शिक्षा, स्वदेशी और सेवा को जीवन में लागू करने से भारत विश्वगुरु बन सकता है
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

शिक्षा, स्वदेशी और सेवा को जीवन में लागू करने से भारत विश्वगुरु बन सकता है

by
Nov 12, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

शिक्षा, स्वदेशी और सेवा को जीवन में लागू करने से भारत विश्वगुरु बन सकता है

दिंनाक: 12 Nov 2011 13:56:51

भगिनी निवेदिता के स्मृति शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में महिला सम्मेलन

–प्रमिला ताई मेढ़े, प्रमुख संचालिका, राष्ट्र सेविका समिति

प्रतिनिधि

'शिक्षा, स्वदेशी और सेवा इन तीन बिन्दुओं को यदि हम जीवन में लागू करते हैं तो हमारा देश फिर से विश्वगुरु बन सकता है। भगिनी निवेदिता के जीवन के अनेक आयाम हैं, परन्तु राष्ट्र सेविका समिति ने केवल इन तीन बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित करने का निर्णय किया है।' उक्त उद्गार राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े ने गत 5 नवंबर को नई दिल्ली में भगिनी निवेदिता के स्मृतिʇशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। वे यहां मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थीं।

सुश्री मेढ़े ने कहा कि भगिनी निवेदिता का जन्म भारत से बाहर हुआ, परन्तु भारत की धरती का स्पर्श होते ही वह अपने को भारतीय मानने लगीं। 13 अक्तूबर, 1911 को उनका महाप्रयाण हुआ। उस समय जब श्रद्धाञ्जलि सभा हुई तो उसमें रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने कहा कि 'हम किसी कार्य के लिए अपना समय दे सकते हैं। किसी कार्य के लिए अपना शरीर दे सकते हैं। किसी कार्य के लिए अपना धन दे सकते हैं, परन्तु किसी काम के लिए अपना मन देना बहुत कठिन है और मन निवेदिता ने अपने कार्य के लिए दिया, इसलिए बहुत कम समय में वह इतना कार्य कर सकीं।'

सुश्री मेढ़े ने कहा कि भगिनी निवेदिता के जीवन के अनेक आयामों में से समिति ने तीन बिन्दुओं–शिक्षा, स्वदेशी और सेवा पर ध्यान केन्द्रित करने का निर्णय किया है। आज हमारे देश में शिक्षा की बहुत दयनीय स्थिति है। स्वाधीनता के छ: दशक बीत जाने के बाद भी हमारे देश में हमारी कोई राष्ट्रीय शिक्षा नीति नहीं है, राष्ट्रीय अर्थनीति नहीं है, राष्ट्रीय सुरक्षा नीति भी अब तक नहीं बन पाई है। परन्तु इन तीनों बिन्दुओं पर भगिनी निवेदिता ने अपने जीवन में चिंतन किया और कुछ कार्य भी किया। शिक्षा उनकी रुचि का विषय था। शिक्षा के बारे में उनका मानना था कि शिक्षा ऐसी हो कि भारत के बारे में भक्तिभाव निर्माण हो, भारत के लिए अपना जीवन देने की तैयारी हो। दूसरे विषय स्वदेशी के बारे में उनकी कल्पना मात्र इतनी नहीं थी कि दो-चार चीजें अपने देश में बनें व उनकी खरीदारी हो। स्वदेशी अर्थात स्वदेश अर्थनीति। स्वदेश अर्थनीति वह है, जो हमारे समाज के अंतिम व्यक्ति तक को दो समय का भोजन करा सकती है। व्यक्ति शांति-  सुरक्षा से रह सकता है। तीसरा बिन्दु है सेवा। हम जानते हैं कि हमारे यहां तो सेवा आंतरिक गुण है। परन्तु यह सेवा क्यों? यह इसलिए, जो व्यक्ति हमारे हैं, उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कमी न रहे इसलिए अपनेपन की भावना से स्वार्थ की बुद्धि से नहीं। जब हम यह प्रयत्न करते हैं तो उस सेवा से हमको आनन्द मिलता है। परन्तु आज तो सेवा का अर्थ ही बदल गया है, सेवा की आड़ में हमारे देश की भोली-भाली जनता को ही नहीं, अपितु शिक्षित लोगों को भी अनेक प्रकार का लालच और आर्कषण दिखाकर मत परिवर्तन कराया जाता है। सुश्री मेढ़े ने कहा कि भगिनी निवेदिता के यह जो तीन बिंदु हैं इन पर हम अगर गौर करते हैं तो आज भी बहुत कुछ ठीक हो सकता है। भारत फिर से विश्वगुरु बन                   सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती मृदुला सिन्हा ने कहा कि आज विकास की चर्चा तो बहुत होती है, लेकिन हमारा विकास संवेदनहीन हो गया है, हमारा मन भी संवेदनहीन हो गया है। महिला सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर जगह भयभीत हैं। अपने घर तक में वे अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। लेकिन आज से 50 साल पहले ऐसा नहीं था। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि ऐसे में महिलाओं को भयमुक्त वातावरण देना सरकार तथा समाज की जिम्मेदारी है। देश की समृद्धि पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत को समृद्ध बनाना है तो भ्रष्टाचार की समाप्ति की ओर सबको ध्यान देना होगा।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्रीमती किरण लड्डा ने कहा कि भारत का इतिहास महिलाओं की महान गाथाओं से भरा पड़ा है। हर क्षेत्र में महिलाओं ने उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि परिवार में महिला का महत्वपूर्ण स्थान है और यदि परिवार को आदर्श बनाना है तो महिलाओं का जागरूक होना बहुत आवश्यक है।

कार्यक्रम में भगिनी निवेदिता के जीवन पर आधारित एक लघु नाटिका का मंचन भी किया गया, जिसे उपस्थित महिलाओं ने खूब सराहा। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की अ.भा. सह-कार्यवाहिका श्रीमती आशा शर्मा, दिल्ली की प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती राधा मेहता, प्रांत प्रचारिका सुश्री पूनम, रा.स्व.संघ, दिल्ली के प्रांत संघचालक श्री रमेश प्रकाश सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies