एक बार फिर अधर में लोकपाल
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

एक बार फिर अधर में लोकपाल

by
Jan 9, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सम्पादकीय

दिंनाक: 09 Jan 2012 14:19:23

सम्पादकीय

चर्षणिभ्य: पृतनाहवेषु प्र पृथिव्या रिरिचाथे दिवश्च।

कर्तव्य की पुकार होने पर तुम सबके आगे चलो, पृथ्वी और आकाश से भी अधिक विराट बनो। -ऋग्वेद (1/109/6)

अंतत: संप्रग सरकार लोकपाल विधेयक को लटकाने में सफल रही। दरअसल कांग्रेस की नीयत शुरू से ही साफ नहीं दिख रही थी, वह तो 5 राज्यों में चुनावों के मद्देनजर जनता के सामने उसे अपना चेहरा उजला दिखाने के लिए यह विधेयक संसद में लाने का तमाशा करना पड़ा, क्योंकि जैसा लचर व गलत प्रावधानों वाला विधेयक सरकार लाई वह पारित होना नहीं था, और देश जैसा सशक्त लोकपाल चाहता है, वैसा सरकार बनाना नहीं चाहती। इसलिए विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए जिन पर सहमति न बन सके। लोकसभा में जैसे-तैसे विधेयक पारित होने के बाद राज्यसभा में उस पर बावेला खड़ा हो गया। लेकिन इस सारी कवायद में कांग्रेसनीत मनमोहन सरकार की पोल खुल गई कि बहुमत उसके साथ नहीं है, यहां तक कि उसके गठबंधन सहयोगी तृणमूल कांग्रेस व द्रमुक भी ताल ठोंककर खड़े हो गए, उसे बाहर से समर्थन देने वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी उसके विरोध का ऐलान कर दिया और समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय जनता दल भी ऐंठे-ऐंठे नजर आए। राज्यसभा में तो “लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक 2011” पर तृणमूल व द्रमुक इसी बात पर बिफर गईं कि विधेयक में केन्द्र द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है क्योंकि लोकायुक्त की नियुक्ति तो राज्यों का विषय है, यह विधेयक देश के संघीय ढांचे को कमजोर करेगा। सीबीआई को विधेयक के दायरे के बाहर रखने और लोकपाल की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधान पर भी भाजपा सहित कई दलों ने गंभीर आपत्ति की।

राज्यसभा में अपनी हार निश्चित जानकर सरकार भाग खड़ी हुई और सत्र की निर्धारित अवधि पूरी होने पर भी विधेयक पारित न होने से उसकी जान में जान आई। लोकसभा में जैसे-तैसे विधेयक पारित अवश्य हो गया, लेकिन लोकपाल को संवैधानिक संस्था का दर्जा दिए जाने के लिए लाए गए संविधान संशोधन विधेयक पर तो सरकार को मुंह की खानी ही पड़ी, यहां तक कि कांग्रेस के ही कई सांसदों की अनुपस्थिति के कारण सरकार की खूब किरकिरी भी हुई और उसे हार का मुंह देखना पड़ा। इस पर सोनिया गांधी काफी नाराज हैं और अब उन सांसदों के खिलाफ पार्टी की ओर से कार्रवाई किए जाने की तैयारी है। लेकिन एक बात स्पष्ट हो गई है कि सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन के विरुद्ध लड़ाई के प्रति कतई गंभीर नहीं है, वह केवल लड़ने का ढोंग कर रही है। अन्यथा ऐसा कमजोर और विवादास्पद प्रावधानों वाला विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जाता। केवल चुनाव को ध्यान में रखकर ही उसने यह खेल खेला, यहां तक कि मुस्लिम मतदाताओं को ध्यान में रखकर कुछ सेकुलर दलों के साथ मिलकर कांग्रेस ने विधेयक में लोकपाल की नियुक्त में मजहबी आरक्षण का प्रावधान जोड़ा। जबकि यह पूरी तरह असंवैधानिक है, भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध कर सरकार को चेताया भी। विधेयक इतना विवादास्पद था कि कुल मिलाकर 187 संशोधन पेश किए गए। लोकपाल की नियुक्ति के 5 सदस्यीय पैनल में सरकार का बहुमत और उसकी जांच एजेंसी पर सरकार का नियंत्रण जैसे प्रावधानों से स्पष्ट है कि सरकार देश में मजबूत नहीं, मजबूर लोकपाल चाहती है। करीब 44 वर्षों से अधर में लटका लोकपाल विधेयक एक बार फिर झटका खाकर वहीं पड़ा है, तो इसके लिए कांग्रेसनीत संप्रग की भ्रष्ट सत्ता जिम्मेदार है जो नहीं चाहती कि देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगे।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies