बयान-वीरों का हश्र
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बयान-वीरों का हश्र

by
Mar 17, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बात बेलाग

दिंनाक: 17 Mar 2012 18:39:25

बात बेलाग

समदर्शी

पांच राज्यों के जनादेश की राजनीतिक व्याख्याएं जो भी की जाएं, पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने कई बयान-वीर कांग्रेसियों को उनकी हैसियत अवश्य बता दी है। खासकर विवादास्पद बयान देने वाले बड़बोले कांग्रेसियों का जो हश्र हुआ है, वह काबिले गौर है। एक हैं, सलमान खुर्शीद। केन्द्र में कानून मंत्री हैं। बड़बोलापन उनकी पहचान बन चुका है, पर इस बार तो फर्रुखाबाद से कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहीं अपनी पत्नी लुईस को जितवाने के लिए वह चुनाव आयोग तक से टकरा गये। पहले विवादास्पद बयान दिया कि चुनाव आयोग उनके मंत्रालय के अधीन है, फिर अल्पसंख्यक मतों के साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के मकसद से ऐलान किया कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी तो ओबीसी आरक्षण में अल्पसंख्यकों को दिया गया साढ़े चार प्रतिशत कोटा बढ़ा कर दुगुना कर दिया जाएगा। देश के कानून मंत्री द्वारा ही आदर्श चुनाव आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ाये जाने की शिकायत चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से की, जिन्होंने उचित कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री को कहा, पर न कुछ होना था और न ही हुआ। खेद जताने पर मामला रफा-दफा कर दिया, लेकिन मतदाताओं ने लुईस की जमानत जब्त करवा कर सबक सिखा दिया। दूसरे हैं बेनीप्रसाद वर्मा। बड़बोलेपन में उनका भी जवाब नहीं। सपा से कांग्रेस में आये हैं। सलमान के बाद उन्होंने भी अल्पसंख्यक आरक्षण पर चुनाव आयोग को चुनौती दे डाली। हालांकि राजनेताओं की फितरत के अनुरूप बाद में बदल भी गये, लेकिन मतदाताओं ने बेटे राकेश वर्मा को हराकर उन्हें भी सबक सिखा दिया। उत्तर प्रदेश में एक 24 घंटे के मुख्यमंत्री हुए हैं जगदंबिका पाल। तब लोकतांत्रिक कांग्रेस में थे, बाद में कांग्रेस में लौट आये। उनके बेटे अभिषेक पाल के हिस्से भी पराजय ही आयी। उत्तर प्रदेश के ही एक और बड़बोले कांग्रेसी हैं श्रीप्रकाश जायसवाल। मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वाले जायसवाल ने चुनाव के बीच ही मतदाताओं को धमकी दी कि अगर कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा। न कांग्रेस की सरकार बनी, न राष्ट्रपति शासन लागू हुआ…हां, उनके गृह जनपद कानपुर में कांग्रेस अवश्य साफ हो गयी। अब बेचारे मंत्री पद बचाने की कवायद में लगे हैं।

चौबे से दुबे बनते चौधरी

लगता है, छोटे चौधरी के नाम से मशहूर अजित सिंह ने अपनी राजनीति लगातार छोटी करने की ठान ली है। ज्यादा पुराने इतिहास में न भी जाएं तो वर्ष 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में उनके राष्ट्रीय लोकदल के 14 विधायक हुआ करते थे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव अकेले दम लड़े, तब भी 10 विधायक जिता लाये थे, लेकिन इस बार मंत्री पद की खातिर डूबते जहाज कांग्रेस पर सवार हुए अजित के रालोद के महज नौ विधायक ही जीत पाये। उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे वक्त से गुजर रही कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे में रालोद को महज 47 सीटें दी थीं। अजित को उम्मीद थी कि एक बड़े दल के गठबंधन और केन्द्र सरकार में हिस्सेदारी से उनके विधायकों की संख्या 10 से बढ़कर 20 तक पहुंच ही जाएगी, पर कांग्रेस से गठबंधन उनके लिए अभिशाप साबित हुआ। रालोद की कुछ परंपरागत सीटें पहले बंटवारे में कांग्रेस ने हथिया लीं तो कुछ चुनाव में अन्य दलों ने छीन लीं। जो नौ विधायक रालोद के टिकट पर जीत कर आये हैं, वे भी अंतत: आठ ही रह जाएंगे, क्योंकि मांट से विधायक चुने गये उनके साहबजादे जयंत चौधरी मथुरा से लोकसभा सांसद भी हैं। त्रिशंकु विधानसभा में मुख्यमंत्री नहीं तो उप मुख्यमंत्री का ही दांव लग जाने की आस में अजित ने बेटे को विधानसभा चुनाव में उतारा था, पर कहावत है न कि चौबे जी छब्बे बनने चले थे, दुबे बनकर लौटे।

दरबारी राजनीति का खेल

जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, उनमें से मणिपुर को अपवाद मान लें तो गोवा में कांग्रेस से सत्ता छिन गयी, पंजाब में सत्ता में वापसी के मंसूबे धरे रह गये और उत्तर प्रदेश में दुर्गति बरकरार रही। किसी तरह उत्तराखंड में त्रिशंकु विधानसभा में अवश्य कांग्रेस, भाजपा से एक अधिक यानी 32 सीटें जीत गयी। बसपा और निर्दलीय विधायकों की बदौलत बहुमत का जुगाड़ कर सरकार बनाने का दांव भी चल दिया, पर मुख्यमंत्री के चयन में कांग्रेस आलाकमान के दरबारी खेल कर गये। हरीश रावत अरसे से वहां मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। पिछली बार जब कांग्रेस सरकार बनने की नौबत आयी तो बुजुर्ग नारायण दत्त तिवारी आगे आ गये और इस बार आलाकमान के दरबारियों ने ही खेल करते हुए स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के सांसद पुत्र विजय बहुगुणा को आगे कर दिया। बहुगुणा को विधानसभा तो छोड़िए, कांग्रेस विधायक दल का भी विश्वास हासिल नहीं है। 32 में से महज 10 कांग्रेस विधायक उनके शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। विरोधस्वरूप केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले हरीश रावत की बगावत के मद्देनजर बहुगुणा सरकार विश्वास मत भी हासिल कर पाये तो आश्चर्य होगा। यह है कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र और कार्यशैली का एक और नमूना।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies