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शरीर छोड़ सकते हैं, हिन्दुत्व नहीं-डा. प्रवीण भाई तोगड़िया, महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद्स्वतंत्र भारत में पहली बार हिन्दुत्व द्रोहियों द्वारा हिन्दुत्व छोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हिन्दुत्व को राजनैतिक पराजय का कारक बताया जा रहा है। इस प्रकार का अभियान चलाने वाले हिन्दुत्व द्रोही हमारे सामने भी हैं और हमारे पड़ोस में भी। लेकिन हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम अपना शरीर छोड़ सकते हैं, हिन्दुत्व नहीं। विश्व हिन्दू परिषद् के महामंत्री डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने पिछले दिनों विहिप द्वारा आयोजित 15 दिवसीय विश्व हिन्दू परिषद् शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मोहम्मद कासिम से लेकर जिन्ना तक हिन्दुत्व उठता रहा है। हिन्दू समाज राजनीतिक नेताओं के आधार पर नहीं, बल्कि श्रद्धा के आधार पर चलता है। यह समाज हिन्दुत्व की रक्षा के लिए हजारों तोगड़िया पैदा कर सकता है।उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व द्रोहियों के द्वारा पराजय का भ्रम पैदा किया जा रहा है। यह भ्रम शीघ्र दूर होगा। डा. तोगड़िया ने कहा कि विहिप भारतीय राजनीति को हिन्दू समाज के लिए प्रभावित करने का जोरदार प्रयास करेगी। हमारे द्वारा राजनैतिक जनजागरण निरन्तर चलता रहेगा। हिन्दुओं के बीच राजनैतिक जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रामजन्म भूमि आंदोलन ने देश की राजनीति में मंदिर और मस्जिद समर्थकों के बीच स्पष्ट रेखा खींच दी। उसके बाद राष्ट्रीय राजनीति और कई राज्यों की राजनीति में बदलाव आया। वर्तमान राजनैतिक परिणामों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक पराजय के कारण हिन्दुत्व की हार कभी नहीं हुई। हिन्दू समाज ने जय से अधिक पराजय देखी हैं। वर्तमान राजनैतिक स्थिति परिस्थितियों की पराजय है। इसे हिन्दुत्व की पराजय कहकर भ्रम फैलाया जा रहा है। 15 वीं लोकसभा के चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव हिन्दुत्व के आधार पर नहीं बल्कि विकास के आधार पर हुआ। जिन राज्यों के विकास को लोगों ने स्वीकार किया उनके पक्ष में मतदान किया। डा. तोगड़िया ने इस आरोप को भी भ्रामक और निराधार बताया कि देश का युवा वर्ग हिन्दुत्व से दूर हो रहा है। आउटलुक पत्रिका के एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश में शिक्षित और तकनीकी ज्ञान रखने वाले युवाओं में धर्म के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। राजनेता हिन्दुत्व की अपील देने में विफल रहे हैं। बजरंग दल जैसे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन में सदस्य संख्या निरन्तर बढ़ रही है। विश्व हिन्दू परिषद् कभी बुजुर्गों का संगठन हुआ करता था, लेकिन आज यह युवाओं का संगठन है।डा. तोगड़िया ने चुनौती भरे लहजे में कहा- कौन कहता है कि हिन्दुत्व विकास विरोधी है! हिन्दुत्व चिर पुरातन और नित्य-नूतन है। हिन्दुत्व सर्वांगीण और समग्र विकास का हिमायती है। लेकिन विकास को भी आत्मा की जरूरत है। बिना आत्मा के कोई भी विकास निरर्थक है। हिन्दुत्व के बिना विकास निरर्थक है।अपने उद्बोधन के प्रारंभ में डा. तोगड़िया ने विहिप के विकास के विभिन्न चरणों और आयामों के बारे में विस्तार से बताया। उल्लेखनीय है कि भोपाल में 5 जून से 19 जून तक परिषद् शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया था। रा.स्व.संघ के शिक्षा वर्ग की तर्ज पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से चयनित कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। विहिप की सांगठनिकविहिप महामंत्री ने बताया कि आज देशभर में विहिप की 75 हजार से अधिक अनिल सौमित्र36
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