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पाठकीय

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Mar 2, 2008, 12:00 am IST
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दिंनाक: 02 Mar 2008 00:00:00

गत 17 दिसम्बर को किशनगंज (बिहार) के रूईधासा मैदान में बंगलादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध पुरजोर चेतावनी के स्वर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने विशाल सभा आयोजित की। इसमें पूरे देश से 50 हजार से ज्यादा युवा शक्ति जुटी। सुबह से ही कार्यकर्ता हाथों में तिरंगा झण्डा लिये और “किशनगंज हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी”, “घुसपैठ नहीं ये हमला है, भारत के लिए खतरा है”, “घुसपैठिये भगाओ, देश बचाओ” जैसे नारों के साथ रूईधासा मैदान पहुंचे। सभा से पूर्व कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। मारवाड़ी कालेज, किशनगंज स्टेडियम और गोशाला से निकली रैलियों में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय लोगों ने भाग लिया। सभा की एक विशेषता यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी शामिल थीं।शहर के विभिन्न भागों में इन कार्यकर्ताओं के स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाए गए थे। कई जगह स्थानीय लोगों ने रैली में शामिल कार्यकर्ताओं का स्वागत पुष्प वर्षा करके किया। वर्षों बाद किशनगंज में एक ऐसी सभा हुई जिसकी गूंज देश के कोने-कोने तक गई और लोगों ने यह महसूस किया कि बंगलादेशी घुसपैठिए भारत के लिए खतरा बन चुके हैं।सभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्याथी परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामनरेश सिंह ने कहा कि बंगलादेशी घुसपैठ की समस्या खतरनाक सीमा तक पहुंच चुकी है। सरकार अगर अब भी नहीं चेतेगी तो भारत की छात्र तरुणाई अपने दम पर इस समस्या का समाधान करेगी। उन्होंने छात्रों को घुसपैठ की समस्या का समाधान करने के लिए संकल्प भी कराया।परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील अंबेकर ने कहा कि आज बंगलादेश पाकिस्तान की राह पर जा रहा है। ऐसा लगता है कि बंगलादेश पूरब का दूसरा पाकिस्तान बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह रैली देश के उन तमाम सेकुलर नेताओं को चेतावनी देती है जो वोट बैंक की खातिर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस रैली को असफल करने के लिए केन्द्र सरकार ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की। योजनाबद्ध तरीके से कई रेलों का परिचालन बाधित किया गया और कई गाड़ियां रद्द की गयीं।परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुरेश भट्ट ने कहा कि चिकेन पट्टी पर मुस्लिम जनसंख्या बड़ी तेजी बढ़ रही है, क्योंकि यहां बंगलादेशी घुसपैठियों को एक साजिश के तहत बसाया जा रहा है। उन्होंने चिकेन नेक गलियारे को अति संवेदनशील बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में दालकोला से इस्लामपुर तक के 32 कि.मी. क्षेत्र में घुसपैठियों को बसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों से घुसपैठिए भारत आ रहे हैं और हमारी सरकार सबकुछ देख-सुनकर भी चुपचाप बैठी है। उन्होंने असम के घुसपैठ बहुल क्षेत्रों की चर्चा करते हुए कहा कि आज असम के मूल वासी अपने को खतरे में पा रहे हैं। सरकार द्वारा असमवासियों के लिए दिये जा रहे आर्थिक पैकेज का एक बड़ा हिस्सा इन घुसपैठियों के हिस्से में जा रहा है। असम में इन घुसपैठियों ने लगभग 18 लाख बीस हजार रोजगार साधनों पर कब्जा जमा लिया है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क पर चलते हुए एक आम आदमी से पुलिस पूछताछ करती है, पर लाखों की संख्या में बस रहे बंगलादेशियों की ओर पुलिस का ध्यान क्यों नहीं जाता? उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध के समय बंगलादेश के निर्माण के लिए प्रत्येक भारतीय ने पांच रुपए का दान दिया था और आज वही बंगलादेश भारत के लिए परेशानी का कारण बन गया है। उन्होंने कहा कि अगर बंगलादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने और रोकने के लिए पहल नहीं की गयी तो देश की छात्र शक्ति उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि बंगलादेश को आजादी दिलाने के लिए हम खून दे सकते हैं तो विश्व के नक्शे से उसे मिटाने के लिए भी हम कोई कसर नहीं छोड़ सकते।बंगलादेशी घुसपैठ विरोधी आन्दोलन के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुनील बंसल ने कहा कि बंगलादेश से भारत में लगभग 3 करोड़ घुसपैठिये आ चुके हैं और ये लोग भारत के कोने-कोने में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं कि यहां कोई आए और यहां का नागरिक बन जाए। उन्होंने कहा कि अगर बंगलादेशी भारत में नागरिक बन सकते हैं तो भारतीयों को भी बंगलादेश में नागरिकता देनी होगी और तब भारत के लोग तय करेंगे कि बंगलादेश में किसकी सरकार बनेगी।इस अवसर पर परिषद् के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि भारत-बंगलादेश सीमा को पूरी तरह बंद किया जाए। सीमा सुरक्षा बल को व्यापक अधिकार दिये जाएं। सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित मदरसों और मस्जिदों की जांच की जाए और जो अवैध पाए जाएं उन्हें ध्वस्त किया जाए। यह भी मांग की गयी कि घुसपैठियों की पहचान करने के लिए स्वतंत्र “टास्क फोर्स” बने। यह भी कहा गया कि घुसपैठियों से संबंधित मामलों के लिए “फास्ट ट्रैक कोर्ट” का गठन हो।परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री श्री श्रीनिवास ने घुसपैठ को भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध माना। उन्होंने कहा कि भारत का मित्र राष्ट्र होते हुए भी बंगलादेश ने भारत के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ रखा है। असम में लगभग 50 लाख घुसपैठिए हैं। पश्चिम बंगाल के 52 विधानसभा क्षेत्रों में हार जीत का फैसला लगभग 80 लाख बंगलादेशी घुसपैठिए करते हैं। बिहार के 36 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 30 लाख से अधिक घुसपैठिए सक्रिय हैं। उन्होंने सेकुलरों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे वोट बैंक की जगह राष्ट्र के बारे में सोचें।परिषद् की राष्ट्रीय मंत्री सुश्री आशा लकड़ा ने परिषद् की मांगों को पढ़कर सुनाया। ये मांगे हैं- सीमा सुरक्षा को प्रभावी बनाना, घुसपैठियों को पहचानना, सीमापार भेजना तथा चिकेन नेक को विशेष क्षेत्र घोषित करना।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शोध छात्र मो. शमीम ने कहा कि देश की जनता को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए, यह आन्दोलन मुस्लिम विरोधी नहीं, बल्कि घुसपैठियों के खिलाफ है।अभाविप की असम इकाई के मंत्री श्री विश्वजीत ने कहा कि असम के धुबरी जिले में 80 प्रतिशत आबादी बंगलादेशी घुसपैठियों की हो चुकी है। अब ये घुसपैठिये विधायक भी बनने लगे हैं। उन्होंने इन घुसपैठियों के संरक्षकों को सबक सिखाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि यदि घुसपैठियों को बाहर नहीं निकाला गया तो असम भारत का हिस्सा नहीं रह पाएगा।हिमाचल प्रदेश से आयीं मांचली ठाकुर ने कहा कि घुसपैठियों को भारत भेजने वाला और उसके माध्यम से आतंकवाद फैलाने वाला बंगलादेश भारत का मित्र राष्ट्र कैसे हो सकता है? उन्होंने सरकार से मांग की कि वह बंगलादेश को मित्र राष्ट्र नहीं, बल्कि शत्रु राष्ट्र घोषित करे।पश्चिम बंगाल की पारू मंडल ने अपनी पीड़ा व्यक्त हुए कहा कि उनके परिजन 1981 से पूर्व बंगलादेश में ही रहते थे। परंतु बंगलादेश में इतने अत्याचार हुए कि वे लोग वहां से भागने के लिए मजबूर हो गए। आज बंगलादेश वृहद् बंगाल बनाने का सपना देख रहा है।भोपाल की कुमारी भारती ने कहा कि आज पूरा पूर्वांचल घुसपैठियों के कारण त्रस्त है। उन्होंने घुसपैठियों को संरक्षण देने वाले नेताओं से कहा कि वे अपनी गतिविधियों से बाज आएं, वरना भारत में पुन: महाभारत होगा।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख श्री दत्तात्रेय होसबाले, अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार, पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री सुनील गोस्वामी, उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक डा. कृष्ण गोपाल, विश्व छात्र युवा संगठन के महामंत्री श्री रमेश पप्पा, शिक्षा बचाओ आन्दोलन के राष्ट्रीय संयोजक श्री अतुल कोठारी, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित ठक्कर, महामंत्री श्री संजीव चौरसिया, भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री ह्मदयनाथ सिंह, परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.वी. कृष्ण भट्ट, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री गीता, पूर्व महामंत्री श्री हरेन्द्र प्रताप सहित अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।…और यूं मिला जन सहयोग16 दिसम्बर की प्रात: से ही देशभर के कार्यकर्ता किशनगंज पहुंचने लगे थे। इन सबके लिए ठहरने, खाने-पीने आदि की व्यवस्था हेतु शहर के चार स्थानों पर 8 नगर स्थापित किये गये थे। स्थानीय गोशाला में 25 हजार छात्रों के ठहरने की व्यवस्था थी तो दिगम्बर जैन भवन में छात्राओं को ठहराया गया था। किशनगंज स्टेडियम में 15 हजार छात्रों के लिए आवास व्यवस्था की गयी थी। इन सबके लिए भोजन की व्यवस्था स्थानीय लोगों की मदद से की गयी थी। लोगों ने अपने-अपने घरों से भोजन पैकेट बनाकर भेजे थे। रैली से एक दिन पूर्व यानी 16 दिसम्बर को छात्रों ने मानव श्रृंखला बनायी। उल्लेखनीय है कि 16 दिसम्बर को ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान से मुक्त कराकर बंगलादेश का निर्माण कराया था। उसी दिन पाकिस्तान के 95 हजार सैनिकों ने जनरल नियाजी के नेतृत्व में भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।आर्थिक घोटाले में लिप्त यूपीए सरकार ने कियादेश से धोखा -नमित वर्मा , सुप्रसिद्ध अर्थ विशेषज्ञप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चीन यात्रा सहयोग की बात हो, पर ईमानदारी से भारत की 38 हजार वर्ग कि.मी. भूमि वापस करे चीन -अशोक चौरसियाग्लोबल फाउण्डेशन फार सिविला बढ़े प्रेम, मिटे संघर्ष -आलोक गोस्वामीहनुमान और रामेश्वरम्-1ऐसी भाषा-कैसी भाषा पैरेंट्स से मांगे जा रहे हैं एजुकेशनल सर्टिफिकेटदिशादर्शन नर्मदा से पांवधोई तक-जल अनुष्ठान तरुण विजयइतिहास दृष्टि राष्ट्रीय नेताओं की उपाधियां डा. सतीश चन्द्र मित्तलहिमाचल की चिट्ठी विधानसभा चुनाव में हार के बाद आलाकमान का इशारा वीरभद्र से करो किनारा -अजय श्रीवास्तवमंथन जम्मू-कश्मीर की चिट्ठी छोटे राज्य शिव और सुन्दर पर कब? देवेन्द्र स्वरूप जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तीखी नोक झोंक शिक्षामंत्री पीरजादा से लिया इस्तीफा विशेष संवाददातायूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम खुला पत्र- 2 संसाधनों, रोजगार और विकास पर डाकालोकहित प्रकाशन, लखनऊ‚ का सुन्दर नववर्ष उपहारकोलकाता में विवेकानन्द विद्या विकास परिषद् का रजत जयन्ती महोत्सव बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देनी चाहिए -न्यायमूर्ति श्यामल कुमार सेन, अध्यक्ष, प. बंगाल, मानवाधिकार आयोगकिसान पुत्र की किसान यात्रा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह की चेतावनी किसान डूबा तो देश को कोई नहीं उबार पाएगागांधी जी के बलिदान दिवस (30 जनवरी) पर विशेष गांधी जी के राम -रविन्द्र शंकर जोशीगांधी जी का सपना -डा. भुवनेश्वर गुरुमैता21 जनवरी को पुण्य स्मरण माई एहड़ा पूत जण, जेहड़ा हेमू कालाणी -वासुदेव “सिन्धु-भारती”प.बंगालकम्युनिस्ट सरकार बनाएगी 100 मदरसे! तुष्टीकरण करो, मुस्लिम वोट पाओ नीति -बासुदेब पालरामसेतु रक्षा मंच द्वारा दिल्ली में बालू का विरोध प्रतिनिधिकेशव बाल पुस्तकालय की संस्कृति एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न (वि.सं.के. काशी)नासिरा शर्मा की पुस्तकें उजागर करती हैं मुस्लिम देशों का सच -अमरीश सिन्हाबाड़मेर में रा.स्व.संघ का मकर संक्रांति उत्सव राष्ट्र रक्षा हेतु सजग हों -दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा, संस्थापिका, वात्सल्य ग्राम, वृन्दावन आनन्द कुमार गुप्ताभाजपा कार्यालय में दही-चूड़ासतना में एक अनूठा चरणवंदना कार्यक्रम चरणवंदन से जुड़े मन प्रतिनिधिधर्मशाला का टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट सामाजिक परिवर्तन की बयार -धर्मशाला से अजय श्रीवास्तवदीन-दुखियों की सेवा ही बुद्ध की सच्ची शिक्षा -भिक्षु जामयांगपाठकीयसम्पादकीय2अंक-सन्दर्भ, 30 दिसम्बर,2007पचांगसंवत् 2064 वि. – वार ई. सन् 2008माघ कृष्ण 12 रवि 3 फरवरी, 08″” 12 सोम 4 “”(तिथि वृद्धि)”” 13 मंगल 5 “””” 14 बुध 6 “”मौनी अमावस्या – गुरु 7 “”माघ शुक्ल 1 शुक्र 8 “””” 2 शनि 9 “”जागेगामुर्गे-मुर्गी दे रहे, हैं बेचारे जानजाने किस दिन विश्व में, जागेगा जागेगा क्रूर कर्म से किस दिन अपना मुंह मोड़ेगा?कह “प्रशांत” है दिया प्रकृति ने हमको ठूंस-ठूंस कर भरें पेट हम चाहे जितना।।-प्रशांतस्वामिनारायण संप्रदायहिन्दुत्व का गौरवआवरण कथा के अन्तर्गत श्री तरुण विजय का लेख “भारत गौरव” अच्छा लगा। दिल्ली के अक्षरधाम मन्दिर की गणना दुनिया के सबसे विशाल मन्दिरों में हुई है। स्वामिनारायण सम्प्रदाय पर समस्त हिन्दू समाज को गर्व है। आज इस सम्प्रदाय ने प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला को एक तरह से पुनर्जीवित किया है और उसे विश्वभर में प्रदर्शित कर भारत का मस्तक ऊ‚चा किया है। आधुनिक शिक्षा प्राप्त करके एक साल में लाखों कमाने की योग्यता रखने वाले युवा भी आज स्वामिनारायण सम्प्रदाय के संन्यासी बनकर धर्म-ध्वजा फहरा रहे हैं, यह उत्साहवर्धक समाचार है। हमारी विजय अवश्य ही होगी।-सुहासिनी प्रमोद वालसांगकरदिलसुखनगर, हैदराबाद (आं.प्र.)स्वामिनारायण सम्प्रदाय ने पांच महाद्वीपों में 713 अत्यन्त भव्य एवं विशाल हिन्दू मन्दिरों का निर्माण करवाकर नया हिन्दू इतिहास रचा है और भारत का गौरव बढ़ाया है। अनेक क्षेत्रों में भारतीय दुनिया को अपना लोहा मनवा रहे हैं। धर्म क्षेत्र में प्रमुख स्वामी जी महाराज ने ऐसा ही काम किया है। स्वामिनारायण सम्प्रदाय में जो युवा धर्म-ध्वजा फहराने के लिए अपना जीवन अर्पित कर रहे हैं, उनका त्याग अनुकरणीय है। स्वामिनारायण सम्प्रदाय, संघ विचार परिवार, आर्ष विद्या गुरुकुलम, रामकृष्ण मिशन, आर्ट आफ लिविंग, तेरापंथ सम्प्रदाय, रामस्नेही सम्प्रदाय, स्वाध्याय परिवार आदि हिन्दू समाज के नवोदय में रत हैं।-मोहन सुथारमु. व पो.- कांकरोली, जिला-राजसमंद (राजस्थान)विशेष आरक्षण क्यों?सम्पादकीय “भारत कहां है?” झकझोरने वाला है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में मुसलमानों के लिए विशेष आरक्षण की व्यवस्था करना बहुसंख्यक हिन्दुओं का अपमान है। हिन्दू समाज ऐसा अन्याय कब तक बर्दाश्त करेगा?आखिर सहने की भी सीमा होती है,सागर के उर में ज्वाला सोती है।संप्रग सरकार मुसलमानों को लुभाने के लिए सारी सीमाएं पार कर रही है। सच्चर कमेटी की रपट के आधार पर यह सरकार अलगाववाद को बढ़ावा दे रही है, जबकि सच्चर कमेटी की रपट झूठ का पुलिंदा है।-क्षत्रिय देवलालउज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलैया, कोडरमा (झारखण्ड)ऐसा लगता है कि सत्तालोलुप छद्म-सेकुलर खेमा मुस्लिम वोटों की खातिर वह सब कुछ करने को तैयार है जिसे देशहित में नहीं किया जाना चाहिए। कुछ दिन पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग के मुसलमानों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में चार प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब तमिलनाडु सरकार ने एक कदम और आगे जाकर मुसलमानों के साथ-साथ ईसाइयों के लिए भी अलग से आरक्षण की व्यवस्था करके यह जता दिया है कि ये सेकुलर वोटों के लिए कुछ भी कर सकते हैं। सेकुलर नेताओं ने अपने आपको वोट बैंक की परिधि में बंदी बनाकर एक विशिष्ट वर्ग की भलाई करने तक ही सीमित कर लिया है। ऐसी दशा में न्यायालय ही देश की आखिरी उम्मीद है।-रमेश चन्द्र गुप्तानेहरू नगर, गाजियाबाद (उ.प्र.)कांग्रेस को करारा जवाबश्री बचुभाई ठाकर का लेख “23 दिसम्बर से पहले” अच्छा लगा। गुजरात के चुनाव प्रचार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हवा के रुख को पहचाने बिना वहां के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को “मौत का सौदागर” कहा। इसका जवाब गुजरात की जनता ने कांग्रेस को दे दिया है। एक विदेशी द्वारा स्थापित कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया भी विदेशी हैं।-प्रदीप सिंह राठौरमेडिकल कालेज, कानपुर (उ.प्र.) अंक-सन्दर्भ, 23 दिसम्बर,2007बर्बर वामपंथीश्री आलोक गोस्वामी की रपट “माक्र्सवादी अमानुषिकता” कम्युनिस्टों के बर्बर चेहरे को उजागर करती है। मध्य युग में जैसी घटनाएं होती थीं वैसी अब भी हो रही हैं और उन लोगों द्वारा हो रही हैं, जो अपने आपको बड़े प्रगतिशील मानते हैं। ये वामपंथी अपने विरोधियों को सिर्फ इसलिए मारते हैं कि वे उनकी विचारधारा से सहमत नहीं होते। हर व्यक्ति का अपना विवेक है। कोई व्यक्ति किस विचारधारा को मानेगा, इसका निर्धारण वामपंथी कैसे कर सकते हैं? समाज पर जबर्दस्ती लादी गई विचारधारा ज्यादा दिन नहीं टिकती, यह बात वामपंथियों को समझनी चाहिए।-राजेश कुमार1155 2/2, सुभाष पार्क, शाहदरा (दिल्ली)आडवाणी जी को बधाई!भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड ने प्रधानमंत्री पद के लिए श्री लालकृष्ण आडवाणी के नाम की घोषणा कर उचित ही किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि श्री आडवाणी के नाम पर राजग के किसी भी घटक को कोई आपत्ति नहीं है। यही श्री आडवाणी की पहली सफलता है। श्री आडवाणी जितने स्वभाव से नम्र हैं, संगठनात्मक, अनुशासनात्मक और प्रशासनिक निर्णय उतनी ही दृढ़ता से करते हैं। उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! हम आशा करते हैं कि वे अपने कुशल नेतृत्व में भाजपा को केन्द्र की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ काबिज करने पर सफल होंगे।-वीरेन्द्र सिंह जरयाल28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर (दिल्ली)बड़े सरल थे ईसराणी जीअपनी बात स्तंभ से श्री उत्तमचन्द ईसराणी के निधन की जानकारी मिली। वे मेरे अभिन्न मित्रों में से एक थे। जब भी किसी विषय को लेकर उनको पत्र लिखा, उन्होंने स्वयं पत्रोत्तर भेजकर मार्गदर्शन किया। पिछले दिनों दीपावली पर मैंने उन्हें दूरभाष पर बधाई दी थी। हालचाल पूछा तो हंसते हुए बोले, “गाड़ी चल रही है।” फिर एक मित्र से पता चला कि वे अस्वस्थ हैं। दुबारा मैंने दूरभाष करके सिद्धासन करने की सलाह दी। बोले, आज से ही मैं सिद्धासन प्रारंभ कर रहा हूं।-शिवनारायण खण्डेलवालओम निवास, बैतूलगंज, जिला-बैतूल (म.प्र.)लखटकिया के दीवानेपिछले दिनों टाटा समूह की लखटकिया कार की बड़ी चर्चा रही। चैनलों ने इसके एक-एक पुर्जे पर घंटों बहस की। अखबारों में बड़े-बड़े लेख लिखे गए, रपटें छापी गईं। लोग भी लखटकिया कार के दीवाने हो गए।-बी.एल सचदेवा263, आईएनए मार्किट (नई दिल्ली)हिंसक एवं क्रूर नक्सलीश्री हिमांशु द्विवेदी का लेख “भेड़ियों का मुकाबला भेड़ें नहीं कर सकतीं” छत्तीसगढ़ प्रदेश की नक्सल समस्या पर बड़ा ही सटीक लगा। उनका यह कथन कि “राजा समस्या के खात्मे के लिए संकल्पित है और प्रजा मजबूती से साथ देने को तैयार है, पर पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा छोड़ अपनी जान बचाने की फिक्र में हैं। हांफती सांसें और कांपते जिस्म हथियार तो क्या वर्दी का बोझ भी उठाने को तैयार नहीं हैं।” वास्तविकता का चित्रण है। पर हकीकत यह भी है कि इस समस्या से निपटने के लिए हम एक विकराल एवं विशाल वृक्ष की केवल शाखाओं पर ही यदा-कदा प्रहार कर रहे हैं।हमने अभी तक केवल रक्षात्मक नीति अपनाई है, जबकि इसके लिए आक्रमक नीति अपनाने की आवश्यकता है। साथ ही कमजोर रक्षा पंक्ति एवं अत्याधुनिक हथियारों के सामने परंपरागत पुराने हथियारों से यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। सबसे पहले हमें अपने सूचनातंत्र को शक्तिशाली एवं प्रभावी बनाकर नक्सलियों के ठिकानों एवं उनकी गतिविधियों पर निरंतर सतर्क नजर रखनी होगी। नक्सलियों के ठिकानों पर आक्रमण करने और उन्हें वहां से खदेड़ने हेतु आवश्यक हो तो स्थानीय वनवासी युवकों की सहायता लेने का भी प्रयास होना चाहिए। इसके साथ नक्सलियों को रसद एवं हथियारों की आपूर्ति के स्रोतों का भी पता लगाकर उसे प्रभावी ढंग से रोकने की योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करनी होगी। इस लड़ाई में नक्सलियों को कमजोर बनाने के लिए स्थानीय जनता के बीच उनके सम्पर्क सूत्रों पर भी कठोर प्रहार करने की आवश्यकता है, जिसके लिए एक पृथक विभाग बनाना होगा।-परमानंद रेड्डीडी/19 सेक्टर-एक, देवेन्द्र नगर, रायपुर (छ.ग.)3

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