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किस मुंह से जनता का सामना करेंगे कांग्रेसी- भगत सिंह कोयारीभाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्डचुनाव प्रचार में दिन-रात जुटे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोयारी को पूरा भरोसा है कि उत्तराखण्ड में अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी। कपकोट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे भगतदा से जितेन्द्र तिवारी की बातचीत के मुख्य अंश यहां प्रस्तुत हैं-टिकट वितरण की चुनौती और प्रथम चरण के प्रचार के बाद आप राज्य में भाजपा की सरकार बनने के प्रति कितने आशान्वित हैं?चुनावों को ध्यान में रखकर भाजपा ने पिछले 2-3 वर्षों में जनता के बीच अनेक कार्यक्रम किए। गांव-गांव चलो, घर-घर चलो अभियान द्वारा सतत और सघन सम्पर्क किया। जनता से जुड़े हर मुद्दे को हमने सड़क से लेकर सदन तक उठाया। इस बीच हमने भाजपा संगठन को गांव-गांव तक पहुंचाया, हमारी प्रत्येक गांव में समिति है। हर “बूथ” पर दस “यूथ” (युवा) की योजना भी सफलतापूर्वक पूरी की है। इस सबके बाद परिवर्तन रैली और परिवर्तन यात्रा को जो अभूतपूर्व जन समर्थन मिला उससे स्पष्ट हुआ कि प्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है, वह भाजपा के साथ है।चुनाव प्रचार में आप किन मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं?पहली बात तो यह है कि पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार ने जनता को निराश-हताश किया। उसने जनता को ठगा, धोखा दिया। सरकार ने प्रतिवर्ष 2 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही, लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद 20 हजार लोगों को भी रोजगार नहीं मिला। विकास के जो सपने दिखाए थे, वे भी झूठे निकले। यहां तक कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए केन्द्र द्वारा स्वीकृत धन भी यह सरकार उपयोग में नहीं ला सकी। तिवारी सरकार का “विकास” दो-तीन शहरों तक सीमित रह गया।दूसरी बात, भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त रही है यह कांग्रेस सरकार। इस सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई 300 से अधिक लालबत्तियों में गंवाई है।कहा जा रहा है कि जनता भी मन बना चुकी है और कांग्रेस की हालत भी खस्ता है। पर टिकट वितरण में उपजा असंतोष भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है।4-5 विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण को लेकर असंतोष दिखाई दे रहा है। प्रत्याशी तय करते समय अनेक समीकरण देखने होते हैं। इस कारण ऐसा लग सकता है कि जैसा टिकट वितरण होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ। पर अब कार्यकर्ताओं के प्रारंभिक असंतोष के बाद स्थिति सामान्य होती जा रही है। हमें विश्वास है कि हम दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में लौटेंगे। हमारा पूरा विश्वास है कि इस बार कहीं भी भितरघात नहीं होगा।पिछली बार भी जीत के प्रति आप बहुत आशान्वित थे। तब भाजपा ने जीती बाजी हारी थी। इस बार क्या सावधानी बरत रहे हैं?पिछली बार हम विधानसभाओं का ठीक से सर्वेक्षण और विलेषण कर ही नहीं पाए थे, क्योंकि अधिकांश प्रमुख लोग सरकार में थे। इस बार पिछले 6 महीने से हम पूरा सर्वेक्षण और विलेषण कर रहे हैं। पिछली बार हुई चूक को दूर करने का हमने भरपूर प्रयास किया है।मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री हरीश रावत आदि चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, गुटबाजी की भी खबर है, क्या इसका भी लाभ भाजपा को मिलेगा?कांग्रेस लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है इसलिए उसका कोई बड़ा नेता चुनाव लड़ने, जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इसीलिए हम मान रहे हैं कि भाजपा के लिए जीत आसान है। पर इस विश्वास के कारण हम लापरवाह नहीं हुए हैं।फिर भाजपा किसी को भावी मुख्यमंत्री घोषित करके चुनाव मैदान में क्यों नहीं आयी, जैसा सामान्यत: होता रहा है? क्या भाजपा में भी इसको लेकर खींचतान है?कई प्रदेशों में नेता घोषित करके चुनाव पहले भी नहीं लड़े थे, जैसे छत्तीसगढ़ आदि। केन्द्र ने सोचा होगा कि चुनाव जीतना पहला लक्ष्य है। फिर नेतृत्व को लेकर हमारे यहां कोई समस्या नहीं है। न मुख्यमंत्री पद को लेकर हमारे यहां सक्षम और अच्छे उम्मीदवार की कमी है और न ही इसके कारण कोई मनमुटाव और संघर्ष है।पंजाब की चिट्ठीथ् चुनाव आयोग ने पंजाब पुलिस महानिदेशक एस.एस. विर्क को हटायाथ् सरकार हुई उनके भाई कर्नल विर्क पर निहालपंजाब पुलिस के विवादास्पद महानिदेशक एस.एस.विर्क को आखिरकार चुनाव आयोग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आयोग के इस फैसले से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को करारा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं अकाली दल बादल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल व महासचिव एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल ने श्री विर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।श्री विर्क महाराष्ट्र काडर के पुलिस अधिकारी हैं। उनको पंजाब पुलिस प्रमुख बनाने व पंजाब में बनाए रखने में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विोष रुचि दिखाई थी। उनके नेतृत्व में पंजाब पुलिस की कार्य प्रणाली पर उस समय सवालिया निशान लग गया जब राज्य में हुए स्थानीय निकाय के उपचुनावों में पुलिस ने खुलकर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की मदद की। यहां तक कि पटियाला में खुद पुलिस ने कई स्थानों पर तीन दुर्दांत आतंकवादियों को 14 किलो आरडीएक्स के साथ गिरफ्तार किया। इस मामले में भी पुलिस ने खुलकर अपना एकतरफा रंग दिखाया।चंडीगढ़ में जीरकपुर के पास चिमनी हट के मालिक कर्नल आर.डी.एस. विर्क ने चंडीगढ़ कन्वेंशन नाम से 9.2 एकड़ जमीन पर पांच सितारा होटल, हैल्थ क्लब, स्टूडियो व शॉपिंग माल बनाने की मंजूरी ले ली। कर्नल विर्क ने मेगा प्रोजेक्ट के आवेदन में 240 करोड़ रु. निवेश करने की बात कही और सरकार ने उन्हें इस प्रोजेक्ट पर 250 करोड़ तक की छूट दे दी।भाजपा सहित अनेक विपक्षी नेताओं ने खुद चुनाव आयोग से मिलकर उसकी शिकायत की। आयोग ने पहले उनके स्थानान्तरण की मांग तो निरस्त कर दी परन्तु सरकार से श्री विर्क के बारे में सारी रपट तलब की। इन रपटों के आधार पर आयोग ने श्री विर्क को पुलिस प्रमुख पद से हटा दिया और उनके स्थान पर आर.एस.गिल को नया पुलिस प्रमुख नियुक्त करने को कहा है।16
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