वे अपने भाषणों में विकास व राज्य में समस्याओं के प्रति सही दृष्टिकोण रखने की बजाय सत्तारूढ़ दल पर केवल आरोप लगाते ही दिखाई दिए। कुल मिलाकर केन्द्र में नेता-विहीन दिख रही कांग्रेस की पंजाब में भी कामोबेश यही स्थिति बनी हुई है। नि:संदेह इसका असर 2014 में आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ने वाला है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies