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विकास की वर्तमान संकल्पना का बहिष्कार कर समग्र सामाजिक सुख की संकल्पना को अपनाकर विश्वव्यापी आर्थिक मंदी सहित अनेक वैश्विक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। यह उद्गार रा.स्व.संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने गत 20 फरवरी को नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में बहुभाषी संवाद समिति “हिन्दुस्थान समाचार” के हीरक जयंती समारोह में आयोजित संगोष्ठी “विश्वव्यापी मंदी के परिप्रेक्ष्य में भारत की आर्थिक दृष्टि: अवसर और चुनौतियां” में व्यक्त किए।डा. गुप्त ने कहा कि पिछले दिनों सम्पूर्ण विश्व में जो आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ उसके लिए अपने आपको विकसित तथा शक्तिशाली कहने वाला अमरीका जिम्मेदार है। उसकी आर्थिक नीति के कारण वहां के बैंक तथा वित्तीय संस्थान दिवालिया हो गए, जिसका असर विश्व के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर भी दिखा। दुनिया के सामने अपने देश के नागरिकों का जीवन स्तर अच्छा दिखाने के लिए उसने बड़ी मात्रा में घर बनाने के लिए ऋण दिया। ऋण देते समय उसने यह भी जानने की जरूरत महसूस नहीं की कि वे इसे लौटा भी पाएंगे? इस तरह उसने लगभग 9 लाख करोड़ डालर का ऋण ऐसे लोगों को दे दिया, जो इसे कभी चुका ही नहीं सकते थे।विश्वव्यापी मंदी के परिप्रेक्ष्य में भारत की आर्थिक दृष्टि पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस समस्या के निवारण हेतु हमें वर्तमान विकास की संकल्पना को बदलने की आवश्यकता है। डा. गुप्त ने कहा कि वर्तमान संकल्पना में व्यक्ति के सुख व कल्याण से कोई वास्ता नहीं है। इसे बदलकर एक ऐसी संकल्पना की खोज करने की जरूरत है, जो मनुष्य का हर दृष्टि से विकास कर सके। विकास के “सुमंगलम्” दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सभी को रोटी, शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार मिले तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. नरेन्द्र जाधव (सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार) ने कहा कि भारत में मंदी कभी आई ही नहीं थी, क्योंकि जिस समय पूरे विश्व में आर्थिक संकट की स्थिति थी, उस दौरान भारत की विकास दर 7 प्रतिशत के लगभग थी। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत विकास किया है। पहले हम देश के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से धन मांगते थे, लेकिन अब स्थिति बिल्कुल उलट है। पिछले 3-4 वर्षों से हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को गरीब देशों के विकास हेतु धन दे रहे हैं।वक्ता श्री प्रशांत खांबसवाडकर (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूनिवर्सल ग्रुप) ने कहा कि हम अपने देश के युवाओं के बल पर विश्व शक्ति बनेंगे। हमारे देश में योग्यता की कोई कमी नहीं है। भारत के इस हुनर को आज विश्व के अनेक देश भी स्वीकार कर रहे हैं।कार्यक्रम के प्रारम्भ में हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष डा. नंद किशो#ेर त्रिखा ने गोष्ठी में उपस्थित गण्यमान्यजनों का स्वागत करते हुए हिन्दुस्थान समाचार के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार केवल समाचार समिति नहीं है, यह एक राष्ट्रीय अनुष्ठान है, साधना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विनोद बावरी (अध्यक्ष माई होम इंडिया) ने की। इस अवसर पर श्री के.के.स्वामी, श्री भीमसैन सचदेव, रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकांत जोशी, रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय गोसंरक्षण एवं संवर्धन प्रमुख श्री ओम प्रकाश सहित हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े हुए अनेक गण्यमान्यजन तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। तरुण सिसोदिया22
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