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संसद में श्वेत पत्र रखे सरकारकेन्द्र सरकार क्वात्रोकी मामले पर संसद में श्वेत पत्र रखे और उसमें 1993 में सी.बी.आई. द्वारा दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उसकी गिरफ्तारी और बाद में देश छोड़कर जाने की आज्ञा दिए जाने का स्पष्टीकरण दिया जाए। यह मांग की है जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्राह्मण्यम स्वामी ने। 2 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके डा. स्वामी ने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी के कहने पर तत्कालीन कार्मिक मामलों की राज्यमंत्री मार्गरेट अल्वा ने सी.बी.आई. को क्वात्रोकी को छोड़ने के आदेश दिए थे। उस समय फाइलों पर अंकित टिप्पणियां यह सिद्ध करती हैं।8 फरवरी, 2007 को इंटरपोल ने क्वात्रोकी की गिरफ्तारी की सूचना दी थी तब सी.बी.आई. ने कार्यवाही में देरी क्यों की? इसके बाद 13 फरवरी को सी.बी.आई. ने विदेश विभाग को अर्जेंटीना के प्रवर्तन कानून की प्रति के लिए लिखित अनुरोध किया (फोन क्यों नहीं?), जबकि इंटरपोल ने उसी दिन उक्त कानून की प्रति सी.बी.आई. को भेज दी थी। डा. स्वामी ने सी.बी.आई. की इस दोहरी ढील की सफाई भी जाननी चाही है। सरकार जवाब दे कि उस सार्वजनिक दस्तावेज को पाने के लिए सी.बी.आई. को विदेश विभाग को “लिखने” में छह दिन क्यों लगे जबकि वह तो नई दिल्ली स्थित अर्जेंटीना दूतावास में आसानी से उपलब्ध था। क्या ऐसा नहीं कि क्वात्रोकी फिर से बच निकले, इसलिए सी.बी.आई. ने देरी की? प्रतिनिधि8
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