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स्वयंसेवकों एवं प्रत्येक देशभक्त भारतीय पर इसे सफल परिणति तक ले जाने का दायित्व-मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह, रा.स्व.संघराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने तरुण विजय से एक विशेष बातचीत में कहा कि रामसेतु की रक्षा हमारे राष्ट्रीय अस्मिता और विरासत की रक्षा का प्रश्न है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी प्रतिनिधि सभा की बैठक में इस सम्बंध में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन का आह्वान किया था।क्या आपको लगता है कि रामसेतु आन्दोलन रामजन्मभूमी आन्दोलन के समान ही जोर और गति पकड पाएगा?श्री राम के सम्बंध में कोई भी विषय हो वह हमारे देश के प्रत्येक व्यक्ति को बहुत गहराई से स्पष्ट करता है। श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन भी हमारी राष्ट्रीय पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। इसी प्रकार रामसेतु आन्दोलन भी केवल भारत और हिन्दुओं की महानतम विरासत का प्रश्न नहीं है बल्कि इसके साथ भारतीय मुस्लिम और ईसाईयों की भावनाएं भी जुड़ी हैं तथा यह विश्व विरासत है।क्या कारण है कि हिन्दू समाज के लोग ही रामसेतु तोड़ने के काम में जुटे हैं और राजनीतिक दल भी बहुतांश में इस सम्बंध में स्पष्ट रूख नहीं अपना रहे हैं।हिन्दू समाज के जागरण का यही कार्य है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है जबकि हिन्दू समाज इतना सोया हुआ हनीं होता तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जागरण के कार्य की आवश्यकता नहीं थी।इस कार्य में क्या सभी राजनीतिक दलों को साथ में नहीं लेना चाहिए?हमारा तो प्रयास है कि प्रत्येक भारतीय इसमें शामिल हो। रामसेतु रक्षा का आन्दोलन सफल होना ही चाहिए इसके लिए हम किसी भी सीमा तक प्रयास कर सकते हैं। यह हमारा लेकतांत्रिक हक है सरकार में बैठे स्वाभिमान शून्य लोग इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। मेरी सरकार और प्रधानमंत्री से भी अपील है कि वे रामसेतु रक्षा के लिए वे सामने आएं। हम सेतुसमुद्रम परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं केवल वर्तमान मार्ग बदलने की मांग कर रहे हैं। जिस मार्ग से रामसेतु तोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने यह मार्ग बदल कर रामसेतु रक्षा का कदम उठाया तब उनका अभिनंदन करेंगे।15
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