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प.बंगाल/ बासुदेब पाल

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May 12, 2010, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 12 May 2010 00:00:00

बीमार उद्योगों में अग्रणी प. बंगालऔर किसी में हो न हो, पश्चिम बंगाल बन्द पड़े और बीमार उद्योगों की दृष्टि से पहले स्थान पर है। वैसे बेरोजगारी और राजनीतिक हत्याओं की दृष्टि से भी पश्चिम बंगाल देश में सबसे आगे है। पश्चिम बंगाल की “औद्योगिक क्रांति” की यह सचाई हाल ही में प्रकाशित भारतीय रिजर्व बैंक की रपट से सामने आई है। भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा मार्च, 2010 तक की रपट में कहा गया है कि देशभर में सर्वाधिक बंद पड़ी एवं रुग्ण औद्योगिक इकाइयां पश्चिम बंगाल में हैं। इनमें से अधिकांश इकाइयां निम्न एवं मध्यम श्रेणी की हैं। इन बंद पड़ी और रुग्ण औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू कराने के भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। रपट के अनुसार देश भर में जहां पिछले वर्षों में बीमार औद्योगिक इकाइयों को सहायता प्रदान कर चलाया गया, उनकी संख्या कम हुई है, वहीं पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या बढ़ी है। रपट के अनुसार मार्च, 2010 तक के वित्तीय वर्ष में देशभर में कुल मिलाकर 77 हजार निम्न व मध्यम श्रेणी के उद्योग “बीमार” हैं। इनमें से अकेले पश्चिम बंगाल के 17 हजार उद्योग हैं। शेष उद्योग उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और गुजरात के है। रपट में इस बात का भी उल्लेख है कि गुजरात और महाराष्ट्र में जितने उद्योग “बीमार” की श्रेणी में आए उससे कहीं अधिक नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। रपट के अनुसार पश्चिम बंगाल में औद्योगिक इकाइयों के स्थापित न होने का मुख्य कारण है बैंको से ऋण न मिलना व असुरक्षा का वातावरण। इस दृष्टि से रिजर्ब बैंक ने वहां के वित्तीय बैंक की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जाहिर की है। रिजर्ब बैंक के अनुसार निम्न व मध्यम श्रेणी के बंद पड़े व बीमार उद्योगों को फिर से चलाने के लिए बैंक की ओर से 5 योजनाएं चल रही हैं, पर स्थानीय बैंकों की जटिल प्रक्रिया के कारण वे सफल नहीं हो पा रही हैं। यहां प्रस्तुत है देश भर में बंद व बीमार उद्योगों की संक्षिप्त सूची-राज्य कुल बीमार उद्योग बंद पड़े उद्योगपश्चिम बंगाल 16,853 8881महाराष्ट्र 6,348 37,525उत्तर प्रदेश 7,217 75,659केरल 5,078 34,418गुजरात 4,366 33, 228मध्य प्रदेश 2,760 35,082आंध्र प्रदेश 3,028 13,37024

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