चिदम्बरम के लिएनैतिकता नहीं, कुर्सी बड़ी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चिदम्बरम के लिएनैतिकता नहीं, कुर्सी बड़ी

by
Jun 9, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 Jun 2012 14:20:52

यह कैसी विडम्बना है कि केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम पहले तो वित्तमंत्री व गृहमंत्री की महत् जिम्मेदारी ठीक से निभाने में फिसले और अब अपने चुनाव में ही गड़बड़ी किए जाने के आरोपों के चलते लोकतांत्रिक नैतिकता से भी फिसल गए, फिर भी वह 'मैं इस्तीफा क्यों दूं' की तर्ज पर कुर्सी से चिपके हैं। चारों ओर से भ्रष्टाचार के मोर्चे पर घिरी संप्रग सरकार के लिए उसके गृहमंत्री पी. चिदम्बरम के विरुद्ध चुनावी अनियमितता का मामला चलाए जाने को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा हरी झंडी दिया जाना एक बड़ा झटका है। चिदम्बरम अब तक एक सर्वाधिक विफल मंत्री के रूप में देश का विरोध झेल रहे थे, लेकिन अब तो 2 जी स्पेक्ट्रम के भ्रष्टाचार से उछले छींटे उनकी चुनावी नैतिकता पर प्रश्न खड़े होने तक पहुंच गए हैं। इसलिए यदि चिदम्बरम से उनके पद से इस्तीफा मांगे जाने के स्वर तेज हो रहे हैं तो यह चिदम्बरम की राजनीतिक नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह है। वास्तव में ऐसी स्थिति में उन्हें एक क्षण के लिए भी पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। लेकिन 10, जनपथ के साथ उनकी नजदीकियों के चलते सोनिया पार्टी व सरकार दोनों ही उनके पीछे खड़ी हो गई हैं। कानून मंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि चिदम्बरम के इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं उठता, यदि विपक्ष की मानते तो गृहमंत्री को न जाने कितनी बार इस्तीफा देना पड़ता। यानी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कांग्रेस के लिए नैतिक मूल्यों का कोई अर्थ नहीं है और चिदम्बरम का बड़बोलापन देखिए कि वह कह रहे हैं कि यह आदेश तो याचिकाकर्त्ता के लिए झटका है, क्योंकि उसकी दो शिकायतें तो अदालत ने खारिज कर दीं। लेकिन वे भूल रहे हैं कि 29 शिकायतों में से सिर्फ दो ही खारिज हुई हैं और उच्च न्यायालय ने अपने खिलाफ चुनावी गड़बड़ी का मामला खारिज किए जाने की चिदम्बरम की याचिका ही खारिज कर दी और कहा है कि चिदम्बरम को बाकी के आरोपों में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। न्यायालय ने चिदम्बरम को आवश्यकतानुसार पेशी पर हाजिर होने व पूर्ण सहयोग करने का भी निर्देश दिया है।

तमिलनाडु के शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र से 2009 में चुनाव जीते चिदम्बरम से पराजित अन्नाद्रमुक के प्रत्याशी राजा कण्णप्पन ने धांधली से चुनाव जीतने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें राजा ने सरकारी अफसरों से मिलीभगत, मतों की गिनती में गड़बड़ी व अन्य धांधलियों सहित कुल 29 आरोप लगाए थे। चिदम्बरम ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में याचिका दायर कर कण्णप्पन की याचिका को खारिज करने और व्यक्तिगत पेशी से छूट दिए जाने की अपील की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे में उनको पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है। वैसे भी यह पहला मौका नहीं है जब चिदम्बरम के केन्द्रीय मंत्री बने रहने पर सवाल उठे हों। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उनके विरुद्ध वित्त मंत्रालय के नोट ने भी यह सवाल खड़ा किया था कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए.राजा द्वारा स्पेक्ट्रम की मनमाफिक कीमतें तय किए जाने में चिदम्बरम, जो तब वित्तमंत्री थे, की सहमति थी। यदि नहीं तो वित्त मंत्री रहते इस पर उन्होंने आपत्ति क्यों नहीं की, जिसने पौने दो लाख करोड़ का महाघोटाला होने दिया? इसी घोटाले में एअरसेल-मैक्सिस प्रकरण में चिदम्बरम के बेटे को लाभ पहुंचाए जाने की बात ने भी हंगामा बरपाया था, तब भी चिदम्बरम और उनका पृष्ठपोषण करने वालों की ताकत उन आरोपों को नकारने में ही लगी रही। लेकिन क्या वास्तव में चिदम्बरम दूध के धुले हैं? तो वह नैतिकता का सामना करने से क्यों डरते हैं? उनका इस्तीफा अपनी सब प्रकार की साख गंवा चुकी संप्रग सरकार के लिए संजीवनी का काम कर सकता है, लेकिन सारे लोकतांत्रिक मूल्यों को तिलांजलि देकर देश को लूटने की खुली छूट देने वाली सरकार के लिए शायद साख बचाना कोई मायने नहीं रखता।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies