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दत्तात्रेय होसबले, सह-सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
संगीता सचदेव
पर्यावरण की रक्षा करने से ही सृष्टि बचेगी तथा हमारी भावी पीढ़ियां इस धरती पर रह पाएंगी। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने गत दिनों रायपुर में सम्पन्न हुई महिला समन्वय की तीन दिवसीय अ.भा. बैठक एवं कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की अ.भा. प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े, अ.भा. महिला समन्य की अ.भा. संयोजक सुश्री गीता ताई गुंडे एवं रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकांत जोशी भी मंचासीन थे। व्महिला एवं पर्यावरणव् विषय पर केन्द्रित इस बैठक में 26 संस्थाओं के 170 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इनमें 147 महिला तथा 23 पुरुष थे।
श्री होसबले ने आगे कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारे भविष्य से जुड़ा चर्चित विषय है। इसकी रक्षा के लिए हमें और देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक अपभोग की कामना एवं संयमरहित जीवन पद्धति ही संकट का कारण है। संस्कृति और समृद्धि परस्पर संघर्षवादी नहीं हैं। लेकिन यदि संस्कृति की कीमत पर समृद्धि होगी तो यह ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकेगी। इससे हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने ब्राहृाण्ड में उपस्थित लयबद्धता के संरक्षण एवं संवर्धन को भी पर्यावरण की रक्षा के लिए जरूरी बताया। श्री होसबले ने कृषि आधारित ग्राम जीवन को आगे बढ़ाने पर भी बल दिया।
सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े ने अपने उद्बोधन में कहा कि परिवर्तन लाने के लिए हमें स्वयं से प्रारम्भ करना होगा। पृथ्वी को घर एवं भारत को देवालय की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि आज विश्व के सभी देश पर्यावरण की रक्षा के लिए भारतीय जीवन दृष्टि को ही श्रेष्ठ मान रहे हैं।
सुश्री गीता ताई गुंडे ने चिपको आंदोलन एवं राजस्थान की 250 साल पुरानी पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि परम्पराओं को अगली पीढ़ी तक हस्तांतरित करने का महत्वपूर्ण दायित्व महिलाओं ने ठीक प्रकार से निभाया है। कार्यक्रम को भारतीय प्रज्ञा परिषद् की राष्ट्रीय मंत्री सुश्री इन्दुमति काटकरे, कार्यशाला की संयोजक श्रीमती शैलजा, पंजाब प्रांत की महिला समन्वय संयोजक डा. अमिता ऋषि ने भी संबोधित किया।
तीन दिन चली इस बैठक में प्रतिनिधियों ने पर्यावरण संरक्षण एवं महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह एवं उनकी पत्नी श्रीमती वीणा सिंह का भी आगमन हुआ। यहां सौर उपकरण, औषधियां तथा जूट व लकड़ी की कलाकृतियों की चित्र सहित प्रदर्शनी भी लगाई गई। 13 सितम्बर को बैठक में आए विशिष्ट प्रतिनिधियों ने भाजपा सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन के साथ भेंट की। इस दौरान श्रीमती सुमित्रा महाजन एवं प्रतिनिधियों ने व्साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयकव् पर चर्चा की तथा इसे देश के लिए खतरनाक बताया।
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