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फिर बजा अभाविप का डंका
चार में से तीन पदों पर विद्यार्थी परिषद का कब्जा
प्रतिनिधि
गत 9 सितम्बर को सम्पन्न हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चार में से तीन पदों पर जीत दर्ज कर साबित कर दिया कि आज भी छात्र अभाविप के साथ हैं।
अभाविप ने उपाध्यक्ष, सचिव एवं सह-सचिव पद पर जीत दर्ज की है। उपाध्यक्ष पद पर अभाविप के विकास चौधरी ने एनएसयूआई के भूपेंद्र चौधरी को 3,780 मतों से हराया। विकास को 11,855 और भूपेंद्र को 8075 वोट मिले। सचिव पद पर अभाविप प्रत्याशी विकास यादव ने एनएसयूआई की अनुभवी उम्मीदवार पराग शर्मा को 2,291 मतों से पराजित किया। विकास को जहां 8,365 मत मिले, वहीं पराग मात्र 6,074 छात्रों का ही विश्वास जीत सकीं। सह-सचिव पद पर अभाविप के दीपक बंसल ने 2,105 मतों के अंतर से आशीष चौधरी को पराजित किया। दीपक को 8,404 और आशीष को 6,299 वोट मिले। हालांकि अध्यक्ष पद एनएसयूआई के खाते में चला गया।
अभाविप के विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। युवाओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो संकल्प लिया है उसी का नतीजा है कि अभाविप ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में 3 पदों पर जीत हासिल की।
राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सदैव छात्रहित के मुद्दों को लेकर संघर्षरत रही है। यह जीत भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के जनाक्रोश को जताती है। उन्होंने कहा कि हम छात्रसंघ के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु सदैव कार्यरत रहेंगे।
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